बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में लगातार टकराव स्थिति बन रही है. लोक जनशक्ति पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के एक हफ्ते में अपना विजन डॉक्यूमेंट बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट के नाम से लेकर आएगी.
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) पिछले एक साल से बिहार के हजारों गांवों से लगभग 4 लाख लोगों के सुझाव लेकर बिहार का विजन डॉक्यूमेंट बना रही है. इसका नाम बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट विजन डॉक्यूमेंट 2020 रखा गया है.
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एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने विजन डॉक्यूमेंट बनाने के लिए 7 सदस्यीय कमेटी फरवरी में गठित की थी. इसका मकसद लोगों के सुझावों पर चर्चा कर उन सभी को शामिल करना था जिससे बिहार की खोई अस्मिता को विकास के रास्ते वापस लाया जा सके.
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इसका एक मकसद ये भी था कि लोक जनशक्ति पार्टी को भी एक दिशा मिले जिससे वह आने विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की जनता को यह बता सके कि उसके पास राज्य के विकास और बिहार को फर्स्ट बनाने के लिए उनका रोड मैप क्या है.
एलजेपी के विजन डॉक्यूमेंट में पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ क्षेत्र और कानून व्यवस्था को लेकर मिले सुझावों के आधार पर बिहार से पलायन पर रोक कैसे लगाई जा सकती है, इस पर सबसे ज्यादा फोकस होगा. इसके साथ ही प्रवासियों और बाढ़ से बचाव के लिए अलग मंत्रालय का बनाने का वादा भी विजन डॉक्यूमेंट किया जाएगा.
एलजेपी और जेडीयू का रिश्ता
इतना तय है कि विधानसभा चुनाव से पहले विजन डॉक्यूमेंट लेकर आने से जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी के बीच की दूरी खाई में तब्दील हो जायेगी. इसमें बीजेपी को बड़े स्तर पर रफू का काम करना पड़ेगा. मतलब साफ हैं बिहार चुनाव हर बार की तरह पिछली बार से ज्यादा रोमांचक रहने वाला है.