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मधुबनी: जिले की 10 सीटों पर सबकी नजर, RJD फिर कर पाएगी कमाल?

एक वक्त यह जिला वामपंथ का गढ़ रहा है. अब यहां दूसरे दलों ने अपनी जड़ें मजबूत करनी शुरू कर दी है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अशोक कुमार यादव ने भारी मतों के साथ जीत दर्ज की थी.

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bihar assembly election 2020
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • मखाना के पैदावार के लिए दुनियाभर में है पहचान
  • जिले में 10 विधानसभा सीटें हैं
  • एक वक्त वामपंथ का गढ़ रहा था मधुबनी

दरभंगा से अलग होकर 1972 में अस्तित्व में आया बिहार का मधुबनी जिला मिथिला पेंटिंग के लिए विश्व विख्यात है. मधुबनी बिहार के दरभंगा प्रमंडल का एक प्रमुख शहर एवं जिला है. दरभंगा और मधुबनी को मिथिला संस्कृति का केंद्र माना जाता है. मैथिली तथा हिंदी यहां की प्रमुख भाषा है. मखाना के पैदावार की वजह से मधुबनी को विश्वभर में जाना जाता है. जिले में 10 विधानसभा सीटें हैं. 

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राजनीतिक पृष्ठभूमि
मधुबनी जिले में मुख्य मुकाबला इस बार महागठबंधन और NDA के बीच ही माना जा रहा है. जिले की 10 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर जेडीयू-बीजेपी और एलजेपी में मंथन चल रहा है. एक वक्त यह जिला वामपंथ का गढ़ रहा है. अब यहां दूसरे दलों ने अपनी जड़ें मजबूत करनी शुरू कर दी है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अशोक कुमार यादव ने भारी मतों के साथ जीत दर्ज की थी.

सामाजिक तानाबाना
मधुबनी जिले की मुख्य भाषा मैथिली है. कहा जाता है कि प्राचीन काल में यहां के जंगलों में शहद अधिक होता था. इसलिए इसका नाम मधुबनी हो गया.  जिले के उत्तर में नेपाल, दक्षिण में दरभंगा, पूरब में सुपौल और पश्चिम में सीतामढ़ी जिला है. जिले में कई छोटी नदियां हैं जो बाढ़ जैसी विभीषिका का कारण बनती हैं. यह जिला 5 अनुमंडल, 21 प्रखंडों, 399 पंचायतों तथा 1111 गांवों में बंटा है. खेती यहां का मुख्य पेशा है. 2011 की जनगणना के अनुसार मधुबनी जिले की जनसंख्या 44 लाख 87 हजार 379 है. जिले की साक्षरता दर औसतन 58.62 है.  

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2015 का जनादेश
मधुबनी जिले के तहत विधानसभा की 10 सीटें आती हैं- हरलाखी, बेनीपट्टी, बिस्फी, मधुबनी, बाबूबरही, झंझारपुर, खजौली, लौकहा, फुलपरास और राजनगर. 

मधुबनी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पर 2015 के चुनाव में आरजेडी के समीर कुमार 76823 वोटों के साथ जीत दर्ज किए थे. दूसरे नंबर पर बीजेपी के रामदेव     69516 वोट पाए थे. हरलाखी सीट से आरएलएसपी के सुधांशु शेखर 40468 वोट के साथ जीत दर्ज किए थे. दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी 36576 वोट पा सके थे. बेनीपट्टी सीट से कांग्रेस की भावना झा 55978 वोट के साथ विजयी रहीं. दूसरे नंबर पर 51244 वोट के साथ बीजेपी के विनोद नारा थे. बिस्फी सीट से आरजेडी के फयाज अहमद 70975 वोट और बीएलएसपी के मनोज 35650 वोट हासिल कर सके थे. मधुबनी जिले की बाबूबरही सीट पर जेडीयू के कपिल देव कामत ने 61486 वोटों के साथ जीत दर्ज की थी. दूसरे नंबर पर एलजेपी के विनोद 41219 वोट पा सके थे. 
झंझारपुर सीट पर मुकाबला बेहद कड़ा हुआ था. यहां से आरजेडी के गुलाब यादव 64320 वोट और बीजेपी के नीतीश 63486 वोट हासिल किए थे. 
खजौली सीट से आरजेडी के सीताराम यादव 71534 वोट के साथ जीत गए थे. दूसरे नंबर पर बीजेपी के अरुण 60831 वोट पा सके थे. जिले की लौकहा सीट पर जेडीयू के लक्ष्मेश्वर रॉय 79971 वोटों के साथ पहले नंबर पर थे. उनके बाद बीजेपी के प्रमोद 56138 वोट हासिल कर सके थे.
फुलपरास सीट से जेडीयू की गुलजार देवी 64368 वोट और बीजेपी के राम सुंदर 50953 वोट के साथ दूसरे नंबर पर थे.

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जिले की आरक्षित सीट राजनगर से बीजेपी के रामप्रीत पासवान 71614 वोटों के साथ जीत गए थे. आरजेडी के रामअवतार 65372 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे.     


 

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