बिहार की 243 विधानसभाओं में से एक सुपौल विधानसभा की सीट संख्या 43 है. यह विधानसभा सुपौल जिले और लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. इस सीट से जनता दल यूनाइटेड के दिग्गज नेता बिजेंद्र प्रसाद यादव विधायक हैं. बिजेंद्र प्रसाद यादव नीतीश सरकार में मंत्री भी हैं.
सुपौल सीट आज भी किसी भी दूसरी पार्टी के लिए अभेद्य दुर्ग की तरह है. सुपौल जिले में कुल 5 विधानसभाएं आती हैं. सुपौल, पिपरा, निर्मली, छातापुर और त्रिवेणीगंज. सुपौल वैदिक काल से ही मिथिलांचल का हिस्सा रहा है. जिले के बीच से बहने वाली कोसी नदी ही बिहार को शोक कही जाती है. ज्यादातर हिस्से बाढ़ के दिनों में प्रभावित रहते हैं.
2015 का चुनाव
2015 के चुनाव में जनता दल यूनाइटे के बिजेंद्र प्रसाद यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के किशोर कुमार को चुनावी समर में पटखनी दी थी. जेडीयू को जहां इस चुनाव में 82,295 वोट मिले, वहीं बीजेपी महज 44,898 सीटों पर सिमट गई थी. इस चुनाव में बीजेपी की पुरानी सहयोगी जेडीयू ने महागठबंधन से हाथ मिला लिया था, ऐसे में बीजेपी का प्रदर्शन यहां कमजोर रहा. लेकिन फिर जेडीयू की एनडीए में वापसी हो गई.
2015 में इस सीट से कुल 10 लोग चुनाव लड़े थे जिनमें से 7 की जमानत तक जब्त हो गई थी. कुल 57.15 फीसदी लोगों ने वोटिंग में हिस्सा लिया था. 2010 के चुनाव में भी बिजेंद्र प्रसाद यादव को ही जीत मिली थी. उन्होंने आरजेडी के रविंद्र कुमार रमण को चुनाव में मात दी थी. 1990 से लेकर 2015 तक, इसी सीट से बिजेंद्र प्रसाद यादव लगातार चुनाव जीतते आए हैं.
सीट का इतिहास
इस सीट पर पहली बार 1951 में वोटिंग हुई. तब कांग्रेस पार्टी के लहतों चौधरी को जीत मिली थी. फिर 1967 से 1972 तक यह सीट कांग्रेस पार्टी की रही. 1990 से इस सीट पर बिजेंद्र प्रसाद यादव का कब्जा रहा. लगातार वे चुनाव जीतते रहे. 6 बार लगातार चुनाव जीतने वाले बिजेंद्र प्रसाद जेडीयू के दिग्गज नेता हैं, जिन्हें हराना दूसरे दलों के लिए आज भी टेढ़ी खीर बनी हुई है.
सामाजिक ताना बाना
सुपौल विधानसभा सीट सीट, बिहार की सबसे विआईपी सीटों में से एक है. इस सीट पर कुल 2,45,712 वोटर्स हैं. इनमें 1,27,942 पुरुष और 1,17,762 महिला वोटर्स हैं.
विधायक के बारे में
बिजेंद्र प्रसार यादव बिहार की राजनीति में बड़े नाम हैं. 10 अक्टूबर 1946 को जन्मे बिजेंद्र प्रसाद यादव का पैतृत गांव मुरली है. राजनीति में आने से पहले कृषि क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं. 1967 में इन्होंने राजनीति में एंट्री ली. राजनैतिक कारणों से 1971,72,74 और 75 में मीसा के तहत जेल में गए.
राजनीति जिम्मेदारियों में 1990 से 95 तक ऊर्जा विभाग के राज्य मंत्री रहे. फिर 1995 से 1997 तक नगर विकास और विधि विभाग के मंत्री रहे. ऊर्जा विभाग के मंत्री 2005 से 2008 तक रहे.
कब होंगे बिहार में विधानसभा चुनाव?
बिहार में 28 अक्टूबर को पहले चरण के लिए मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण के लिए 3 नवंबर और सात नवंबर को तीसरे चरण की वोटिंग होगी. इस बार दस नवंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे.
किस-किसके के बीच है मुकाबला?
सुपौल विधानसभा सीट बिहार की सबसे हाई प्रोफाइल विधानसभाओं में से एक है. इस विधानसभा सीट से एनडीए की ओर से जनता दल यूनाइटेड के बिजेंद्र प्रसाद यादव एक बार फिर चुनाव लड़ रहे हैं. लगातार 6 बार से वे चुनाव भी जीत रहे हैं. उनके सामने महागठबंधन की ओर से कांग्रेस प्रत्याशी मिन्नतुल्लाह रहमानी हैं. इस सीट पर महागठबंधन बनाम एनडीए की सीधी लड़ाई है.
अन्य दलों में लोकजनशक्ति पार्टी की ओर से प्रभाष चंद्र मंडल, जनता दल(सेक्युलर) की ओर से मृत्युंजय कुमार, जय हिंद पार्टी की ओर से सुरेश कुमार आजाद, पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया(डेमोक्रेटिक) की ओर से पंकज कुमार मंडल चुनाव लड़ रहे हैं. इस चुनाव में कुल 20 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं.
59.34% लोगों ने किया वोट
सुपौल विधानसभा में 7 नवंबर को तीसरे चरण के तहत वोटिंग हुई. तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर चुनाव संपन्न हुए थे. सुपौल सीट पर कुल 59.34% फीसदी लोगों ने वोट किया है. चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.