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लौरिया विधानसभा सीट पर 56.80 फीसदी मतदान, RJD और बीजेपी में टक्कर

लौरिया विधानसभा सीट पर 2015 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के विनय बिहारी ने जीत हासिल की थी. विनय बिहारी ने राष्ट्रीय जनता दल के रणकौशल प्रताप सिंह को 17,573 मतों के अंतर से हराया था. विनय को 40.5% तो रणकौशल को 28.1% वोट मिले थे. बीजेपी की यह पहली जीत थी.

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पिछली बार लौरिया में लहराया था बीजेपी का परचम (फाइल-पीटीआई)
पिछली बार लौरिया में लहराया था बीजेपी का परचम (फाइल-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कांग्रेस यहां से 7 बार जीतने में सफल रही
  • 2015 में बीजेपी ने यहां से खोला था खाता
  • पिछले चुनाव में बीजेपी के विनय बिहारी जीते

बिहार की लौरिया सीट पर 56.80 फीसदी मतदान हुआ. पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा वोट डाले. लौरिया विधानसभा सीट पर कुल 10 उम्मीदवार मैदान में है जिसमें मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के विनय बिहारी और राष्ट्रीय जनता दल के शंभू तिवारी के बीच है. जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) की ओर से सीमा देवी भी मैदान में हैं. 

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लौरिया नगर विधानसभा सीट पर इस बार कुल 12 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था और सभी 12 आवेदन सही पाए गए. यहां से किसी भी उम्मीदवार ने नाम वापस नहीं लिया और न ही उम्मीदवारी खारिज हुई. इस तरह से इस सीट पर 10 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है. लौरिया सीट पर तीसरे चरण में 7 नवंबर को मतदान कराए गए. 

तीसरे चरण में 7 को मतदान

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 28 अक्टूबर को 16 जिलों की 71 सीटों पर मतदान हुआ तो दूसरे चरण में 3 नवंबर को 17 जिलों की 94 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई जबकि तीसरे चरण में 7 नवंबर को 78 सीटों पर मतदान हुआ. वोटों की गिनती 10 नवंबर को की जाएगी.

लौरिया विधानसभा सीट की बिहार विधानसभा में सीट क्रम संख्या पांच है. यह विधानसभा क्षेत्र पश्चिम चंपारण जिले में पड़ता है और यह वाल्मीकि नगर संसदीय (लोकसभा) निर्वाचन क्षेत्र का एक हिस्सा है. 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद इस सीट में बदलाव किया गया. पहले यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुआ करती थी.

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लौरिया विधानसभा सीट वाल्मीकि नगर संसदीय (लोकसभा) निर्वाचन क्षेत्र के तहत आने वाली 6 विधानसभा सीटों में एक है. 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद इस सीट में बदलाव किया गया.

कांग्रेस 7 बार जीती
इस विधानसभा सीट पर फिलहाल किसी एक दल का एकक्षेत्र राज नहीं रहा है. हालांकि एक समय कांग्रेस की स्थिति मजबूत थी और यहां से 7 बार चुनाव जीता जबकि जनता दल यूनाइटेड और जनता दल 2-2 बार जीत चुकी है. 2015 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने यहां से जीत का खाता खोला था.

2015 में हुए विधानसभा चुनाव में लौरिया विधानसभा सीट पर कुल 2,25,175 मतदाता थे जिसमें 1,23,148 पुरुष और 1,02,017 महिला मतदाता शामिल थे. 2,25,175 में से 1,41,706 ने वोट डाले जिसमें 1,39,247 वोट वैध रहे. इस सीट पर 62.9 फीसदी वोट पड़े थे. नोटा के पक्ष में 2,459 वोट पड़े थे.

बीजेपी के विनय बिहारी की जीत
लौरिया विधानसभा सीट पर 2015 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के विनय बिहारी ने जीत हासिल की थी. विनय बिहारी ने राष्ट्रीय जनता दल के रणकौशल प्रताप सिंह को 17,573 मतों के अंतर से हराया था. विनय को 40.5% तो रणकौशल को 28.1% वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार शंभू तिवारी रहे जिनको 14.7 फीसदी वोट मिले.    

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जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस महागठबंधन के रूप में चुनाव लड़ रहे थे और यह सीट राष्ट्रीय जनता दल को दी गई थी जिसमें उसे हार मिली थी. वैसे इस सीट पर कुल 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे जिसमें 3 उम्मीदवार निर्दलीय थे. बसपा चौथे स्थान पर रही थी.

विधायक विनय बिहारी ग्रेजुएट हैं और 2015 के चुनाव में दाखिल हलफनामे के अनुसार उन पर एक आपराधिक केस दर्ज है. उनके पास 3,06,83,650 रुपये की संपत्ति है और उन पर कोई लाइबिलटीज नहीं है.

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