बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कई पार्टियों ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. महागठबंधन का हिस्सा कांग्रेस पार्टी ने भी बुधवार को अपना बदलावपत्र जारी किया, जिसमें कई बड़े वादे किए गए. इन्हीं से एक वादा कांग्रेस ने शराबबंदी को लेकर भी किया है. कांग्रेस का कहना है कि शराबबंदी के निर्णय की वो सत्ता में आने पर समीक्षा करेगी.
कांग्रेस ने कहा है कि शराबबंदी से राज्य के राजस्व को नुकसान हुआ है, लेकिन सरकार इसके सकारात्मक उद्देश्य से भटक गई है. इसके कारण राज्य में अवैध व्यापार हो रहा है और पुलिस को लाभ पहुंचा है, जबकि जनता अभी भी परेशान ही है. ऐसे में सत्ता में आने पर इसकी सही से समीक्षा की जाएगी.
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आपको बता दें कि शराबबंदी के फैसले को नीतीश सरकार ने लागू किया था और इसे एक बड़ी उपलब्धि करार दिया था. हालांकि, चुनावी सीज़न में बिहार के कई इलाकों में शराब पकड़ी गई है, जो कि इस फैसले के क्रियान्वन पर सवाल खड़े करती है.
इनके अलावा कांग्रेस ने अपने वादों में कई अहम बातें कही हैं, जिनमें सौ यूनिट तक आधा बिल माफ, लड़कियों को स्कूटी, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, विधवाओं को पेंशन देने की बात कही गई है.
बता दें कि कांग्रेस के अलावा लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने भी बुधवार को शराबबंदी पर सवाल उठाए थे. चिराग ने कहा था कि क्या सिर्फ शराबबंदी करने से ही महिला सशक्तिकरण हो गया है. शराबबंदी का फैसला सही तरीके से लागू नहीं हुआ है.
बिहार में कांग्रेस कुल 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और महागठबंधन का हिस्सा है. राज्य में 28 अक्टूबर को पहले चरण के लिए मतदान होना है.