बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं. जिला अधिकारी चुनाव कार्यों में ही जुटे हुए हैं. बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो रहा है. जिस कारण अब वे विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं.
मामला सारण के अमनौर प्रखण्ड मुख्यालय का है. महीने भर में दो बार बाढ़ की मार झेल चुके अमनौर के मनोरपुर झखड़ी पंचायत के सैकड़ों बाढ़ पीड़ितों ने आज अमनौर प्रखण्ड मुख्यालय पर जबरदस्त प्रदर्शन किया. चुनाव के कारण कार्यालय में कोई भी अधिकारी नहीं मिला.
न खाने को राशन है, न रहने को ठिकाना
बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि दो बार बाढ़ झेलने के बाद हम लोग सब कुछ गंवा चुके हैं. न खाने को राशन है, न रहने को ठिकाना है. अभी तक बाढ़ राहत की राशि जीआर का 6000 रुपया भी नहीं मिला है. हमेशा अधिकारी आश्वासन ही देते हैं. वहीं दलाल बाढ़ पीड़ितों से कहते हैं कि 6000 रुपया पाने के लिए दो से तीन हजार रुपया खर्च करना पड़ेगा.
फसल हो चुकी है पूरी तरह बर्बाद
किसानों की फसल भी पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. फसल खराब होने पर अभी तक मुआवजा नहीं मिला है. दो-दो बार बाढ़ आने के कारण अगली फसल की खेती करना भी मुश्किल हो गया है.