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कांग्रेस ने कबूली महागठबंधन में कमजोर कड़ी होने की बात, तारिक अनवर बोले- सच स्वीकारना चाहिए

बिहार में महागठबंधन बहुमत के आंकड़े को नहीं छू पाया और इसके पीछे की वजह कांग्रेस का बुरा प्रदर्शन बताई जा रही है. अब कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने पार्टी के प्रदर्शन पर बड़ी बात कह दी है.

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चुनावी सभा के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव (फाइल: PTI)
चुनावी सभा के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव (फाइल: PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार चुनाव पर तारिक अनवर का ट्वीट
  • कांग्रेस के कारण महागठबंधन की हार: तारिक

बिहार में महागठबंधन एक बार फिर सरकार बनाने से चूक गया है. इसका मुख्य कारण कांग्रेस का बुरा प्रदर्शन बताया जा रहा है. और अब कांग्रेस ने भी इस बात को स्वीकार कर लिया है. कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने ट्वीट कर लिखा है कि हमें सच को स्वीकार करना चाहिए कि कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन की वजह से ही महागठबंधन की सरकार नहीं बन पाई.

तारिक अनवर ने गुरुवार सुबह ट्वीट कर लिखा, ‘हमें सच को स्वीकार करना चाहिए. कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के कारण महागठबंधन की सरकार से बिहार महरूम रह गया. कांग्रेस को इस विषय पर आत्म चिंतन ज़रूर करना चाहिए कि उस से कहां चूक हुई? MIM की बिहार में एंट्री शुभ संकेत नहीं हैं’.

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बता दें कि तारिक अनवर कांग्रेस के महासचिव हैं और मूलरूप से बिहार से ही आते हैं. तारिक ने इसके अलावा नीतीश कुमार को लेकर भी ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि भाजपा की मेहरबानी रही तो नीतीश जी इस बार अंतिम रूप से मुख्यमंत्री का शपथ लेंगे, देखते हैं ‘बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी’.

तारिक अनवर ने कहा कि कांग्रेस की सीमांचल क्षेत्र में ओवैसी की ताकत को कम आंकना एक गलती थी, महागठबंधन को जनता का जनादेश स्वीकार करके विपक्ष में बैठना चाहिए.

कांग्रेस नेता बोले कि सरकार बनाने के लिए महागठबंधन को ओवैसी की पार्टी से समर्थन नहीं लेना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जो 19 विधायकों को जीते हैं मुझे नहीं लगता है कि वह टूटेंगे, जोड़-तोड़ कर के महागठबंधन को सरकार बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. इनके अलावा राजद विधायक अख्तरुल इमाम ने भी कहा कि लोग जानते हैं कि हम किनकी वजग से चुनाव नहीं जीत पाए हैं.

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गौरतलब है कि इस बार बिहार में कांग्रेस को सिर्फ 19 विधानसभा सीट पर ही जीत मिली है, जबकि कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस का जीत प्रतिशत 30 फीसदी से भी कम रहा है, जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 10 फीसदी से कम ही रहा है. महागठबंधन में राजद को 74 सीटें मिली हैं, जबकि लेफ्ट पार्टियों ने 14 सीटों पर जीत हासिल की है.

ऐसे में महागठबंधन को लेकर लगातार राजनीतिक विश्लेषकों ने सवाल खड़े किए हैं और कांग्रेस के बुरे प्रदर्शन पर निशाना साधा है. राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर अगर कांग्रेस का प्रदर्शन बढ़िया रहता, तो शायद नतीजे कुछ और हो सकते थे. 

बता दें कि बिहार चुनाव में कांग्रेस के टिकट बंटवारे को लेकर भी सवाल उठे थे. पहले चरण की सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होते ही पार्टी के कई नेता प्रदेश अध्यक्ष से लेकर अभियान समिति के अध्यक्ष बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल तक पर अनुचित टिकट बंटवारे के आरोप लगे थे. इसके अलावा कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं ने भी प्रचार में कम ही रुचि दिखाई.


 

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