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बिहार चुनाव में पढ़े-लिखे प्रत्याशियों की भरमार, कोई विदेश से डिग्री लेकर आया तो कोई है डॉक्टर

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार कुछ हाइली एजुकेटेड लोगों की एंट्री हुई है. प्लूरल्स पार्टी की मुख्यमंत्री पद की प्रत्याशी पुष्पम प्रिया चौधरी ने विदेश से प्रबंधन और कम्यूनिकेशन की डिग्री हासिल की है. पुष्पम ने लंदन के मशहूर लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री ली है. पुष्पम प्रिया चौधरी नेपटना की बांकीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का एलान किया है.

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(प्रतीकात्मक फोटो)
(प्रतीकात्मक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार विधानसभा चुनाव 2020
  • बिहार विधानसभा चुनाव में पढ़े-लिखों की एंट्री
  • कोई विदेश से डिग्री लेकर आया तो कोई है डॉक्टर

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार कुछ हाई एजुकेटेड लोगों की एंट्री हुई है. इनमें लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री हासिल करने वाली पुष्पम प्रिया भी हैं. साथ ही पूर्व आईपीएस सुनील कुमार, टाटा कंपनी के शीर्घ अफसरों में से एक शुभानंद मुकेश, सिंबायोसिस से मैनेजमैंट की पढ़ाई करने वाले राहुल कुमार, पेशे से डॉक्टर संजीव कुमार सिंह भी चुनाव मैदान में उतरे हैं.

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प्लूरल्स पार्टी की मुख्यमंत्री पद की प्रत्याशी पुष्पम प्रिया चौधरी ने विदेश से प्रबंधन और कम्यूनिकेशन की डिग्री हासिल की है. पुष्पम ने लंदन के मशहूर लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री ली है. पुष्पम प्रिया चौधरी ने पटना की बांकीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का एलान किया है.

चुनाव में एजुकेटेड लोगों की एंट्री

कांग्रेस पार्टी ने कहलगांव से शुभानंद मुकेश को उम्मीदवार बनाया है. वे टाटा कंपनी के शीर्ष अफसरों में से एक रहे हैं. वे वरिष्ट नेता सदानंद सिंह के बेटे हैं. वहीं मेघपुरा विधानससभ सीट से दिल्ली विवि से पढ़े निलिख मंडल जेडीयू प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. घोसा विधानसभा सीट से जेडीयू ने राहुल कुमार को उम्मीदवार घोषित किया है. राहुल ने सिंबायोसिस से मैनेंजमेंट की पढ़ाई की है. वहीं परबत्ता विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे संजीव कुमार सिंह पेशे से डॉक्टर हैं.

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बिहार विधानसभा चुनाव 2020

भोरे विधानसभा से जेडीयू से चुनाव मैदान में उतर रहे उम्मीदवार सुनील कुमार 1987 बैच के अधिकारी रह चुके हैं. रिटायर होने के बाद उन्होंने जेडीयू ज्वाइन की. भोरे विधानसभा सीट पर अनिल कुमार की पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है. कांग्रेस की टिकट पर 1985 में भोरे से अनिल कुमार जीते थे. हालांकि 1990 में उनको हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद आरजेडी की टिकट पर 2005 में फरवरी और अक्टूबर में हुए चुनाव में अनिल कुमार ने जीत हासिल की थी. वहीं 2015 में एक बार फिर कांग्रेस की टिकट पर अनिल कुमार जीते.

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