जुमई झारखंड की सीमा से लगा हुआ बिहार का प्रसिद्ध जिला है. नक्सल प्रभावित इस जिले को रेड कॉरिडोर में शामिल किया गया है. यहां अभ्रक, कोयला, सोना और कच्चे लोहे की खानें हैं. बिहार-झारखंड की सीमा पर बसे जिले में छोटी-बड़ी कई पहाड़ियां हैं. जमुई 1991 में मुंगेर से अलग होकर अलग जिला बना था.
जमुई का जिक्र वेद व्यास के लिखे महाभारत में भी आता है. इस इलाके की खुदाई से इस जगह के जैन धर्म से संबंधित होने के कई साक्ष्य मिले हैं. फिलहाल यह इलाका जंगलों से घिरा हुआ है. साहित्यिक तथ्यों में जमुई को जांभ्ययाग्राम कहा गया है. जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर जैन ने उज्जियुवाल्या नामक नदी के किनारे स्थित जंघियाग्राम में ज्ञान प्राप्त किया था.
जैन धर्म के लिए अहम स्थान जमुई
जम्भिया और जर्बिखग्राम के शब्दों का हिंदी अनुवाद जमुही है जो हालिया समय में जमुई के रूप में विकसित हुआ. समय के साथ, उज्जियुवाल्या नदी/रिजुवाल्का नदी भी सामने आई. जमुई के पास उलाई नदी अभी भी बह रही है. जमुई का पुराना नाम जंबुबानी के रूप में खोजा गया है. 12वीं शताब्दी में जंबुबानी आज का जमुई था. जम्भियाग्राम और जंबुबानी के रूप में दो प्राचीन नाम बताते हैं कि यह जैन धर्मावलंबियों के लिए एक धार्मिक स्थान के रूप में महत्वपूर्ण था. यह 19वीं शताब्दी में गुप्त राजवंश का स्थान था. इतिहासकार बुकानन ने भी 1811 में इस जगह का दौरा किया और इसके पुराने इतिहास का जिक्र किया.
जमुई का सामाजिक तानाबाना
2011 की जनगणना के अनुसार जमुई की आबादी करीब 17.60 लाख है. यहां पर प्रति 1000 पुरुषों पर 921 महिलाएं हैं. जिले की साक्षरता दर 62.16% है. 2011 की जनगणना के अनुसार यहां करीब 89.43% लोग हिंदीभाषी हैं तो लगभघ 6.81% लोग उर्दू बोलते हैं. 3.66% लोग बोलचाल में संथाली का इस्तेमाल करते हैं. जमुई में 87 फीसदी हिंदू धर्म के लोग हैं तो 12.36 फीसदी आबादी मुस्लिम हैं.
जमुई की राजनीतिक तस्वीर
जुमई लोकसभा सीट (अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित) लोजपा प्रमुख चिराग पासवान की सीट है. 1977 से 2004 तक इस सीट का अस्तित्व नहीं था. 2008 में परिसीमन के बाद यह फिर से बनी. 2009 से पहले इस सीट पर पांच लोकसभा चुनाव हुए थे. इसमें से चार में कांग्रेस को जीत मिली थी तो एक बार सीपीआई को जीत मिली थी. 2009 के बाद से एक बार जेडीयू जीती है तो दो बार से लोजपा संस्थापक चिराग पासवान यहां से जीत रहे हैं. जमुई जिले में चार विधानसभा सीटें- सिकंदरा (SC), जमुई, झाझा और चकाई आती हैं. इनमें से दो सीट आरजेडी के पास हैं तो एक-एक सीट कांग्रेस और भाजपा के पास हैं.
जमुई की प्रसिद्ध शख्सियतें
चंद्रशेखर सिंह
चंद्रशेखर सिंह कांग्रेस नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री (अगस्त 1983-मार्च 1985) थे. वह इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की कैबिनेट में कई अहम पदों पर रहे.
त्रिपुरारी सिंह
जुमई से निकले नेता जो आगे चलकर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष भी बने.
शुक्का दास यादव
समाज सुधारक और नेता शुक्का दास यादव ने समाज के कमजोर वर्गों के लिए संघर्ष किया. उन्होंने दहेज, बाल विवाह और जाति व्यवस्था के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी. आगे चलकर उन्होंने राजनीति में भी हिस्सा लिया.
श्यामा प्रसाद सिंह
श्यामा प्रसाद सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्होंने महात्मा गांधी के सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया. वह कलकत्ता और नव-शक्ति पटना के संपादक भी थे.
गिरिधर नारायण सिंह
गिरिधर नारायण सिंह सोशलिस्ट पार्टी के नेता और प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था.
दुखहरण प्रसाद
प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी दुखहरण प्रसाद 1943 में जेल भी गए थे. वहां पुलिस के अत्याचारों से उनकी मृत्यु हो गई थी.
कुमार कालिका प्रसाद सिंह
ब्रिटिश शासन के दौरान कई बार जेल गए प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और सत्याग्रही जमुई में उनके नाम पर एक कॉलेज भी है.
जमुई के प्रसिद्ध स्थल
कालिका मंदिर
जमुई के मलयपुर में भव्य और प्रसिद्ध कालिका मंदिर है. यहां दूर-दूर से सैलानी आते हैं. हर साल दीपावली से लेकर छठ तक यहां काली मेले का आयोजन होता है.
पक्की संगत गुरुद्वारा
जमुई जिले के मोगहार में प्रसिद्ध प्राचीन गुरुद्वारा पक्की संगत है. माना जाता है कि यहां सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर कुछ समय के लिए ठहरे थे.
मिन्टो टावर
जमुई से करीब 15 किमी दूर गिद्धौर में मिन्टो टावर है. यह बिहार के प्रमुख पयर्टन स्थलों में से एक है. मिन्टो टावर महाराजा रामेश्वर प्रसाद सिंह ने बनाया था. यह टॉवर भारत के गर्वनर जर्नल और वायसराय लॉर्ड मिन्टो की याद में बनवाया गया था.
गिद्धौर की दुर्गा पूजा
गिद्धौर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से दो ही पहचान हैं. एक यहां की पुरानी रियासत और दूसरी दुर्गापूजा. गिद्धौर में काफी प्राचीन दुर्गा मंदिर है.
जैन मंदिर और धर्मशाला
जमुई से लगभग 20 किमी दूर सिंकदरा में जैन मंदिर और एक धर्मशाला है. 65 कमरों की इस धर्मशाला में जैन भक्त ठहरते हैं. यह महावीर जैन के परिसर में है. यह स्थान महावीर जैन के जन्म स्थान के रूप में भी जाना जाता है.
चंद्रशेखर संग्रहालय
जमुई में बहुउद्देशीय चंद्रशेखर संग्रहालय है. इसकी स्थापना सन 1985 में हुई थी. इसे भुवनेश्वरनाथ वर्मा ने बनवाया था.
काकन
काकन जुमई से लगभग 20 किमी दूर है. यह जैन धर्मावलंबियों का धार्मिक केंद्र है. माना जाता है कि जैनियों के नौवें तीर्थंकर सुविधिनाथ यहीं पैदा हुए थे.
महादेव सिमरिया मंदिर
सिकन्दरा-जमुई मुख्य मार्ग पर बाबा धनेश्वर नाथ (महादेव सिमरिया) का मंदिर है. बाबा वैद्यनाथ के उपलिंग के रूप में जाना जाता है. यहां बिहार ही नहीं झारखंड, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों से भी श्रद्धालु आते हैं.
गिद्धेश्वर
जमुई से 15 किमी दूर खैरा प्रखंड में गिद्धेश्वर है. मान्यता है कि सीता हरण के समय यहीं पर जटायु और रावण की लड़ाई हुई थी.
महावीर जैन का रात्रि विश्रामस्थल
जैन धर्म की पुस्तक कल्पसूत्र के अनुसार जैन धर्म के 24वें र्तीथकर महावीर जैन यहां रुके थे. महावीर जैन ने जब ज्ञान प्राप्ति के लिए घर त्यागा तो कुंडलपुर से निकलकर उन्होंने पहला रात्रि विश्राम कुमार गाव में नेतुना मंदिर के पास एक वट वृक्ष के नीचे किया था.
जिले के प्रमुख अधिकारी-नेता
जमुई लोकसभा सीट से लोजपा प्रमुख चिराग पासवान सांसद हैं. उनसे 9013869998 पर संपर्क किया जा सकता है. सिकंदरा (SC) विधानसभा सीट पर सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी विधायक हैं. उनका मोबाइल फोन नंबर 9473424782 है. जमुई सीट से विजय प्रकाश विधायक है. उनका मोबाइल फोन नंबर 9470402621 है. झाझा से रवींद्र यादव विधायक हैं. उनका मोबाइल फोन नंबर 9472855577 है. चकाई सीट से सावित्री देवी विधायक हैं. उनका मोबाइल फोन नंबर 8544402240 है. जमुई जिले के डीएम धर्मेंद्र कुमार हैं. उनकी ई-मेल आईडी dm-jamui.bih@nic.in है. उनका टेलीफोन नंबर 06345-222002 और फैक्स नंबर 06345-222117 है. जिले के एसपी प्रमोद कुमार मंडल हैं. उनकी ईमेल आईडी sp-jamui-bih@nic.in है. उनका मोबाइल फोन नंबर 9431800007 और फैक्स नंबर 06345-222117 है.