कोरोना वायरस महासंकट के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं. चुनाव आयोग की ओर से चुनाव टालने के कोई संकेत नहीं हैं, ऐसे में राजनीतिक दलों ने वोटरों को साधना शुरू कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने भी चुनाव के लिए अपने सांसदों और राज्य से आने वाले मंत्रियों के लिए टारगेट तय करना शुरू कर दिया है.
पार्टी की ओर से बिहार के सांसद, वहां से आने वाले मंत्री और नेताओं को अपने राज्य और क्षेत्र में वक्त बिताने को कहा गया है. ऐसे में अगर काफी ज्यादा जरूरत हो तभी दिल्ली आने के लिए कहा गया है.
बीजेपी की ओर से अश्विनी चौबे को जिम्मेदारी दी गई है कि वो राज्य के मठ, पुजारी और संतों से संपर्क करें और उनके मन को टटोलें. इसी तरह गिरिराज सिंह को प्रवासी मजदूर, केंद्रीय मंत्री RK सिंह को चुनाव आयोग से जुड़े सभी मुद्दों का हल निकालने को कहा गया है.
बिहार से ही आने वाले मंत्री नित्यानंद राय को अन्य जाति और धार्मिक ग्रुपों से बात करने की जिम्मेदारी दी गई है. चुनाव से पहले भाजपा की कोशिश है कि पंचायत लेवल पर लोगों के साथ जुड़ने के लिए एक बड़े स्तर पर संपर्क अभियान चलाया जाए.
इसके लिए राज्य से आने वाले सभी सांसदों को उनके क्षेत्र में पंचायत लेवल पर संपर्क जुटाने को कहा गया है, साथ ही हर राज्यसभा-लोकसभा सांसद से हर रोज अपने क्षेत्र की दो पंचायत में जाने को जरूर कहा गया है. साथ ही सितंबर में हर सांसद के लिए कम से कम 60 पंचायतों के दौरे का लक्ष्य रखा गया है.
बता दें कि इस साल अक्टूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. कोरोना संकट के कारण इस बार चुनाव में काफी बदलाव होना है, साथ ही वोटरों के जुटने पर भी संकट है. ऐसे में पार्टियों की हर से हर संभव कोशिश की जा रही है कि वोटरों से संपर्क साधा जा सके.