
बिहार की डेहरी विधानसभा सीट रोहतास जिले में आती है. इस सीट पर दिलचस्प मुकाबले में महागठबंधन की ओर से राजद उम्मीदवार फतेह बहादुर सिंह ने जीत हासिल की है. उन्होंने NDA खेमे से भाजपा प्रत्याशी सत्यनारायण यादव को 464 वोटों से हराया है. डेहरी विधानसभा सीट पर इस बार 28 अक्टूबर को वोट डाले गए और कुल 52.57% मतदान हुआ. बता दें कि 2019 के उपचुनाव में बीजेपी के सत्यनारायण सिंह विधायक चुने गए थे.
चुनाव मैदान में उतरे ये उम्मीदवार
डेहरी विधानसभा चुनाव में पहली बार इलियास हुसैन या परिवार से कोई चुनावी मैदान में नहीं उतरा. वहीं, भाजपा विधायक सत्यनारायण सिंह पर पार्टी ने फिर विश्वास जताया. इसके अलावा महागठबंधन की ओर से राजद उम्मीदवार फतेह बहादुर सिंह ने चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई. फतेह बहादुर सिंह कुशवाहा जाति से आते हैं. सोना देवी बसपा से तो वहीं राष्ट्रीय सेवा दल से प्रदीप जोशी ने चुनावी ताल ठोकी.
इस साल बिहार विधानसभा चुनाव 3 चरणों में संपन्न हुए. पहले चरण के लिए 28 अक्टूबर, दूसरे चरण के लिए 3 नवंबर को वोट डाले गए. जबकि तीसरे यानी आखिरी चरण का चुनाव 7 नवंबर को हुआ.
उपचुनाव में बीजेपी ने मारी बाजी
2019 में डेहरी में उपचुनाव हुआ, जिसमें बीजेपी ने जीत हासिल की. बीजेपी के सत्यनारायण सिंह ने आरजेडी उम्मीदवार मोहम्मद फिरोज हुसैन को मात दी. सत्यनारायण सिंह को डेहरी में 72,097 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी मोहम्मद फिरोज हुसैन को 38,104 वोट मिले.
फिरोज हुसैन के पिता मोहम्मद इलियास हुसैन ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में डेहरी सीट पर जीत दर्ज की थी. रांची की सीबीआई अदालत की तरफ से भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने की वजह से वह विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य हो गए और इसके कारण खाली हुई डेहरी सीट पर उप-चुनाव कराना पड़ा था.
2015 का जनादेश
2015 के विधानसभा चुनाव में डेहरी में 272992 मतदाता थे. इसमें से 54.12 फीसदी पुरुष और 45.88 महिला मतदाता थे. डेहरी में 145774 लोगों ने वोट डाला था. यहां पर 53 फीसदी मतदान हुआ था. चुनाव में आरजेडी के मोहम्मद इलियास हुसैन ने बीएलएसपी के जितेंद्र कुमार को मात दी थी. मोहम्मद इलियास हुसैन को 49402 (33.92 फीसदी ) वोट मिले थे और जितेंद कुमार को 45504 (31.24 फीसदी) वोट हासिल हुए थे. मोहम्मद इलियास हुसैन ने जितेंद्र कुमार को 3 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी थी.
काराकाट विधानसभा सीट का इतिहास
काराकाट लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ये सीट आरजेडी के दिग्गज नेता मोहम्मद इलियास हुसैन का गढ़ हुआ करती थी. वह 6 बार यहां से विधायक रहे. 2015 के चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की थी, लेकिन 2019 में यहां पर हुए उपचुनाव में उनके बेटे मोहम्मद फिरोज हुसैन को मात मिली और ये सीट बीजेपी के कब्जे में चली गई. दरअसल, भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने की वजह से वह विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य हो गए और इसके कारण खाली हुई डेहरी सीट पर उपचुनाव कराना पड़ा था. जिसमें बीजेपी के सत्यनारायण सिंह विधायक चुने गए थे.
सीट का राजनीतिक इतिहास
साल 1951 में पहले विधानसभा चुनाव में समाजवादी नेता बसावन सिंह डेहरी सीट के पहले विधायक चुने गए थे. उसके बाद अब्दुल कयूम अंसारी, खालिद अनवर जैसे नेताओं ने इस इलाके का प्रतिनिधित्व किया. 1980 में मोहम्मद इलियास हुसैन जेएनपी (सेकुलर) से चुनाव मैदान में आए और उन्होंने कांग्रेस के खालिद अनवर को 5366 मतों से पराजित किया.
इसके बाद 6 बार मो. इलियास हुसैन को डेहरी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला. मोहम्मद इलियास हुसैन ने 1980 के अलावा 1990, 1995, 2000, 2005, 2015 के विधानसभा चुनाव में जीतकर इस सीट पर कब्जा जमाए रखा.
सामाजिक-ताना-बाना
डेहरी विधानसभा सीट बिहार के रोहतास जिले में आती है. ये काराकाट लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. 2011 की जनगणना के अनुसार डेहरी की जनसंख्या 395159 है. यहां की 65.27 फीसदी आबादी ग्रामीण और 34.73 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है.
कुल जनसंख्या में से अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का अनुपात क्रमशः 16.91 और 0.18 है. डेहरी विधानसभा क्षेत्र का पूर्वी भाग सोन नदी से घिरा हुआ है. पूरी तरह से प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ यह इलाका इंद्रपुरी के सोन बराज के लिए भी जाना जाता है. पत्थर तथा सोन नदी से बालू उत्खनन से यह इलाका सरकार को अरबों रुपए का राजस्व उपलब्ध कराता है. लेकिन फिर भी यह इलाका विकास से बाधित है.