दरभंगा जिले के दरभंगा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र को लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का गढ़ माना जाता है. इस विधानसभा क्षेत्र का चुनावी अतीत भी इस बात की गवाही देता है. इस सीट पर इस समय आरजेडी का कब्जा है. आरजेडी यहां जीत की हैट्रिक लगा चुकी है. ऐसे में देखना होगा कि क्या इस बार सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) आरजेडी का किला ध्वस्त कर पाता है?
दरभंगा ग्रामीण विधानसभा सीट से 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के ललित कुमार यादव ने जीत हासिल की थी. ललित को 70 हजार 557 वोट मिले थे. ललित के निकटतम प्रतिद्वंदी जीतनराम मांझी की पार्टी हम के नौशाद अहमद को 36 हजार 66 वोट मिले थे. पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के उम्मीदवार को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था. तब इस सीट से 12 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी.
आरजेडी ने फिर से ललित यादव पर ही भरोसा जताया है. ललित के सामने जनता दल यूनाइटेड ने फराज फातमी को चुनाव मैदान में उतारा है. लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर प्रदीप कुमार ठाकुर, बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर सुनील कुमार मंडल भी चुनाव लड़ रहे हैं.
क्या कहता है चुनावी अतीत
इससे पहले 2010 के विधानसभा चुनाव में भी आरजेडी के ललित कुमार यादव ही विधायक निर्वाचित हुए थे. तब ललित ने जेडीयू के अशरफ हुसैन को मात दी थी. साल 2010 से पहले यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी. इस सीट पर पहली बार 1977 में चुनाव हुआ था. तब जनता पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे जगदीश चौधरी ने बाजी मारी थी.
जगदीश चौधरी ने 1980 में भी इस सीट पर कब्जा बरकरार रखा था. 1985 में कांग्रेस के रामचंद्र पासवान विजयी हुए, लेकिन 1990 के चुनाव में जगदीश चौधरी ने फिर से विजयश्री हासिल कर यह सीट जनता पार्टी की झोली में डाल दी. 1995 में आरजेडी के मोहन राम विजयी रहे, तो वहीं 2000 के चुनाव में जीत का सेहरा लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) की सुनीति रंजन के सिर सजा. 2005 में आरजेडी के पितांबर पासवान चुनाव जीते और तब से इस सीट पर पार्टी का कब्जा है.
2.6 लाख से अधिक मतदाता
दरभंगा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में दूसरे चरण में 3 नवंबर को वोटिंग हुई. दरभंगा ग्रामीण सीट पर 54.02 फीसदी मतदान हुआ. 10 दिसंबर को मतगणना होगी. गौरतलब है कि पिछले चुनाव यानी 2015 में इस सीट पर 52.2 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था.