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धुरिया विधानसभा सीट: JDU के मनीष कुमार पिछले तीन चुनाव में रहे विजयी, इस बार कौन बनेगा किंग?

साल 1957 में अस्तित्व में आई धुरिया विधानसभा सीट पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के मोलवी समितुद्दीन को जीत मिली थी. इसके अगले चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की.

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क्या धुरिया में JDU फिर बाजी मारेगी (फाइल फोटो)
क्या धुरिया में JDU फिर बाजी मारेगी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • धुरिया में 1957 में पहली बार हुआ विधानसभा का चुनाव
  • कांग्रेस को शुरुआती चुनावों में जीत मिलती आई
  • JDU के दबदबे वाली हो गई यह सीट

बिहार की धुरिया विधानसभा सीट बांका जिले के अंतर्गत आती है. धुरिया में हुए हाल के चुनावों में जनता दल (यू) को जीत मिली है. जेडीयू के सामने बाकी पार्टियां बेबस नजर आईं हैं. यहां की जनता ने विधानसभा के पिछले तीन चुनावों में मनीष कुमार को विजयी बनाया है. धुरिया में साल 1957 में पहला चुनाव हुआ था. तब कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. इसके अगले दो चुनावों में वो विजयी रही, लेकिन धीरे-धीरे कांग्रेस का जादू यहां पर कम होता गया और जेडीयू हावी होती गई. 

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सामाजिक ताना-बाना

 2011 की जनगणना के अनुसार धुरिया की जनसंख्या 437363 है. अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का अनुपात कुल जनसंख्या से क्रमशः 13.56 और 0.39 है. 2019 की मतदाता सूची के अनुसार, इस निर्वाचन क्षेत्र में 289211 मतदाता और 326 मतदान केंद्र हैं. बीजेपी के गिरधारी यादव बांका के सांसद हैं और जेडीयू के मनीष कुमार धुरिया के विधायक हैं. धुरिया विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है. 

राजनीतिक पृष्ठभूमि

साल 1957 में अस्तित्व में आई धुरिया विधानसभा सीट पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के मोलवी समितुद्दीन को जीत मिली थी. इसके अगले चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की. धुरिया में शुरुआती चुनावों में कांग्रेस को जीत मिलती रही, लेकिन निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले राम भानु ने उसके विजयी सफर पर रोक लगाया, फिर सीपीआई लगातार तीन बार यहां पर चुनाव जीती. 1985 में एक बार धुरिया में कांग्रेस ने वापसी की. लेकिन अगले ही चुनाव में सीपीआई ने हार का बदला लिया और जीत हासिल की.

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2005 में पहली बार यहां पर जेडीयू का डंका बजा. उसने पहली बार धुरिया में जीत हासिल की और तब से लगातार उसका जीत का सफर जारी है. मनीष कुमार को पिछले तीन विधानसभा चुनाव में यहां पर जीत मिली है. 

विधायक के बारे में

22 दिसंबर 1978 को जन्म मनीष कुमार की शैक्षणिक योग्यता पीजीडीसीए है. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. साल 1998 में उन्होंने राजनीति में एंट्री की. 2009 में पहली बार विधानसभा पहुंचे. इसके बाद 2010 और 2015 के चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल ती. वह जेडीयू  के दलित प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. 

2015 का जनादेश

2015 के विधानसभा चुनाव में धुरिया में 269196 मतदाता थे. इसमें से 53.47 फीसदी पुरुष और 46.53 महिला वोटर्स थीं. धुरिया में 155051 लोगों ने वोट डाला था. यहां पर 57 फीसदी मतदान हुआ था. इस चुनाव में जेडीयू के मनीष कुमार ने BLSP के बुद्धदेव चौधरी को मात दी थी. मनीष कुमार को 68858 (44.41 फीसदी) वोट मिले थे तो वहीं बुद्धदेव को 44704 (28.83 फीसदी) वोट मिले थे. मनीष कुमार ने 23 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी.

ये प्रत्याशी हैं मैदान में

धुरिया विधानसभा सीट पर 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. यहां से जेडीयू के मनीष कुमार, एलजेपी के दीपक पासवान, आरजेडी के भूदेव चौधरी प्रत्याशी हैं.

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कितनी हुई वोटिंग

धुरिया में पहले चरण के तहत मतदान हुआ. यहां पर 28 अक्टूबर को वोटिंग हुई. धुरिया में 60.57 फीसदी मतदान हुआ. मतगणना 10 नवंबर को की जाएगी.
 

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