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Bihar Assembly election, 2020: बीजेपी का गढ़ है परिहार, क्या तीसरी बार सत्ता में होगी वापसी?

साल 2008 में अस्तित्व में आई परिहार विधानसभा सीट पर 2010 से ही भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. गायत्री देवी इस विधानसभा सीट से विधायक हैं.

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परिहार विधानसभा सीट की विधायक गायत्री देवी (फाइल फोटो क्रेडिट- फेसबुक)
परिहार विधानसभा सीट की विधायक गायत्री देवी (फाइल फोटो क्रेडिट- फेसबुक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2008 में अस्तित्व में आई है यह सीट
  • 2 बार से कायम है बीजेपी का जलवा
  • सीतामढ़ी जिले में आती है यह विधानसभा

परिहार विधानसभा सीट सीतामढ़ी जिले के अंतर्गत आती है. इस सीट का गठन 2008 में हुआ. बिहार के 243 विधानसभा सीटों में एक परिहार सीट पर विधानसभा चुनावों की शुरुआत के साथ ही बीजेपी का कब्जा है. कहा जा सकता है कि यह सीट दो बार के विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए सुरक्षित गढ़ के तौर पर उभरी है.

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साल 2010 के विधानसभा चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी के राम नरेश यादव ने राष्ट्रीय जनता दल(आरजेडी) के रामचंद्र पूर्वे को पटखनी दी थी. उस वक्त यहां राम नरेश यादव को 32,987 वोट मिले थे, वहीं राम चंद्र पूर्वे को 28,769 वोट हासिल हुए थे. राम चंद्र पूर्वे आरजेडी के प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं लेकिन उन्हें जीत हासिल नहीं हो सकी.

2015 का जनादेश

दूसरी बार 2015 में इस सीट पर विधानसभा चुनाव हुआ. इस चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी सत्ता हासिल करने में कामयाब रही थी. बीजेपी की गायत्री देवी को भारी जीत मिली थी. सीतामढ़ी जिले में रीगा, बेलसंड, बथनाहा, परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी, सीतमाढ़ी और रुन्नीसैदपुर विधानसभाएं आती हैं.

सीट का इतिहास

आरजेडी दो बार से लगातार यहां चुनाव हार रही है. आरजेडी के लोकप्रिय नेता राम चंद्र पूर्वे दो बार से यहां चुनाव हार रहे हैं. 2015 के चुनाव में बीजेपी को 66,388 वोट मिले, वहीं आरजेडी को कुल 62,371 वोट मिले. यह सीट 2008 में अस्तित्व में आई थी.

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कितने लोगों ने दाखिल किया था नामांकन?

साल 2015 के विधानसभा चुनाव में कुल 14 प्रत्याशी मैदान में थे. जहां 11 पुरुष और 3 महिलाओं ने पर्चा भरा था. इसमें 12 प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई थी. कुल 57.39 फीसदी वोट पड़े थे. दोनों पार्टियों के बीच वोटों का अंतर 4,017 था. 

जनसंख्या

परिहार विधानसभा सीट में कुल 2,68,167 मतदाता हैं. राज्य में कुल 1,40,316 पुरुष वोटर हैं, वहीं 1,27,837 महिला वोटर्स हैं. परिसीमन आयोग के बंटवारे के हिसाब से परिहार विधानसभा क्षेत्र में सोनबरस, दोसतिया, सोनबरसा, बिशुनपुर अधार, पुरंधा राजवारा पुरवी, पुरंधा राजवारा पाश्चिमी, इंदरवा, भलुआहा, सिंघवाहिनी, पिपरा परसैन, मढिया और जयनगर ग्राम पंचायतें शामिल हैं.

विधायक का परिचय

गायत्री देवी का जन्म 1 जनवरी 1964 कोयी भरवां, जिला मुजफ्फरपुर, बिहार में हुआ. गायत्री देवी कक्षा नौवीं पास हैं. उनके तीन बेटे हैं. साल 1990 में उन्होंने राजनीति में एंट्री ली थी. विधायक बनने से पहले वे बीजेपी की महिला मोर्चा का कमान संभाल चुकी है. वे महामंत्री थीं.

गायत्री देवी के पति राम नरेश प्रसाद यादव ही नए परिसीमन के बाद 2010 का विधानसभा चुनाव जीते थे. कहा जाता है कि आपराधिक मामलों में नाम आने के चलते उनका चुनाव प्रभावित हुआ था और पत्नी को पार्टी ने टिकट दिया. परिहार विधानसभा क्षेत्र में गायत्री देवी का परिवार चर्चित है. देखते हैं कि इस बार बीजेपी अपना सीट बचाने में कामयाब हो पाती है या नहीं.

 

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किसके बीच है कड़ा मुकाबला?

परिहार विधानसभा सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) की ओर से भारतीय जनता पार्टी की गायत्री देवी चुनावी समर में हैं. महागठबंधन की ओर से राष्ट्रीय जनता जदल की रितु कुमार मैदान में हैं. मुख्य मुकाबला महागठबंधन बनाम एनडीए के बीच ही है. अन्य प्रत्याशियों में राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी की ओर से अमजद हुसैन अनवर चुनाव लड़ रहे हैं. जनता कांग्रेस से अब्दुल शालिक प्रत्याशी हैं. इंडियन नेशनल लीग से नीतीश कुमार, जनता दल राष्ट्रवादी से मोहम्मद. इस सीट पर निर्दलीय भी कई उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.

54.34% लोगों ने किया वोट

तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर चुनाव हुए. परिहार में भी तीसरे चरण में ही चुनाव संपन्न हुए. परिहार विधानसभा में कुल 54.34% फीसदी लोगों ने वोट किया है. 10 नवंबर को चुनाव के नतीजे घोषित होंगे.

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