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मोरवा विधानसभा सीटः राजद टक्कर को तैयार, सहनी समाज का फिर भरोसा जीत पाएगी जदयू

2015 के चुनावों में जदयू महागबंधन का हिस्सा था. इसलिए इस सीट पर संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर जदयू के विद्यासागर निषाद चुनाव मैदान में उतरे थे. विद्यासागर निषाद 59,206 (42.7%) मतों के साथ जीत हासिल की, वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सुरेश राय को 40,390 यानी 29.2% मतों के साथ संतोष करना पड़ा.

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पिछले दो बार से मोरवा सीट पर जीत रही है जदयू
पिछले दो बार से मोरवा सीट पर जीत रही है जदयू
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मोरवा में सहनी समाज की तादाद ज्यादा
  • पिछले दो चुनावों से जदयू का कब्जा है
  • 2015 में तीसरे स्थान पर थी शिवसेना

मोरवा विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जेडीयू के बीच सीधा मुकाबला है. आरजेडी ने रणविजय साहू, जेडीयू ने विद्या सागर निषाद, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने कुमार अनंत, एलजेपी ने अभय कुमार सिंह और शिवसेना ने मनीष कुमार को चुनाव मैदान में उतारा है. इस सीट पर 7 नवंबर को हुए चुनाव में 59.43% मतदान दर्ज किया गया था. मतगणना 10 नवंबर को होगी.

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बिहार में 2008 में परिसीमन के बाद मोरवा विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया था. इसमें समस्तीपुर जिले के मोरवा प्रखंड के अलावा ताजपुर के 12 और पटोरी प्रखंड के 8 पंचायतों को शामिल किया गया था. 2010 में मोरवा विधानसभा क्षेत्र का पहला चुनाव हुआ जिसमें जदयू की टिकट पर बैधनाथ सहनी विधानसभा पहुंचे थे. 

मोरवा में सहनी समाज की आबादी ज्यादा हैं. इंदरवाड़ा में राजकीय मेला लगता है. इस प्रसिद्ध मेले में निषाद समाज के लोग बिहार के बाहर से भी आते हैं. पटोरी प्रखंड का भी कुछ हिस्सा इसमें है. यह क्षेत्र मछली पालन के लिए जाना जाता है. हालांकि इस लिहाज से इस क्षेत्र में काम नहीं हुआ. यह चुनाव का एक मुद्दा भी है. इस क्षेत्र में गांवों में सड़कों की हालत अब भी ठीक नहीं है.

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2015 में क्या रहे नतीजे

बहरहाल, 2015 के चुनावों में जदयू महागबंधन का हिस्सा था. इसलिए इस सीट पर संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर जदयू के विद्यासागर निषाद चुनाव मैदान में उतरे थे. विद्यासागर निषाद ने 59,206 (42.7%) मतों के साथ जीत हासिल की, वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सुरेश राय को 40,390 यानी 29.2% मतों के साथ संतोष करना पड़ा. दिलचस्प बात यह है कि कोई आधार न होने के बावजूद शिवसेना इस सीट पर 2015 के चुनावों में तीसरे स्थान पर रही थी. शिवसेना के अनिल कुमार शर्मा को 9,380(6.8%) वोट मिले थे.

मोरवा विधानसभा सीट पर 2010 के चुनावों में भी जदयू के उम्मीदवार ने बाजी मारी थी. जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े बैद्यनाथ सहनी ने 40,271 (38.4%) मतों के साथ जीत हासिल की थी. वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अशोक सिंह को 33,421 (31.8%) मतों से संतोष करना पड़ा था. कांग्रेस के नागमणि 6,995 (6.7%) मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. 

मौजूदा विधायक विद्यासागर निषाद

2015 के विधानसभा चुनावों में मोरवा से जदयू प्रत्याशी विद्यासागर निषाद ने जीत हासिल की थी. उस दौरान वह महागठबंधन के प्रत्याशी थे. तब विद्यासागर नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने और देश को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से मुक्त बनाने की बात किया करते थे. अब स्थिति बदल गई है और जदयू एनडीए का हिस्सा है. विद्यासागर एक सामान्य परिवार में पैदा हुए और स्कूल के दिनों में अपने दादा जी के राजनीतिक कार्यों में मदद किया करते थे. अभी शिक्षा को लेकर जागरूक करना और निषाद समाज को राजनैतिक सामाजिक क्षेत्र में आगे बढ़ाने को लेकर प्रयासरत हैं.

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जातिगत समीकरण

मोरवा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत आता है. मोरवा विधानसभा क्षेत्र की आबादी जनगणना 2011 के मुताबिक 390141 है. जिसमें अनुसूचित जाति और जनजाति का अनुपात क्रमशः 18.97 और 0.04 फीसदी है. 2019 की मतदाता सूची के मुताबिक इस सीट पर 255729 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. 2015 के चुनावों में यहां 57.97% मतदान हुआ था. 

 

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