बिहार में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो गई है, अब दस नवंबर को नतीजों का इंतजार है. बिहार की बिकरम विधानसभा सीट पर इस बार 28 अक्टूबर को वोट डाले गए, यहां कुल 58.66 फीसदी मतदान हुआ.
बिहार की बिकरम विधानसभा सीट पर पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में आती है, जो राजनीतिक लिहाज से काफी अहम है. पिछले चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ने अपना परचम लहराया था, लेकिन इस बार हालात पूरी तरह बदल चुके हैं.
कौन है उम्मीदवार?
• अतुल कुमार – भारतीय जनता पार्टी
• अरुण कुमार – बहुजन समाज पार्टी
• सिद्धार्थ सौरव – कांग्रेस
• चंद्रशेखर यादव – जन अधिकार पार्टी
मतदान की तिथि – पहला चरण, 28 अक्टूबर
चुनाव के नतीजे - दस नवंबर
क्या कहता है राजनीतिक इतिहास?
बिकरम विधानसभा सीट बिहार की उन सीटों में शामिल है, जहां लगभग हर पार्टी ने अपना परचम लहराया है. यहां लेफ्ट पार्टी, बीजेपी, कांग्रेस, जनता पार्टी ने कम से कम एक बार जीत तो दर्ज की है. सीट की शुरुआत 1957 में हुई तब कांग्रेस ने चुनाव जीता था, उसके बाद कांग्रेस आखिरी बार 1972 में यहां से जीती थी. और फिर एक लंबे अंतराल के बाद 2015 में कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया था.
क्या है यहां का जातीय समीकरण?
इस विधानसभा सीट का इतिहास बताता है कि यहां पर भूमिहार जाति का दबदबा सबसे अधिक है. भूमिहार के बाद यहां यादव जाति के वोटरों की संख्या काफी अधिक है. ऐसे में राजनीतिक दलों की ओर से जाति के समीकरण को देखकर ही अपने उम्मीदवार पर दांव लगाया जाता है. अगर वोटरों की संख्या को देखें तो यहां कुल तीन लाख के करीब वोटर हैं जिनमें से 1.40 लाख से अधिक वोटर पुरुष हैं.
2015 में क्या रहे थे चुनावी नतीजे?
पिछले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने भाजपा को मात दी थी. महागठबंधन में होने का फायदा कांग्रेस को भी मिला था. कांग्रेस के सिद्धार्थ को इस सीट पर 94 हजार से अधिक वोट मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के अनिल कुमार को सिर्फ 49 हजार वोट मिल पाए थे. अनिल कुमार इस सीट से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन पिछली बार उनका जादू नहीं चला.
स्थानीय विधायक के बारे में?
तीन बार के विधायक अनिल कुमार को मात देकर कांग्रेस के सिद्धार्थ सिंह ने यहां हर किसी को हैरान कर दिया था. इस बार भी महागठबंधन की ओर से उन्हें मौका मिलने की उम्मीद है. स्थानीय विधायक सिद्धार्थ पर एक नाबालिग लड़की के अपहरण का भी केस दर्ज हुआ था, साथ ही वो हत्या के मामले में अभी सजा काट चुके हैं.