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गोपालगंज: कांग्रेस का गढ़, लालू का जिला, जहां जेपी आंदोलन के बाद बदले समीकरण

गोपालगंज जिले ने बिहार और देश को कई प्रसिद्ध शख्सियतें दी हैं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव गोपालगंज जिले से ही आते हैं.

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लालू प्रसाद की राजनीतिक जमीन रही है गोपालगंज
लालू प्रसाद की राजनीतिक जमीन रही है गोपालगंज
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लालू प्रसाद यादव का जिला रहा है गोपालगंज
  • जेपी आंदोलन के बाद कांग्रेस के हाथ से निकला गोपालगंज
  • आंदोलनों में हमेशा आगे रहा है गोपालगंज

गोपालगंज उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा हुआ बिहार का जिला है. गोपालगंज का जिला मुख्यालय गोपालगंज शहर में है. गोपालगंज स्वतंत्रता आंदोलन, नारी शिक्षा आंदोलन, बनकटा के बाबू गंगा विष्णु राय और बाबू सुंदर लाल के नेतृत्व में कर का भुगतान नहीं करने का 1930 का निषेध आंदोलन हो या जेपी आंदोलनों में हमेशा से आगे रहा है. 

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यहां भोजपुरी, हिंदी और अंग्रेजी भाषाएं बोली जाती हैं. इतिहासकारों के मुताबिक यहां एक राजा चेरो हुए थे. उस वक्त के शासक मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल काफी बनवाते थे. इस वजह से यहां काफी मंदिर और दूसरे धार्मिक स्थल हैं. गोपालगंज के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में थावे दुर्गा माता मंदिर, मांझा का किला, दिघवा दुबौली का वामन गांडेय तालाब, सिरिसिया और कुचायकोट में राजा मलखान का किला आदि हैं. प्राचीन थावे मंदिर में दूर-दूर से लोग आते हैं. 

खेती पर आधारित है अर्थव्यवस्था
गोपालगंज जिले की अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी नहीं है. गोपालगंज को पिछड़ा जिला होने की वजह से पंचायती राज मंत्रालय की ओर से फंड मिलता है. जिले की अर्थव्यवस्था खेती के अलावा लघु उद्योगों पर निर्भर है. लघु उद्योगों में चीनी और वनस्पति तेल की मिलें आती हैं. औद्योगिक क्षेत्र मुख्य रूप से गोपालगंज, सासामुसा, सिधवलिया और हथुआ में हैं. जिले के मुख्य बाजारगोपालगंज और मीरगंज में हैं.

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गोपालगंज का सामाजिक तानाबाना
2011 की जनगणना के मुताबिक गोपालगंज जिले की आबादी करीब 25.62 लाख है. यह बिहार का ऐसा अनोखा जिला है जहां लिंगानुपात में महिलाएं-पुरुषों से आगे हैं. हालांकि इसके पीछे इस जिले की गरीबी और पलायन भी एक वजह हो सकती है. यहां प्रति 1000 पुरुषों पर 1015 महिलाएं हैं. गोपालगंज जिले में साक्षरता की दर 67.04% है. जिले की करीब 97.95% आबादी हिंदी बोलती है. वहीं लगभग 1.76% लोगों ने उर्दू को अपनी पहली भाषा दर्ज कराया है. जिले में करीब 6.35% आबादी शहरी है तो 93.65% लोग गांवों में रहते हैं. 

जेपी आंदोलन के बाद कांग्रेस के हाथ से निकला गोपालगंज
गोपालगंज जिले में गोपालगंज लोकसभा सीट आती है. परंपरागत रूप से कांग्रेस का कब्जा रहा है. कांग्रेस यहां से छह बार जीती है. लेकिन यह कब्जा जेपी आंदोलन के बाद कमजोर पड़ता गया. इसके बाद से यहां तीन बार आरजेडी को जीत मिली है तो दो बार जेडीयू के सांसद चुने गए हैं. बीच में एक बार भाजपा को भी जीत मिली है. फिलहाल यह सीट जेडीयू के खाते में है. गोपालगंज में छह विधानसभा सीटें- बैकुंठपुर, बरौली, गोपालगंज, कुचायकोट, भोरे (अनुसूचित जाति) और हथुआ आती हैं. इनमें से भाजपा और जेडीयू के पास 2-2 सीटें और आरजेडी और कांग्रेस के पास एक-एक सीट है. 

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जिले की प्रसिद्ध शख्सियतें
गोपालगंज जिले ने बिहार और देश को कई प्रसिद्ध शख्सियतें दी हैं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव गोपालगंज जिले से ही आते हैं. लालू की पत्नी और उनके बाद बिहार की सत्ता संभालने वालीं राबड़ी देवी भी गोपालगंज से ही हैं. बिहार के एक और पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल गफ्फूर भी गोपालगंज से ही हैं. स्वतंत्रता सेनानी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल की गवर्नर रहीं रामदुलारी सिन्हा भी गोपालगंज से रही हैं. पिछले कुछ समय में अपने अभिनय से काफी तारीफें बटोरने वाली बॉलीवुड अभिनेता पंकज त्रिपाठी भी गोपालगंज जिले से हैं. 

जिले के प्रमुख अधिकारी
गोपालगंज जिले के डीएम अरशद अजीज हैं. इनकी ई-मेल आईडी dm-gopalganj.bih@nic.in पर संपर्क किया जा सकता है. उनका टेलीफोन नंबर 06156226001 और फैक्स नंबर 06156226003 है. जिले के एसपी मनोज कुमार तिवारी हैं. उनकी ई-मेल आईडी sp-gopalganj-bih@nic.in है. उनका फोन नंबर 06156224669 और फैक्स नंबर 06156223466 है. 
 

 

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