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बिहार चुनाव: NDA से अलग होगी LJP? नीतीश सरकार के सात निश्चय को बताया भ्रष्टाचार का पिटारा

एलजेपी की ओर से नीतीश सरकार पर हमले किए गए हैं. पार्टी ने कहा कि नीतीश सरकार का सात निश्चय का एजेंडा भ्रष्टाचार का पिटारा है. एलजेपी बिहार सरकार के एजेंडे सात निश्चय के कार्यक्रम को नहीं मानती है.

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चिराग पासवान और सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
चिराग पासवान और सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एलजेपी 143 सीटों पर उम्मीदवारों को उतारने की राह देख रही
  • शनिवार को होगी पार्टी की संसदीय दल की बैठक
  • नीतीश सरकार के सात निश्चय पर जोरदार प्रहार

बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए पार्टियों की बैठकों का दौर जारी है. NDA और महागठबंधन दोनों में अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है. माना जा रहा है कि NDA में पेंच एलजेपी की नाराजगी की वजह से फंसा है. चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी की नजर ज्यादा सीटों पर है. शनिवार को एलजेपी संसदीय दल की बैठक होनी है. चुनाव से पहले यह एलजेपी की आखिरी बैठक होगी. 

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इस बैठक में सभी 143 प्रत्याशियों पर चर्चा होगी. यानी एलजेपी 143 सीटों पर उम्मीदवारों की उतारने की राह देख रही है. ऐसे में अगर वो NDA से अलग भी हो जाती है तो हैरान नहीं होगी. आज एलजेपी की ओर से नीतीश सरकार पर हमले भी किए गए हैं. पार्टी ने कहा कि नीतीश सरकार का सात निश्चय का एजेंडा भ्रष्टाचार का पिटारा है. एलजेपी बिहार सरकार के एजेंडे सात निश्चय के कार्यक्रम को नहीं मानती है.

एलजेपी का दावा है कि बिहार फर्स्ट बिहार फर्स्ट विजन डॉक्युमेंट को अगली सरकार लागू करेगी. पार्टी का मानना है कि सात निश्चय के सभी कार्य अधूरे रह गए. जो अभी तक कार्य हुए हैं उनका भुगतान भी नहीं हुआ. नीतीश सरकार का सात निश्चय का एजेंडा भ्रष्टाचार का पिटारा है. 

एलजेपी ने साफ संकेत दे दिए है कि उसे अब एनडीए में नहीं रहना है, लेकिन सवाल ये है कि अगर वो केन्द्र में एनडीए के साथ रहते हुए बिहार में जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारेगी तो क्या जेडीयू इसे मानेगी. एक तरफ केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान बीमार हैं, ऐसे वक्त में बीजेपी उनको मंत्रिमंडल से हटा पाएगी सवाल ये भी है.

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इस बीच, केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पटना में कहा कि चिराग पासवान से बातचीत के लिए हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 3-4 लोगों को अधिकृत किया है और वो सहयोगियों से लगातार बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए की जीत होगी.

सीटों को लेकर रस्साकशी जारी

दरअसल, जेडीयू-बीजेपी-एलजेपी के बीच सीटों को लेकर रस्साकशी जारी है. बिहार की सियासी मजबूरी के चलते एनडीए के तीनों दल एक दूसरे का साथ भी नहीं छोड़ने की हिम्मत जुटा पा रहे और न ही कोई रास्ता तलाश पा रहे हैं. हालांकि, चिराग पासवान के तेवर को देखते हुए जेडीयू ने यह जरूर कह दिया है कि एलजेपी का गठबंधन बीजेपी से है और सीटों को लेकर उसी से बात करें. इस तरह से नीतीश ने एलजेपी को बीजेपी के पाले में डाल दिया है. 

चिराग पासवान का साथ न छोड़ना बीजेपी की एक राजनीतिक मजबूरी है. हाथरस कांड के बाद जिस तरह से विपक्ष हमलावर है और बीजेपी को दलित विरोधी कठघरे में खड़ा कर रहा है. इन सब के बीच बीजेपी चिराग पासवान से पीछा छुड़ाती है तो दलित विरोधी करार दिए जाने का खतरा है.

इसी के चलते माना जा रहा है कि बीजेपी ने एलजेपी को विधानसभा की 36 सीटें और दो एमएलसी सीटें देने का ऑफर दिया है. बीजेपी नीतीश ही नहीं चिराग को भी साधकर रखना चाहती है. अगर चुनाव के बाद ऐसी स्थिति बनती है कि बीजेपी और एलजेपी मिलकर सरकार बनाने की स्थिति में हो तो नीतीश पर दबाव बना सकें. इसीलिए एलजेपी को बीजेपी चाहकर भी फिलहाल नहीं छोड़ना चाहती है.

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