कोरोना वायरस संकट काल के बीच आखिरकार बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव का ऐलान जल्द हो सकता है. शुक्रवार को चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. जिसके बाद औपचारिक रूप से राजनीतिक दलों के बीच चुनावी महासंग्राम की शुरुआत होगी. बिहार की सत्ता पर काबिज नीतीश कुमार को उम्मीद है कि वो एक बार फिर सरकार में वापसी करेंगे, तो वहीं तेजस्वी की अगुवाई में विपक्ष एनडीए के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है.
बिहार में अब जब विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं, तो ऐसे में चुनाव से जुड़ी कुछ अहम बातों पर गौर कीजिए...
विधानसभा में कुल कितनी सीटें, अभी कितनी किसके पास?
बिहार विधानसभा में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं. इस वक्त भाजपा और जदयू का गठबंधन सत्ता में है. राजद बिहार में अभी सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके पास 73 सीटें हैं. लेकिन नीतीश कुमार की जदयू ने 2017 में आरजेडी से गठबंधन तोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था.
एनडीए बनाम महागठबंधन की लड़ाई
बिहार में एक बार फिर चुनावी जंग एनडीए और महागठबंधन के बीच लड़ी जानी है. बीजेपी की ओर से ऐलान किया गया है कि एनडीए नीतीश कुमार की अगुवाई में ही चुनाव लड़ेगा.
एनडीए ( कुल सीटें- 130)
• जदयू – 69
• भाजपा – 54
• लोजपा - 2
• हम – 1
• निर्दलीय – 4
महागठबंधन (कुल सीटें 101)
• राजद – 73
• कांग्रेस – 23
• सीपीआई (ML) – 3
• निर्दलीय - 1
अन्य
1. AIMIM – 1
2. खाली सीटें – 12
कौन बनेगा मुख्यमंत्री ?
भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर ऐलान किया है कि एनडीए की ओर से नीतीश कुमार ही चेहरा होंगे. यानी एक बार फिर मुकाबला नीतीश कुमार बनाम अन्य में होगा. दूसरी ओर राजद ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है लेकिन महागठबंधन की कई पार्टियां उनके नेतृत्व को नहीं स्वीकार रही हैं. ऐसे ही एनडीए में लोजपा के चिराग पासवान खुद को चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट कर रहे हैं और नीतीश कुमार के खिलाफ हल्ला बोले हुए हैं.
बिहार में इस बार एक नया नाम पुष्पम प्रिया चौधरी का भी है, जिन्होंने अखबारों के फ्रंट पेज पर विज्ञापन देकर मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी का ऐलान किया था. वो लगातार अलग-अलग इलाकों में प्रचार प्रसार भी कर रही हैं.