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बिहार चुनाव: पीएम मोदी की चार दिन में ताबड़तोड़ 12 रैलियां, सासाराम से करेंगे आगाज

प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों को लेकर भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का प्लान सामने आ गया है. पीएम मोदी बिहार में 12 रैलियां करेंगे. प्रधानमंत्री 23 अक्टूबर को सासाराम से चुनावी रैली का आगाज करेंगे. इस दिन पीएम की बिहार में तीन रैलियां होंगी. सासाराम के अलावा गया और भागलपुर में भी पीएम मोदी चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे. 

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पीएम मोदी (फाइल फोटो)
पीएम मोदी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीएम मोदी बिहार में करेंगे 12 रैलियां
  • हर दिन तीन जनसभाओं को करेंगे संबोधित
  • 23 अक्टूबर को सासाराम से करेंगे आगाज

बिहार में चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक पार्टियों के प्रचार में भी तेजी आ गई है. प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों को लेकर भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का प्लान सामने आ गया है. पीएम मोदी बिहार में 12 रैलियां करेंगे. प्रधानमंत्री की ये रैलियां 23 और 28 अक्टूबर, 1 और 3 नवंबर को होगी. हर दिन पीएम तीन रैलियों को संबोधित करेंगे. 

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प्रधानमंत्री 23 अक्टूबर को सासाराम से चुनावी रैली का आगाज करेंगे. इस दिन पीएम की बिहार में तीन रैलियां होंगी. सासाराम के अलावा गया और भागलपुर में भी पीएम मोदी चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे. 

इसके बाद पीएम मोदी  28 अक्टूबर को दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पटना में रैली करेंगे. पीएम 1 नवंबर को छपरा, पूर्वी चंपारण और समस्तीपुर और 3 नवंबर को पश्चिमी चंपारण, सहरसा और फारबिसगंज में रैली करेंगे. 

पीएम मोदी की होने वाली रैलियों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंच पर मौजूद रहेंगे. पीएम मोदी की चारों दिन होने वाली दूसरी रैली में जेडीयू का कोई ना कोई बड़ा नेता खुद मौजूद रहेगा. जैसे 23 अक्टूबर को पीएम मोदी की गया में होने वाली दूसरी रैली में जेडीयू के ललन सिंह मौजूद रहेंगे. 

सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी की सभी 12 रैलियों वहां रखी गई है जहां पर जेडीयू की स्तिथि थोड़ी कमजोर है और जहां एलजेपी वोट काटकर जेडीयू और बीजेपी को नुकसान पहुचा सकती है.

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बीजेपी ने पहले ही कस ली थी कमर

बीजेपी ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए पहले से ही कमर कस ली थी. पार्टी ने अपने संगठन प्रदेश से जिला और जिला से मंडल और मंडल से शक्ति केंद्र और शक्ति केंद्र से सप्तर्षि तक बांट दिया है. 

एक विधानसभा सीट में लगभग तीन मंडल आते हैं. इस प्रकार से हर मंडल में एक हजार से ज्यादा बूथ आते हैं. एक महीने पहले से बीजेपी पूरे प्रदेश में अपने सप्तर्षियों की बैठक कर रही है. इस चुनाव में बीजेपी संगठन की दृष्टि से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण शक्तिकेंद्र और सप्तर्षि हैं. 

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एक मंडल में 10 शक्ति केंद्र होते हैं और एक शक्ति केंद्र में 100 बूथ और हर बूथ पर सप्तर्षि होते हैं. एक शक्ति केंद्र में एक प्रमुख, सह प्रमुख और एक इंचार्ज होता है जो उसी जिले या किसी दूसरे मंडल से होता है. एक IT और सोशल मीडिया एक्स्पर्ट होता है, जो पार्टी के कार्यक्रमों के लिए जिले और सप्तर्षि के साथ कोऑर्डिनेशन का काम देखते हैं. 

सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने 72 हजार में से 63 हजार बूथ पर सप्तर्षि बना चुकी है. हर बूथ में सप्तर्षि बनाए गए हैं, यानी हर बूथ पर एक बूथ प्रमुख, एक सह प्रमुख, एक मेंटर, एक SC, एक ST, एक महिला और  IT एक्स्पर्ट हैं. इनका काम घर-घर जा कर पार्टी के कार्यक्रमों और बिहार सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में मतदाता को जानकारी देना है. 

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