बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में गोपालगंज विधानसभा सीट पर भी इस बार मुकाबला टक्कर का देखने को मिल सकता है. गोपालगंज सीट पिछले कुछ विधानसभा चुनाव से बीजेपी के खाते में है. गोपालगंज विधानसभा सीट से सुभाष सिंह मौजूदा विधायक हैं.
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सुभाष सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के रियाजुल हक उर्फ राजू को गोपालगंज सीट से एक कड़े मुकाबले में 5074 वोटों से हराया था. सुभाष सिंह की इस सीट पर काफी मजबूत पकड़ मानी जाती है.
इस विधानसभा सीट पर 3 नवंबर 2020 को मतदान हुआ. वहीं 10 नवंबर को मतगणना की जाएगी. इस सीट पर बीजेपी की ओर से सुभाष सिंह और कांग्रेस की ओर से आसिफ गफूर को टिकट दिया गया है. यहां 54.72 फीसदी वोटिंग हुई.
गोपालगंज विधानसभा सीट
गोपालगंज विधानसभा बिहार के गोपालगंज जिले में स्थित है. 2011 की जनगणना के अनुसार यहां कुल 440105 जनसंख्या में से 84.7% ग्रामीण है और 15.3% शहरी आबादी है. अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का अनुपात कुल जनसंख्या में से क्रमशः 11.93 और 2.05 है. 2019 की मतदाता सूची के अनुसार इस निर्वाचन क्षेत्र में 317140 मतदाता और 313 मतदान केंद्र हैं.
2015 विधानसभा चुनाव
गोपालगंज विधानसभा सीट पर 2015 में बीजेपी के सुभाष सिंह ने जीत हासिल की थी. तब सुभाष सिंह को 78491 वोट हासिल हुए थे. वहीं दूसरे नंबर पर रहे आरजेडी के रियाजुल हक उर्फ राजू को 73417 वोट मिले थे. 2015 के विधानसभा चुनाव में गोपालगंज में 298694 मतदाता थे. वहीं कुल 172533 लोगों ने मतदान किया था. 2015 के विधानसभा चुनाव में यहां 57.79% मतदान हुआ था. 2015 में बीजेपी को 45.49% और आरजेडी को 42.55% वोट मिले थे.
विधायक के बारे में
सुभाष सिंह गोपालगंज विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक हैं. 15 जनवरी 1963 को गोपालगंज के खवाजेपुर में इनका जन्म हुआ था. सुभाष सिंह ने मैट्रिक तक की शिक्षा हासिल की है. इनकी पत्नी का नाम कुसुम देवी है. इनके दो बेटे और चार बेटियां हैं. 1974-75 में सुभाष सिंह ने राजनीति में प्रवेश किया था. वहीं अक्टूबर 2005 के बाद से लगातार गोपालगंज से बीजेपी के विधायक हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
गोपालगंज विधानसभा सीट पर बीजेपी की पिछले कुछ सालों से मजबूत पकड़ देखने को मिली है. अक्टूबर 2005, 2010 और 2015 के चुनाव में इस सीट से बीजेपी के सुभाष सिंह विजेता रहे हैं. वहीं दूसरे नंबर रियाजुल हक का भी इस सीट पर अच्छा दबदबा माना जाता है. फरवरी 2005 के चुनाव में बीएसपी की टिकट पर रियाजुल हक चुनाव जीते थे. इसके बाद अक्टूबर 2005 में बीएसपी से, 2010 और 2015 में आरजेडी की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए दूसरे नंबर पर रहे थे. वहीं सुभाष सिंह 2000 के चुनाव में बीपीएसपी और फरवरी 2005 में एलजेपी की टिकट पर चुनाव लड़े और हार गए थे.