scorecardresearch
 

कटोरिया विधानसभा सीट: बदलता रहा है जनता का मूड, इस बार किसे देगी मौका?

कटोरिया में विधानसभा का पहला चुनाव 1957 में हुआ था. अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित इस सीट पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के पीरू मांझी को जीत मिली थी.

Advertisement
X
2015 के चुनाव में आरजेडी को मिली थी जीत
2015 के चुनाव में आरजेडी को मिली थी जीत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कटोरिया में बीजेपी, कांग्रेस और आरजेडी को मिल चुकी है जीत
  • 2015 के चुनाव में आरजेडी ने हासिल की थी जीत
  • 2010 के चुनाव में बीजेपी ने मारी थी बाजी

बिहार की कटोरिया विधानसभा सीट बांका जिले में आती है. 1957 में हुए यहां पर पहले चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी. कटोरिया में किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है. यहां की जनता ने कांग्रेस, बीजेपी और आरजेडी तीनों ही पार्टियों को मौका दिया. 2010 के चुनाव में जहां बीजेपी ने जीत हासिल की थी तो वहीं 2015 के चुनाव में आरजेडी ने बाजी मारी. 2009 में राजनीति में एंट्री करने वालीं स्वीटी सीमा हेम्ब्रम कटोरिया की विधायक हैं.

Advertisement

सामाजिक ताना-बाना

कटोरिया बांका जिले को बनाने वाले 11 ब्लॉकों में से एक है. यहां 223 गांव और 16 पंचायतें हैं. कटोरिया के निकटतम जो सबसे बड़े शहर हैं वो कोलकाता और पटना हैं. कटोरिया विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है.

2011 की जनगणना के अनुसार, कटोरिया की जनसंख्या 371646 है. अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) का अनुपात कुल जनसंख्या से क्रमशः 9.18 और 12.08 है. 2019 की मतदाता सूची के अनुसार, इस निर्वाचन क्षेत्र में 248825 मतदाता और 261 मतदान केंद्र हैं.
 

राजनीतिक पृष्ठभूमि

कटोरिया में विधानसभा का पहला चुनाव 1957 में हुआ था. अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित इस सीट पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के पीरू मांझी को जीत मिली थी. इसके बाद कांग्रेस अगले दो चुनावों में भी विजयी रही.

Advertisement

1962 के चुनाव में कांग्रेस को कटोरिया में हार नसीब होती है और इसके बाद 1990 में ही वह यहां पर वापसी कर पाती है. 1990 में मिली जीत ही कांग्रेस की यहां पर आखिरी जीत थी. कटोरिया में हुए हाल के चुनावों पर नजर डालें तो यहां पर बीजेपी और आरजेडी के बीच मुकाबला होता आया है.

यहां की जनता ने किसी एक पार्टी को लगातार नहीं चुना है. या यू कहें कि कटोरिया में किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है. 2015 के चुनाव में जहां आरजेडी को जीत मिली थी तो वहीं 2010 के चुनाव में बीजेपी ने बाजी मारी थी.

2015 का जनादेश

कटोरिया में हुए 2015 के विधासनभा चुनाव में 232492 वोटर्स थे. इसमें से 53.31 फीसदी पुरुष और 46.69 फीसदी महिला वोटर्स थीं. कटोरिया में कुल 132426 लोगों ने वोट डाला था. यहां पर 56 फीसदी वोटिंग हुई थी. इस चुनाव में आरजेडी की स्वीटी सीमा हेम्ब्रम ने बीजेपी की निक्की हेम्ब्रम को 9 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी थी.

स्वीटी हेम्ब्रम को 54760 (41.35 फीसदी) वोट मिले थे तो वहीं निक्की को 44423 (33.55 फीसदी) वोट हासिल हुए थे. तीसरे स्थान पर झारखंड मुक्ति मोर्ची थी.

ये प्रत्याशी हैं मैदान में

कटोरिया विधानसभा सीट पर 5 उम्मीदवार मैदान में हैं. यहां से बीजेपी की निक्की हेम्ब्रम और आरजेडी की स्वीटी हेम्ब्रम प्रत्याशी हैं. कटोरिया में मुकाबला बीजेपी और आरजेडी के बीच ही माना जा रहा है. स्वीटी हेम्ब्रम यहां की मौजूदा विधायक हैं. 

Advertisement

कितनी हुई वोटिंग

कटोरिया में पहले चरण के तहत मतदान हुआ. यहां पर 28 अक्टूबर को वोटिंग हुई. कटोरिया में 60.99 फीसदी मतदान हुआ. मतगणना 10 नवंबर को की जाएगी.

विधायक के बारे में

12 अक्टूबर, 1978 को जन्मीं स्वीटी सीमा हेम्ब्रम 2015 में पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं. 2009 में उन्होंने राजनीति में एंट्री की थी. वह आरजेडी की प्रदेश महासचिव रह चुकी हैं.

 

Advertisement
Advertisement