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लौकहा विधानसभा सीट: महागठबंधन से लड़ाई में क्या बचेगा जेडीयू का दुर्ग?

लौकहा विधानसभा सीट से लक्ष्मेश्वर राय विधायक हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में जनता दल युनाइटेड के लक्ष्मेश्वर राय ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रमोद कुमार प्रियदर्शी को चुनावी समर में मात दी थी.

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सीएम नीतीश कुमार के साथ मंत्री लक्ष्मेश्वर राय (फाइल फोटो क्रेडिट- फेसबुक)
सीएम नीतीश कुमार के साथ मंत्री लक्ष्मेश्वर राय (फाइल फोटो क्रेडिट- फेसबुक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लौकहा के विधायक हैं लक्ष्मेश्वर राय
  • नीतीश सरकार में हैं आपदा प्रबंधन मंत्री
  • जेडीयू का दुर्ग बनती जा रही है लौकहा सीट

बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से एक लौकहा विधानसभा का सीट क्रमांक 40 है. यह विधानसभा मधुबनी जिले और झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. इस विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल के दिग्गज नेता और आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय विधायक हैं. यह सीट एनडीए गठबंधन के लिए बेहद अहम है.

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लौकहा विधानसभा में कुल 2,85,441 वोटर्स हैं. जिसमें से 1,47,732 पुरुष और 1,73,705 महिला वोटर हैं. मधुबनी जिले में कुल 10 विधानसभाएं आती हैं. विधानसभाओं के नाम हैं हरलाखी, बेनीपट्टी, खजौली, बाबूबरही, बिस्फी, मधुबनी, राजनगर, झंझारपुर, फुलपरास और लौकहा.

2015 का चुनाव 

2015 के विधानसभा चुनाव में जनता दल युनाइटेड के लक्ष्मेश्वर राय ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रमोद कुमार प्रियदर्शी को चुनावी समर में मात दी थी. 79,971 वोट जेडीयू को पड़े थे, वहीं बीजेपी को 56,138 मत हासिल हुए थे. जीत का अंतर 23,833 था. इस चुनाव में कुल 59 फीसदी लोगों ने वोट किया था. 14 लोग चुनावी महासमर में उतरे थे, जिनमें से 3 महिलाएं थीं. 12 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी.

2015 में जेडीयू भी महागठबंधन का हिस्सा थी, हालांकि महागठबंधन टूट गया और नीतीश कुमार वापस अपने साथी एनडीए की ओर लौट गए. जाहिर तौर पर समीकरण अब उनके पक्ष में और मजबूत होंगे.

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इस सीट पर 2005 से ही जनता दल यूनाइटेड का कब्जा बरकरार है. 2005 में हरि प्रसाद साह, फिर 2010 में भी हरि प्रसाद साह विजयी हुए. उन्होंने आरेजडी के चितरंजन प्रसाद यादव को मात दी थी.

सीट का इतिहास

लौकहा विधानसभा सीट पर पहली बार वोटिंग 1951 में हुई. 1951 से 57 तक यह सीट कांग्रेस के खाते में रही. फिर पीएसपी को 1962 में जीत मिली. 1967 में कांग्रेस की एक बार फिर वापसी हुई. अगले चुनाव में सीपीआई ने कब्जा जमाया. 90 के दशक में सीपीआई का दबदबा रहा और 1990 और 1995 में लगातार सीपीआई के लाल बिहारी यादव चुनाव जीतते रहे. अब तक 16 बार इस सीट पर चुनाव हो चुके हैं.

विधायक का परिचय

लौकहा से जेडूयी के दिग्गज नेता लक्ष्मेश्वर राय विधायक हैं. लक्ष्मेश्वर राय राजनीति में उतरने से पहले कृषि के क्षेत्र में थे. राजनीति में इन्होंने साल 1981 में एंट्री ली. छात्र आन्दोलनों में कई बार जेल भी गए. फुटबाल, कुश्ती और संगीत के क्षेत्र में विशेष रुचि है.

किस-किसके के बीच है मुकाबला?

लौकहा विधानसभा सीट पर मुकाबला एनडीए बनाम महागठबंधन का है. यह सीट सबसे हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है. इस सीट से नीतीश सरकार में मंत्री लक्ष्मेश्वर राय एनडीए की ओर से जेडीयू के उम्मीदवार हैं. उनके सामने महागठबंधन की ओर से राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्यासी भारत भूषण मंडल सामने हैं. दोनों प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर है.

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अन्य राजनीतिक पार्टियों में वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के रामकुमार मंडर, भारतीय चेतना पार्टी की कुमारी मालविका, समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक से आलोक कुमार यादव, राष्ट्रीय जनवादी पार्टी(सोशलिस्ट) से इंदू देवी, जन अधिकार पार्टी(लोकतांत्रिक) से ललित कुमार महतो और लोक जनशक्ति पार्टी से प्रमोद कुमार प्रियदर्शी चुनाव लड़ रहे हैं.

 

60.82% लोगों ने किया वोट

लौकहा विधानसभा में 7 नवंबर को तीसरे चरण के तहत वोटिंग हुई. तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर चुनाव संपन्न हुए थे. लौकहा सीट पर कुल 60.82% फीसदी लोगों ने वोट किया है. चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.

 

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