बिहार विधानसभा चुनावों की तारीख का ऐलान हो चुका है. बिहार में मतदान तीन चरणोें 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को होंगे. नतीजों का ऐलान 10 नवंबर को किया जाएगा. क्या नीतीश कुमार की वापसी होगी या फिर जनता इस बार जनता का मूड बदलेगा. खैर ये तो चुनाव के बाद नतीजे आने पर ही साफ हो पाएगा. लेकिन राजनीति और दबंगई के कॉकटेल वाली बिहार की सियासत बड़ी दिलचस्प रही है. कई राजनेता दबंगों के दम से चुनाव जीतते आए हैं. फिर बाद में दबंग ही राजनेता बन बैठे. बिहार में चुनाव हों और बाहुबलियों का जिक्र ना हो, ऐसा तो मुमकिन नहीं है.
आज बात हो रही है ऐसे बाहुबली नेता की जो 70 के दशक में मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में शामिल था. उनका नाम है मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह, जो फिलहाल बिहार के सारण के एकमा से जनता दल यूनाइटेड (JDU) से विधायक हैं. कहा जाता है कि सारण में धूमल सिंह के नाम की तूती बोलती है और उनकी इजाजत के बिना इलाके में परिंदा भी पर नहीं मार सकता.
धूमल सिंह के खिलाफ बिहार, यूपी, दिल्ली, मुंबई और झारखंड में 150 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. लेकिन साल 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने एफिडेविट में बताया था कि उन पर 9 आपराधिक मामले चल रहे थे. इनमें 4 हत्या और हत्या के प्रयास का भी एक -एक मामला दर्ज है.
कैसा रहा करियर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले बाहुबली मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह अभी सारण के एकमा से जदयू के विधायक हैं. धूमल सिंह ने सारण की सियासत में साल 2000 में एंट्री मारी थी. तब वह सारण के बनियापुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक चुने गए थे. 2005 के फरवरी का चुनाव उन्होंने लोजपा और उसी साल नवंबर का चुनाव जदयू के टिकट पर लड़ा और जीते.
फिर उन्होंने अपना क्षेत्र बदल लिया और बतौर जदयू प्रत्याशी एकमा से किस्मत आजमाई. मनोरंजन सिंह ने 2010 के विधानसभा चुनाव में RJD के कामेश्वर कुमार सिंह को 29201 वोटों के अंतर से हराया था. 2014 के आम चुनाव में भी धूमल ने अपनी किस्मत आजमाई थी और महाराजगंज लोकसभा सीट से JDU के टिकट पर लड़े थे, पर इन्हें हार का सामना करना पड़ा था. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में मनोरंजन फिर एकमा सीट से उतरे और बीजेपी के कामेश्वर कुमार सिंह को शिकस्त दी.
घर से मिले थे हथियार और गांजा
साल 2005 में जब विधायक धूमल सिंह बक्सर जेल में थे तो सारण जिले में उनके आवास पर पुलिस ने छापेमारी की थी. तब पुलिस को हथियार, 4 मोटरसाइकिल, एक क्वालिस कार, एक बोलेरो, 300 ग्राम अवैध गांजा और 1.5 लाख रुपये कैश मिले थे. धूमल के भजौना और गोपेश्वर आवास से तीन साथियों को गिरफ्तार भी किया गया था.
पुलिस रिपोर्ट में रंगदारी का था जिक्र
साल 2018 में बोकारो में लोहा ऑक्सन और आयरन ओर के ढुलाई में धूमल सिंह के गिरोह समेत बिहार- झारखंड के तीन आपराधिक गिरोह की सक्रियता को लेकर खुफिया विभाग ने रिपोर्ट तैयार की थी. पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया था कि बीएसएल में लोहा ऑक्शन होने पर ऑक्शन प्राप्त ठेकेदार से 400 रुपये प्रतिटन रंगदारी ली जाती थी.
विधायक धूमल सिंह को 200 रुपये प्रतिटन के हिसाब से रंगदारी पहुंचाई जाती थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि ट्रांसपोर्टिंग के जरिए वसूली का पहला गिरोह धूमल सिंह का है. वह रणवीर सिंह उर्फ राणा के जरिए रंगदारी की वसूली करवाता था.
सरकारी जमीन पर कब्जे का आरोप
अक्टूबर 2014 में मनोरंजन सिंह पर 37 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा करने का आरोप भी लग चुका है. राजीव नगर थाने में उनके खिलाफ बिहार हाउसिंग फेडरेशन की ओर से केस भी दर्ज कराया गया था. इस मामले में जेडीयू विधायक प्रदीप महतो और 40 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया था. मनोरंजन जब बनियापुर के विधायक थे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके पैतृक आवास पर साथ में लंच किया था.तब नीतीश के इस कदम की काफी आलोचना हुई थी.
कितनी है संपत्ति
साल 2015 में चुनावी हलफनामे के मुताबिक उन्होंने अपनी संपत्ति 3,10,56,352 रुपये बताई थी. जबकि उनकी देनदारी 20,02,581 रुपये की थी.