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काराकाट विधानसभा सीट: RJD के संजय यादव की नजर लगातार दूसरी जीत पर

काराकाट विधानसभा सीट रोहतास जिले में आती है. इस सीट पर सीपीआई (एमएल) के अरुण सिंह ने लगातार तीन चुनावों में जीत हासिल की है. फिलहाल इस सीट पर आरजेडी का कब्जा है और संजय यादव यहां के विधायक हैं.

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संजय यादव (फाइल फोटो)
संजय यादव (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रोहतास जिले में आती है काराकाट विधानसभा सीट
  • आरजेडी के संजय यादव हैं यहां के विधायक
  • 2015 के चुनाव में बीजेपी के राजेश्वर राज को दी थी मात

बिहार में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो गई है, अब 10 नवंबर को नतीजों का इंतजार है. बिहार की काराकाट विधानसभा सीट पर इस बार 28 अक्टूबर को वोट डाले गए, यहां कुल 52.10% मतदान हुआ.

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बिहार की काराकाट विधानसभा सीट (Karakat Seat) रोहतास जिले में आती है. इस सीट पर सीपीआई (एमएल) के अरुण सिंह ने लगातार तीन चुनावों में जीत हासिल की है. फिलहाल इस सीट पर आरजेडी का कब्जा है और संजय यादव यहां के विधायक हैं. उन्होंने 2015 के चुनाव में बीजेपी के राजेश्वर राज को मात दी थी. राजेश्वर राज इससे पहले 2010 का चुनाव जीत चुके थे. हालांकि इस बार महागठबंधन के सीट बंटवारे में यह सीट लेफ्ट के हिस्से आई है और सीपीआईएमएल के उम्मीदवार अरुण सिंह चुनावी मैदान में हैं.

इस बार के मुख्य उम्मीदवार

  • बीजेपी - राजेश्वर राज
  • लेफ्ट - अरुण सिंह
  • आरएलएसपी - मालती सिंह

काराकाट विधानसभा सीट पर पहले चरण में 28 अक्टूबर को मतदान हुआ. बता दें कि इस साल बिहार विधानसभा चुनाव 3 चरणों में संपन्न हुए. पहले चरण के लिए 28 अक्टूबर, दूसरे चरण के लिए 3 नवंबर को वोट डाले गए. जबकि तीसरे यानी आखिरी चरण का चुनाव 7 नवंबर को हुआ. बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे.

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सामाजिक ताना-बाना

काराकाट विधानसभा सीट रोहतास जिले में आती है. 2011 की जनगणना के अनुसार, काराकाट की जनसंख्या 435470 है. यहां की 88.87 फीसदी आबादी ग्रामीण और 11.13 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है. अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का अनुपात कुल जनसंख्या में से क्रमशः 17.61 और 0.18 है. अपने सामाजिक समीकरण तथा आंदोलन के लिए भी यह क्षेत्र चर्चा में रहा है.

भोजपुर तथा औरंगाबाद से सीधे सड़क संपर्क से जुड़े होने के कारण कारोबार व्यवसाय में भी यह इलाका सबसे जुड़ा हुआ है. किसानों को उनके उपज का सही मूल्य, उच्च शैक्षणिक संस्थाओं, स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव तथा विधि व्यवस्था यहां कि मूल समस्या है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

काराकाट में विधानसभा का पहला चुनाव 1967 में हुई. तब एसएसपी के टी सिंह ने कांग्रेस के एम पांडे को मात दी थी. काराकाट का इलाका कम्युनिस्ट आंदोलन के लिए चर्चित रहा है. इस इलाके पर कभी समाजवादी नेता तुलसी सिंह का कब्जा था. 1990 तथा 1995 में तुलसी सिंह जनता दल से विधायक चुने गए थे, लेकिन 2000 तथा 2005 के फरवरी के चुनाव में उन्हें सीपीआई (एमएल) के अरुण सिंह से हाथों हार मिली.

अरुण सिंह तीन बार काराकाट के विधायक रहे. 2010 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के मुन्ना राय को बीजेपी के राजेश्वर राज ने 11 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया था. 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने अपना प्रत्याशी बदल दिया और मुन्ना राय की जगह संजय यादव को अपना प्रत्याशी बनाया. बीजेपी के राजेश्वर राज संजय यादव से हार गए.

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2015 का जनादेश

2015 के विधानसभा चुनाव में काराकाट में 295169 मतदाता थे. इसमें से 53.95 फीसदी पुरुष और 46.05 महिला वोटर्स थीं. काराकाट में 153241 लोगों ने वोट डाला था. यहां पर 51 फीसदी मतदान हुआ था. इस चुनाव में आरजेडी के संजय यादव ने बीजेपी के राजेश्वर राज को शिकस्त दी थी. आरजेडी उम्मीदवार को 59720 (38.99 फीसदी) और राजेश्वर राज को 47601 (31.08 फीसदी) वोट हासिल हुए थे. तीसरे स्थान पर सीपीआई (एमएल) के अरुण सिंह रहे थे. 

विधायक के बारे में

आरजेडी के विधायक संजय यादव का जन्म 30 अक्टूबर 1977 को रोहतास के विक्रमगंज में हुआ. संजय यादव की शैक्षणिक योग्यता बीए है. उन्होंने 1998 में राजनीति में प्रवेश किया. 2015 का चुनाव जीतकर वह पहली बार विधानसभा पहुंचे. इससे पहले 2001 से 2014 तक वह रोहतास में आरजेडी के जिला उपाध्यक्ष रह चुके थे. 


 

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