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जहानाबाद: जातियों के संघर्ष की जमीन पर आज भूमिहारों-यादवों का प्रभुत्व

जहानाबाद में भूमिहार और यादव प्रभुत्वशाली समुदाय हैं. स्थानीय राजनीति का स्वरूप तय करने में ये दोनों समुदाय अहम भूमिकाएं निभाते हैं.

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जहानाबाद में भूमिहारों का वर्चस्व
जहानाबाद में भूमिहारों का वर्चस्व
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जहानाबाद में भूमिहार और यादव प्रभुत्वशाली समुदाय
  • जातियों के संघर्ष की जमीन रही है जहानाबाद
  • वामपंथी दलों की राजनीतिक जमीन रही है जहानाबाद

बिहार का जहानाबाद जिला दरधा और यमुना नदी के संगम पर बसा है. मगध क्षेत्र में आने वाले इस जिले में बोलचाल की भाषा मगही है. कभी जहानाबाद की स्थिति काफी खराब थी, जिसमें अब धीरे-धीरे सुधार देखने को मिलता है. यहां सर्विस सेक्टर लगातार विकसित हो रहा है. सन 1872 में यह गया जिले का सब-डिविजन बना था और 1986 में जाकर यह स्वतंत्र जिला बना.

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जहानाबाद में भूमिहार और यादव प्रभुत्वशाली समुदाय हैं. स्थानीय राजनीति का स्वरूप तय करने में ये दोनों समुदाय अहम भूमिकाएं निभाते हैं. जहानाबाद ने भूमिहारों का पिछड़ी जाति और नक्सलियों के साथ रक्तरंजित संघर्ष देखा है. हाल के समय में ये टकराव कम हुआ है. फिलहाल इस जिले को रेड कॉरिडोर में शुमार किया जाता है. 

इतिहास के झरोखे में जहानाबाद

जहानाबाद का जिक्र 'आइन-ए-अकबरी' में भी आता है. किताब में जिक्र है कि 17वीं शताब्दी में अकाल से यह स्थान बुरी तरह प्रभावित हुआ था और कई लोगों की भूख से मौत हुई थी. मुगल सम्राट औरंगजेब के समय में ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए एक मंडी बनाई गई और इसका नाम 'जहांआरा मंडी' रखा गया. बाद में इसक जगह का नाम 'जहांआराबाद' से धीरे-धीरे जहानाबाद बन गया.

जहानाबाद की आर्थिक स्थिति
जहानाबाद नदियों के किनारे बसा होने की वजह से मुख्य तौर पर खेती पर आधारित जिला है. यहां अनाज (गेहूं, धान और मक्का) और सब्जियों की खेती होती है. खेती ही जिले में अर्थव्यवस्था और रोजगार का आधार है. इसके अलावा शिक्षा का क्षेत्र भी कई युवाओं को रोजगार देता है जो जिला मुख्यालय में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कार्यरत हैं.

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जहानाबाद का सामाजिक तानाबाना
2011 की जनगणना के मुताबिक जहानाबाद जिले की आबादी करीब 11.25 लाख है. जिले में लिंगानुपात समान नहीं है. यहां प्रति 1000 पुरुषों पर 918 महिलाएं हैं. जिले में साक्षरता दर 78.27% है. जहानाबाद की करीब 95.08% आबादी हिंदीभाषी है. करीब 4.83% लोग उर्दू बोलते हैं. जहानाबाद में करीब 81 फीसदी हिंदू धर्म के मानने वाले लोग रहते हैं. 19 फीसदी से कुछ कम इस्लाम को मानने वाले हैं. 

जहानाबाद की राजनीतिक तस्वीर
जहानाबाद जिले में जहानाबाद लोकसभा सीट आती है. इस सीट पर सबसे ज्यादा बार जीतने का रिकॉर्ड सीपीआई के नाम है. सीपीआई यहां पर 1984 से 1996 तक लगातार चार बार जीती. इसके अलावा कांग्रेस और जेडीयू को यहां से तीन-तीन बार और आरजेडी और रालोसपा को एक-एक बार जीत मिली है. फिलहाल यह सीट जेडीयू के चंडेश्वर प्रसाद के पास है. उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव में आरजेडी के सुरेंद्र यादव को करीबी अंतर से मात दी थी. जहानाबाद जिले में तीन विधानसभा सीटें- जहानाबाद, घोसी और मखदुमपुर आती हैं. इनमें जहानाबाद और मखदुमपुर सीटें आरजेडी और घोसी सीट जेडीयू के पास है. मखदुमपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है. 

जहानाबाद के प्रसिद्ध स्थान
जहानाबाद में प्रसिदध बराबर गुफाएं हैं. यह देश की चट्टानों को काट कर बनाई गईं सबसे पुरानी गुफाओं में से एक हैं. ईसा पूर्व 322-185 सदी की ये गुफाएं मौर्यकालीन हैं. इन गुफाओं की दीवारों पर अशोक के काल की दीक्षाएं भी चित्रित हैं. यहां लाल मंदिर, गौरक्षणी देवी मंदिर, गायत्री शक्ति पीठ दुर्गा मंदिर, राम जानकी मंदिर और शिव-शक्ति मंदिर यहां आस्था के बड़े केंद्र और प्रसिद्ध जगहें हैं. यहां की बहुसंख्यक आबादी हिंदू धर्म की मानने वाली है और दूसरे स्थान पर मुस्लिम आबादी आती है. जहानाबाद का पुराना नाम भेलावर था. 

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जहानाबाद के प्रमुख अधिकारी
जहानाबाद जिले के डीएम नवीन कुमार हैं. उनसे dm-jehanabad.bih@nic.in ई-मेल पर संपर्क किया जा सकता है. उनका फैक्स नंबर 06114-223072 है. जिले की एसपी मीनू कुमारी हैं. उनकी ई-मेल आईडी 
sp-jehanabad-bih@nic.in    है. उनका मोबाइल फोन नंबर +919431822976 और फैक्स नंबर 06114-223110 है. 
 

 

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