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गोपालपुर सीटः 1990 में बीजेपी ने मारी थी पहली एंट्री, फिर मिलेगी कामयाबी?

गोपालपुर सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और कांग्रेस के बीच 19-20 की लड़ाई रही है. 1985 में इस सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी विधानसभा पहुंचा, लेकिन 1990 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ने यहां पहली बार एंट्री मारी. हालांकि बीजेपी उसके बाद यहां फिर अपनी कामयाबी दोहरा नहीं पाई.

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गोपालपुर सीट पर लंबे समय तक सीपीआई-कांग्रेस में रहा मुकाबला (फोटो-Getty Images)
गोपालपुर सीट पर लंबे समय तक सीपीआई-कांग्रेस में रहा मुकाबला (फोटो-Getty Images)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सीपीआई-कांग्रेस के बीच रहा मुकाबला
  • अब जदयू-आरजेडी के बीच है टक्कर
  • 1990 के बाद बीजेपी को नहीं सफलता

बिहार में भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में आने आने वाली गोपालपुर सीट पर जेडीयू और आरजेडी के बीच मुकाबला है. जेडीयू ने नरेंद्र कुमार नीरज और आरजेडी ने शैलेश कुमार को मैदान में उतारा है. वहीं एलजेपी ने सुरेश भगत और जन अधिकार पार्टी ने शबाना आजमी को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर तीन नवंबर को हुई पोलिंग के दौरान 59.89% मतदान दर्ज किया गया. मतगणना 10 नवंबर को होगी.
 

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गोपालपुर सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और कांग्रेस के बीच 19-20 की लड़ाई रही है. 1985 में इस सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी विधानसभा पहुंचा, लेकिन 1990 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ने यहां पहली बार एंट्री मारी. हालांकि बीजेपी उसके बाद यहां फिर अपनी कामयाबी दोहरा नहीं पाई.

क्या थे 2015 के नतीजे

बहरहाल, 2015 के चुनावों में जदयू के नरेंद्र कुमार नीरज ने 57,403 (41.4%) मतों के साथ जीत हासिल की थी जबकि दूसरे स्थान पर रहे बीजेपी के अनिल कुमार यादव को 52,234 (37.6%) मतों से संतोष करना पड़ा था. तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय उम्मीदवार सुरेश भगत को 6,410 (4.6%) मत मिले थे.

इसी तरह, 2010 के विधानसभा चुनावों में जदयू के नरेंद्र कुमार नीरज ने 53,876 (47.0%) मतों के साथ आरजेडी के अमित राणा को शिकस्त दी थी. अमित राणा को 28,816 (25.1%) मतों से संतोष करना पड़ा था. तीसरे स्थान पर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के राजन कुमार को 9,360 (8.2%) मत मिले थे.

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चुनावी इतिहास     

गोपालपुर सीट पर 1995 से जनता पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जदयू के उम्मीदवार विधानसभा पहुंचते रहे. 1957 में गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से सीपीई को सफलता मिली थी. गोपालपुर से मणिराम सिंह ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी. 1977 में भी गोपालपुर में सीपीआई ने कामयाबी हासिल की थी.

बता दें कि 1957 के चुनाव में मणि राम सिंह (सीपीआई), 1962 में मायादेवी (कांग्रेस), 1967 में मणि राम सिंह (सीपीआई), 1969, 1972 में मदन प्रसाद सिंह (कांग्रेस), 1977 में मणि राम सिंह (सीपीआई), 1980 और 1985 में मदन प्रसाद सिंह (कांग्रेस), 1990 में ज्ञानवेश्वर यादव (बीजेपी), 1995 में रविंद्र कुमार राणा (जनता दल), 2000 रविंद्र कुमार राणा (आरजेडी), फरवरी और अक्टूबर 2005 के चुनावों में अमित राणा (आरजेडी) ने जीत हासिल की थी.

सामाजिक ताना-बाना

जनगणना 2011 के मुताबिक गोपालपुर की कुल आबादी 383104 है. इसमें 87.19% लोग गांव जबकि 12.81% आबादी शहर में रहती है. इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति का अनुपात क्रमशः 6.97 और 1.1 फीसदी है. 2015 के विधानसभा चुनावों में इस सीट पर 53.86% मतदान हुए थे. 


 

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