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बिहार में का बा, बेरोजगारी दिल्ली से भी कम बा! CMIE की रिपोर्ट पर राजनीति

बिहार में बेरोजगारी की दर दिल्ली से भी कम है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी द्वारा सितंबर महीने के लिए जारी इन आंकड़ों पर राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी बिहार ने इसे ट्वीट कर तेजस्वी यादव से जवाब भी मांग लिया है.

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बिहार में दिल्ली से कम है बेरोजगारी (फाइल फोटो)
बिहार में दिल्ली से कम है बेरोजगारी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार में बेरोजगारी दिल्ली से कम है: CMIE
  • बेरोजगारी के CMIE के आंकड़ों पर राजनीति
  • रिपोर्ट के राजनीतिक इस्तेमाल की कोशिश

बिहार में बेरोजगारी की दर दिल्ली से भी कम है. सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर उत्तराखंड में है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा सितंबर महीने के लिए जारी इन आंकड़ों पर राजनीति शुरू हो गई है.

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) की बिहार ईकाई ने ट्वीट कर राजद नेता तेजस्वी यादव से जवाब भी मांग लिया है. हालांकि, सच तो यह है कि बिहार में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से करीब दोगुनी है. CMIE के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में बेरोजगारी दर 12.5 फीसदी और बिहार में बेरोजगारी दर 11.9 फीसदी है.

BJP Tweet

CMIE के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में बेरोजगारी का राष्ट्रीय औसत 6.7 फीसदी था. गौरतलब है कि बिहार में विधानसभा चुनाव को देखते हुए इन आंकड़ों को राजनीतिक दल अपनी सुविधा के हिसाब से इस्तेमाल करने लगे हैं. सीएमआईई के मुताबिक सितंबर महीने में देश में सबसे कम बेरोजगारी असम में सिर्फ 1.2 फीसदी की थी. लॉकडाउन खुलने के बाद कई सेक्टर के उद्योग खुल गये जिससे राज्यों की बेरोजगारी में कमी आई है.

सबसे ज्यादा बेरोजगारी उत्तराखंड में  

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सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में सबसे ज्यादा 22.3 फीसदी बेरोजगारी उत्तराखंड में रही. इसके बाद 19.7 फीसदी बेरोजगारी हरियाणा में रही. त्रिपुरा में 17.4 फीसदी, जम्मू-कश्मीर में 16.2 फीसदी और राजस्थान में 15.3 फीसदी बेरोजगारी दर रही. 

इन राज्यों में सबसे कम बेरोजगारी 

सबसे कम बेरोजगारी के मामले में असम के बाद छत्तीसगढ़ है जहां सिर्फ 2 फीसदी बेरोजगारी है, जबकि जून में लॉकडाउन के दौरान इस राज्य में 14.2 फीसदी बेरोजगारी थी. सितंबर में बेरोजगारी दर ओडिशा में 2.1 फीसदी, कर्नाटक में 2.4 फीसदी, गुजरात में 3.4 फीसदी, तेलंगाना में 3.3 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 4.2 फीसदी और महाराष्ट्र में 4.5 फीसदी थी. 

बेरोजगारी के आंकड़ों में राहत 

लॉकडाउन खुलने के बाद से राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी के आंकड़ों में लगातार सुधार हो रहा है. अप्रैल में राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर रिकॉर्ड 23.5 फीसदी और मई माह में 21.7 फीसदी दर्ज की गई थी. जून में लॉकडाउन खुलते ही कामकाज शुरू हुआ और बेरोजगारी का यह आंकड़ा 10.2 फीसदी पर आ गया. जुलाई में राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर 7.4 फीसदी तक आ गई. अगस्त में इसमें एक बार फिर बढ़ोतरी हुई और बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी तक पहुंच गई, लेकिन सितंबर माह में इसमें एक बार फिर सुधार आता दिख रहा है. 

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