बिहार विधानसभा चुनाव की बात हो और जातिय वोटबैंक का जिक्र न हो, ये नामुमकिन सा लगता है. दरअसल, बिहार की सियासत का आधार ही जातिय समीकरण है. यही वजह है कि चुनाव आते ही जातिय आधार पर राजनीतिक दलों के गठबंधन भी बनते हैं तो वहीं टिकट बंटवारे में भी यह प्रमुख फैक्टर रहता है. वैसे तो हर विधानसभा क्षेत्र के अपने जातिय समीकरण हैं लेकिन आज हम गोपालगंज सदर विधानसभा सीट के जाति आधारित वोटर्स की बात करेंगे. इसके साथ ही ये भी समझने की कोशिश करेंगे कि किस जाति का झुकाव किस उम्मीदवार की ओर जा सकता है.
करीब 15 साल से बीजेपी का दबदबा
आपको यहां बता दें कि गोपालगंज विधानसभा पर करीब 15 साल से बीजेपी का दबदबा है. दरअसल, राजद की ओर से बीते दो बार से मुस्लिम उम्मीदवार रेयाजुल हक को टिकट मिला है लेकिन ध्रुवीकरण की राजनीति का फायदा उठाकर हर बार बीजेपी विधायक सुभाष सिंह ने बाजी मारी है. अब तक के पैटर्न में सुभाष सिंह को अधिकतर जातियों का समर्थन मिलता रहा है. लेकिन इस बार हालात बदलते नजर आ रहे हैं. इस बार वर्तमान बीजेपी विधायक के खिलाफ जबरदस्त माहौल देखने को मिल रहा है. हालांकि, इसके बावजूद माना जा रहा है कि एक बार फिर से एनडीए सुभाष सिंह पर दांव आजमा सकती है. वहीं राजद की ओर से महंथ सत्यदेव दास के तौर पर ऐसे शख्स ने दावेदारी पेश की है जिसका क्षेत्र में अपना दबदबा है. वहीं, महंथ के प्रति लोगों की आस्था की वजह से जातिय आधार पर भी हर वर्ग में पैठ बनाए हुए हैं.
राजद से कौन उम्मीदवार
वैसे तो राजद की ओर से कई उम्मीदवार ताल ठोक रहे हैं लेकिन सबसे प्रबल दावेदार महंथ सत्यदेव दास माने जा रहे हैं. स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि लालू परिवार के करीबी महंथ सत्यदेव दास का टिकट मिलना तय है. सत्यदेव दास के अलावा सुनील सिंह और मोहन गुप्ता भी खुद को राजद का प्रबल दावेदार मान रहे हैं.
कौन सी जातियां किसके साथ
जातिय आधार पर भी महंथ सत्यदेव दास की दावेदारी मजबूत नजर आ रही है. दरअसल, गोपालगंज विधानसभा सीट पर राजद के मुस्लिम और यादव जाति का वोटबैंक सबसे मजबूत है. इस विधानसभा सीट पर यादव वोटर्स की संख्या करीब 46 हजार है तो वहीं 57,800 से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं. इस वोटबैंक पर महंथ की जबरदस्त पैठ मानी जा रही है. इसके अलावा माई समीकरण के वोटबैंक को लेकर राजद के बैनर का भी फायदा मिल सकता है.
सवर्ण वोटबैंक का हाल
सवर्ण की बात करें तो राजपूत वोटर करीब 18 हजार हैं. ये वोट बैंक अब तक एकमुश्त बीजेपी के सुभाष सिंह के पक्ष में जाता रहा है. हालांकि, बीते तीन बार से विधायक रहने की वजह से सुभाष सिंह के खिलाफ माहौल देखने को मिल रहा है. लेकिन इसके बावजूद संभावना है कि ये वोटबैंक एनडीए उम्मीदवार पर ही भरोसा दिखाएगी. ऐसे में राजद के दावेदार सुनील सिंह को टिकट मिलने की स्थिति में राजपूत वोटर्स का समर्थन मिलने की संभावना कम ही है. वहीं, कलवार जाति की बात करें तो सिर्फ 3600 वोट हैं. ये जाति मोहन गुप्ता के साथ खड़ी हो सकती है लेकिन सवर्ण या मुस्लिम और यादव वोटर साथ जाएंगे, इसकी गुंजाइश कम है.
अन्य जातियों की बात
सवर्ण जातियों में ब्राहम्ण वोटर 13,300 और भूमिहार वोटर 15,325 के करीब हैं. कायस्थ वोटर की बात करें तो 8400 से ज्यादा हैं. इस विधानसभा सीट पर पिछड़ों का वोटबैंक करीब 50 हजार से ज्यादा है. ये वोटर साइलेंट रहते हैं. एनडीए सरकार से नाराजगी की वजह से इस बार वोटबैंक का बड़ा हिस्सा राजद की ओर रुख कर सकता है.
2015 विधानसभा चुनाव के नतीजे
गोपालगंज विधानसभा सीट पर 2015 में बीजेपी के सुभाष सिंह ने जीत हासिल की थी. तब सुभाष सिंह को 78491 वोट हासिल हुए थे. वहीं दूसरे नंबर पर रहे आरजेडी के रेयाजुल हक को 73417 वोट मिले थे. 2015 के विधानसभा चुनाव में गोपालगंज में 298694 मतदाता थे. वहीं कुल 172533 लोगों ने मतदान किया था. 2015 के विधानसभा चुनाव में यहां 57.79% मतदान हुआ था. 2015 में बीजेपी को 45.49% और आरजेडी को 42.55% वोट मिले थे.