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सीवान: क्या बड़हरिया विधानसभा से थमेगा JDU का विजय रथ?

बड़हरिया से जेडीयू विधायक श्याम बहादुर सिंह अक्सर बार बालाओं के साथ डांस की वजह से मीडिया के हॉट टॉपिक बने रहते हैं. अब विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही एक बार फिर बड़हरिया विधानसभा की चर्चा तेज हो गई है.

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डॉक्टर अशरफ अली राजद के प्रबल दावेदार
डॉक्टर अशरफ अली राजद के प्रबल दावेदार
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2015 में बड़हरिया से जेडीयू को मिली जीत
  • इस बार आसान नहीं होगी जेडीयू की राह
  • राजद के डॉक्टर अशरफ अली प्रबल दावेदार

बिहार के कुछ विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जो अकसर अपने विधायक की वजह से नेशनल मीडिया की सुर्खियां बटोरते हैं. इसी तरह का एक विधानसभा क्षेत्र सीवान का बड़हरिया है. दरअसल, सीवान जिले के बड़हरिया से जेडीयू विधायक श्याम बहादुर सिंह अक्सर बार बालाओं के साथ डांस की वजह से मीडिया के हॉट टॉपिक बने रहते हैं. अब विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही एक बार फिर बड़हरिया विधानसभा की चर्चा तेज हो गई है. दरअसल, इस बार माहौल जेडीयू विधायक के खिलाफ बन रहा है और इसका फायदा राजद को मिलने की उम्मीद है. हालांकि, राजद के अंदर भी इस सीट पर दावेदार को लेकर कशमकश है.  

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डॉक्टर अशरफ अली राजद के प्रबल दावेदार
राजद की ओर से बड़हरिया विधानसभा के लिए अशरफ अली प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. अशरफ अली पेशे से डॉक्टर हैं और लंबे समय से बड़हरिया में प्रैक्टिस कर रहे हैं. स्थानीय पत्रकार कुमार राहुल बताते हैं कि डॉक्टर अशरफ अली विधानसभा क्षेत्र में गरीबों के मुफ्त इलाज और गरीब अस्पताल चलाने की वजह से काफी चर्चित हैं. वह लंबे समय से राजद में सक्रिय हैं और पार्टी सुप्रीमों लालू यादव के करीबी भी माने जाते हैं.

स्थानीय पत्रकार कुमार राहुल के मुताबिक अशरफ अली राजद के मुस्लिम और यादव समीकरण पर सटीक बैठते हैं. वहीं मुफ्त इलाज की वजह से अशरफ अली ने पिछड़े वर्ग के बीच पैठ बनाई है. चुनाव प्रचार के दौरान अशरफ अली अपने प्रोफेशन को भुना रहे हैं और लोगों को मौके पर बीमारी पूछकर दवा बांट रहे हैं. इसके अलावा शिक्षित होना और स्वच्छ छवि भी अशरफ अली का मजबूत फैक्टर है.   

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राजद के मुस्लिम यादव समीकरण पर फिट

बीजेपी MLC के भाई भी राजद के दावेदार
स्थानीय पत्रकार सुधीर कुमार बताते हैं कि बड़हरिया विधानसभा में राजद के सबसे दिलचस्प उम्मीदवार बच्चा पांडे हैं. दरअसल, बच्चा पांडे के भाई टुन्ना पांडे बीजेपी समर्थित एमएलसी के अलावा एक बड़े शराब कारोबारी भी हैं. बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र में इस बात की चर्चा है कि टुन्ना पांडे पैसे के बल पर अपने भाई को टिकट दिला सकते हैं.

आपको यहां बता दें कि बीजेपी समर्थित एमएलसी टुन्ना पांडे पॉक्सो एक्ट के तहत जेल की हवा भी खा चुके हैं. टुन्ना पांडे पर ट्रेन में लड़की से छेड़छाड़ के आरोप लगे थे. इसके अलावा अपने बड़बोलेपन की वजह से भी काफी ट्रोल होते रहते हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शराबबंदी की आलोचना कर सुर्खियों में आए थे. 

लोजपा से लड़ चुके हैं बच्चा पांडे 
साल 2015 में बच्चा पांडे लोजपा से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. इस चुनाव में जेडीयू एनडीए गठबंधन से बाहर थी. ऐसे में एनडीए गठबंधन की ओर से बड़हरिया सीट लोजपा के खाते में गई. इस सीट पर बच्चा पांडे को करारी शिकस्त मिली. स्थानीय पत्रकार सुधीर कुमार बताते हैं कि साल 2015 विधानसभा चुनाव में बच्चा पांडे और टुन्ना पांडे पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के भी आरोप लगे. इसके बाद से ही बच्चा पांडे की छवि कट्टर बन गई. ऐसे में अगर राजद बच्चा पांडे को टिकट देती भी है तो बड़हरिया के मुस्लिम वोटर छिटक सकते हैं.

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ये भी हैं लिस्ट में
राजद के जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष लीलावती गिरी भी राजद की दावेदार मानी जा रही हैं. लीलावती गिरी सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के परिवार की करीबी मानी जाती हैं. वह बीते साल लोकसभा चुनाव के दौरान भी शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब के साथ सक्रिय तौर पर प्रचार कर रही थीं. हीना शहाब अपने करीबियों में सबसे अधिक भरोसा लीलावती गिरी पर ही करती हैं. वह राजद के सबसे पुरानी महिला नेत्री भी हैं. राजद की ओर से जकारिया खान, गब्बर यादव, मोहम्मद मोविन भी ताल ठोक रहे हैं. हालांकि मोहम्मद मोविन साल 2010 में राजद के प्रत्याशी थे लेकिन उन्हें हार मिली.

एनडीए की ओर से श्याम बहादुर फिर से!
ऐसा माना जा रहा है कि एनडीए की ओर से वर्तमान जेडीयू विधायक श्याम बहादुर सिंह को टिकट मिलना तय है. श्याम बहादुर सिंह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है. यही वजह है कि तमाम विवादों के बाद भी श्याम बहादुर सिंह पर पार्टी कोई एक्शन नहीं लेती है. इस सीट के बीजेपी के खाते में जाने की संभावना बेहद कम है.

बड़हरिया विधानसभा के बारे में
साल 2010 में परिसीमन के बाद बड़हरिया विधानसभा अस्तित्व में आया था. इसके बाद से जेडीयू के श्याम बहादुर सिंह लगातार बड़हरिया से जीत रहे हैं. इससे पूर्व एक बार वे जीरादेई के विधायक भी रह चुके हैं. इस इलाके में मुस्लिम समुदाय के अलावा पिछड़ा वर्ग टर्निंग प्वाइंट साबित होता रहा है.

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