
राजनीति में कभी-कभी कार्यकर्ता भी नेताओं को चकमा दे देते हैं. ऐसा ही दिलचस्प मामला लोगों को बिहार के रोसड़ा विधासनसभा में देखने को मिला. जहां एक जैसे नाम होने के कारण असली उम्मीदवार की जगह किसी कार्यकर्ता ने ही उनके नाम से टिकट ले लिया और नामांकन करने अनुमंडल कार्यालय भी पहुंच गया.
समस्तीपुर जिले में रोसड़ा सीट एनडीए गठबंधन में बीजेपी के खाते में गई थी. वहां से वीरेन्द्र कुमार पासवान का नाम उम्मीदवार के रूप में सूची में जारी किया गया था. सूची सोशल मीडिया पर वायरल होते ही एक अजीबोगरीब वाकया हुआ.
बीजेपी के कार्यकर्त्ता अपने ही नेता को चकमा दे गए. बीजेपी प्रदेश कार्यालय में उम्मीदवारों की लाइन लगी हुई थी. सूची में वीरेन्द्र कुमार पासवान नाम देख कर दरभंगा निवासी वीरेन्द्र पासवान ने वीरेंद्र कुमार पासवान बता कर रोसड़ा विधानसभा क्षेत्र का पार्टी सिंबल ले लिया. उसमें अपना नाम, पिता का नाम भर लिया और सिंबल लेकर नामांकन करने समस्तीपुर जिले के रोसड़ा अनुमंडल कार्यालय पहुंच गए.
बता दें कि समस्तीपुर बीजेपी जिला मंत्री वीरेंद्र कुमार पासवान को पार्टी ने प्रत्याशी घोषित किया है. जब ये लोग सोमवार को पटना स्थित पार्टी कार्यकाल पहुंचे तो उन्हें जानकारी दी गई कि सिंबल तो वीरेन्द्र कुमार पासवान ले गए हैं. ये बात सुनते ही बीजेपी नेताओं के होश उड़ गए कि वीरेंद्र कुमार पासवान तो हमारे साथ हैं फिर कौन टिकट ले गया.
जब इसकी जांच शुरू हुई काफी संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को रोसड़ा अनुमंडल कार्यालय भेजा गया तब मामले का खुलासा हुआ कि दरभंगा के रहने वाले वीरेंद्र पासवान चकमा देकर बीजेपी पार्टी का सिंबल ले आए हैं. इसकी सूचना प्रदेश कार्यालय को दी गई. तब पहले जारी किए गए सिंबल को रद्द करते हुए असली वीरेन्द्र कुमार पासवान के नाम से नया सिंबल जारी किया गया.
अब समस्तीपुर बीजेपी के कार्यकर्त्ता सोशल मीडिया पर असली प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार पासवान और नकली प्रत्याशी वीरेंद्र पासवान के बारे में जिक्र करते हुए गुमराह होने से बचने की अपील कर रहे हैं.
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