
झाझा विधानसभा सीट पर जेडीयू प्रत्याशी दामोदर रावत ने एक कांटे की टक्कर में 1679 वोटों से जीत हासिल की है. उन्होंने आरजेडी कैंडिडेट राजेंद्र प्रसाद को हराया है. इस सीट पर दामोदर रावत को 39.55 प्रतिशत वोट हासिल हुआ है. जबकि आरजेडी उम्मीदवार राजेंद्र प्रसाद को 38.69 फीसदी वोट मिला है. झाझा विधानसभा सीट पर पहले चरण में मतदान हुआ था. इस दौरान 61.3 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे.जमुई लोकसभा सीट के अन्तर्गत आने वाली इस विधानसभा सीट को जेडीयू का गढ़ माना जाता है. लेकिन इस चुनाव में आरजेडी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया.
कौन- कौन थे मैदान में?
झारखंड मुक्ति मोर्चा- अजीत कुमार
लोक जनशक्ति पार्टी- रबिंद्र यादव
जनता दल यूनाइटेड- दामोदर रावत
राष्ट्रीय जनता दल- राजेंद्र प्रसाद
कब हुआ चुनाव?
पहला चरण – 28 अक्टूबर
नतीजा – 10 नवंबर
कितने फीसदी मतदान?
झाझा विधानसभा सीट पर पहले चरण में मतदान हुआ था. इस दौरान 61.3 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे.
झाझा विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
इस सीट पर पहला चुनाव 1951 में हुआ था और कांग्रेस के चंद्रशेखर सिंह पहले विधायक बने थे. इसके बाद 1957 में कांग्रेस के भगवत मुर्मू जीतने में कामयाब हुए. 1957 में ही हुए चुनाव में कांग्रेस के चंद्र शेखर सिंह फिर जीते. 1962 के चुनाव में श्री कृष्ण सिंह जीते. 1967 के चुनाव में एस. झा जीतने में कामयाब हुए. 1969 के चुनाव में कांग्रेस के चंद्रशेखर सिंह फिर जीते. 1972 और 1977 के चुनाव में शिवनंदन झा जीते. 1980 और 1985 के चुनाव में शिव नंदन प्रसाद यादव जीतने में कामयाब हुए. 1986 उपचुनाव में कांग्रेस के आरके यादव जीते. 1990 में शिवनंदन झा ने वापसी की और चुनाव जीते.
1995 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर रबिंद्र यादव जीतने में कामयाब हुए. इसके बाद लगातार चार चुनाव में दामोदर रावत जीते. 2000, 2005-फरवरी, 2005-अक्टूबर और 2010 के चुनाव में दामोदर रावत जेडीयू के टिकट पर लड़े और जीते. 2015 के चुनाव में बीजेपी के रबिंद्र यादव ने जेडीयू के दामोदर रावत को पटखनी दी.
सामाजिक तानाबाना
झाझा विधानसभा सीट पर कुल 2,71,576 मतदाता हैं, जिनमें 1,44,232 पुरुष और 1,27,340 महिलाएं हैं. इस सीट पर अनुसूचित जाति की आबादी करीब 16 फीसदी है. सीट के 89 फीसदी आबादी गांवों में रहती है, जबकि 11 फीसदी आबादी शहर में. 2015 के चुनाव में इस सीट पर करीब 54 फीसदी मतदान हुआ था.