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बिहार: 91 विधानसभा क्षेत्रों पर चुनाव आयोग की पैनी नजर, धनकुबेर करते हैं बड़ा खेल

चुनाव आयोग ने चिन्हित किए गए सभी 91 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 67 एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर तैनात किए हैं. इन ऑब्जर्वर का काम चुनाव में अवैध राशि के प्रवाह को रोकना होगा, साथ ही ये ऑब्जर्वर यह ध्यान रखेंगे कि चुनाव मैदान में खड़े प्रत्याशी या उनके समर्थक पैसे से मतदाताओं को प्रभावित न कर पाएं. इसके लिए फ्लाइंग स्क्वॉयड टीम व स्टेटिक सर्विलांस टीम के अलावा इन ऑब्जर्वरों की भी नजर रहेगी.

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बिहार चुनाव: चुनाव आयोग की इन 91 विधानसभाओं पर पैनी नजर.
बिहार चुनाव: चुनाव आयोग की इन 91 विधानसभाओं पर पैनी नजर.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चुनाव आयोग ने 67 एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर किए तैनात
  • कुछ जिले ऐसे भी जहां की हर सीट पर धनकुबेरों का प्रभाव
  • 91 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 67 एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर तैनात किए गए

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 निष्पक्ष और शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग बेहद सख्त हो गया है. इसके चलते आयोग ने राज्य में ऐसे 91 विधानसभा क्षेत्रों को चिन्हित किया है, जिनमें धनकुबेर पैसों के दम पर चुनावी खेल करते हैं. ये वो विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां पिछले चुनावों के दौरान बड़ी मात्रा में अवैध धनराशि पकड़ी गई या फिर लेन-देन की सूचना मिली थी.

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67 एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर तैनात
बिहार चुनाव 2020 में धनबल का सहारा लेकर चुनाव प्रभावित करने वालों पर चुनाव आयोग की पैनी नजर है. चुनाव आयोग ने चिन्हित किए गए सभी 91 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 67 एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर तैनात किए हैं. इन ऑब्जर्वर का काम चुनाव में अवैध राशि के प्रवाह को रोकना होगा, साथ ही ये ऑब्जर्वर यह ध्यान रखेंगे कि चुनाव मैदान में खड़े प्रत्याशी या उनके समर्थक पैसे से मतदाताओं को प्रभावित न कर पाएं. इसके लिए फ्लाइंग स्क्वॉयड टीम व स्टेटिक सर्विलांस टीम के अलावा इन ऑब्जर्वरों की भी नजर रहेगी.

इस तरह चिन्हित हुईं ये विधानसभा
चुनाव आयोग द्वारा इन विधानसभाओं को चिन्हित करने के लिए कई बातों का ध्यान रखा गया. पहले तो ये देखा गया कि पूर्व में इन क्षेत्रों से कितनी राशि बरामद की गई, वहां के मतदाताओं का शैक्षणिक स्तर और आर्थिक स्तर कैसा है. इसके अलावा इन विधानसभा क्षेत्रों में पूर्व में चुनाव मैदान में आए प्रत्याशियों की आर्थिक पृष्ठभूमि कैसी है और उन्होंने चुनाव पर कितनी राशि खर्च की ​थी.

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ऐसे जिले जहां की हर सीट पर धनकुबेरों की नजर 
चुनाव आयोग द्वारा कुछ जिले ऐसे चिन्हित किए गए हैं, जहां की प्रत्येक विधानसभा पर धनकुबेरों की नजर रहती है. किशनगंज में चार विधानसभा क्षेत्र हैं और चारों व्यय संवेदनशील की श्रेणी में हैं. वहीं गया के 10 में से नौ, नवादा के सभी पांच व जमुई के सभी चार विधानसभा क्षेत्र व्यय संवेदनशील माने गए हैं. 

ये विधानसभाएं हुई चिन्हित
वाल्मीकिनगर, रामनगर सुरक्षित, सिकटा, नौतन, रक्सौल, नरकटिया, ढाका, रीगा, बथनाहा सुरक्षित, परिहार, सुरसंड, हरलाखी, खजौली, बाबुबरही, लौकहा, फुलपरास, निर्मली, छातापुर, नरपतगंज, फारबिसगंज, सिकटी, बहादुरगंज, ठाकुरगंज, किशनगंज, कोचधामन, अमौर, बायसी, बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी सुरक्षित, कुशेश्वर स्थान सुरक्षित, अलीनगर, दरभंगा, जाले, कुढ़नी, मुजफ्फरपुर, बोचहां सुरक्षित, कुचायकोट, भोरे सुरक्षित, हथुआ, जीरादेई, दरौली सुरक्षित, रघुनाथपुर, दरौंधा, एकमा, मांझी, छपरा, राजापाकड़ (सु), मोरवा, मोहिउद्दीनगर, विभूतिपुर, रोसड़ा सुरक्षित, हसनपुर, मटिहारी, पिरपैंती सुरक्षित, कहलगांव, धौरिया सुरक्षित, कटोरिया सुरक्षित, शेखपुर, बरबीघा, संदेश, बरहारा, शाहरपुर, ब्रह्मपुर, बक्सर, राजपुर सुरक्षित, रामगढ़, चैनपुर, चेनारी सुरक्षित, नवीनगर और कुटुम्बा सुरक्षित विधानसभा शामिल हैं.

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