scorecardresearch
 

नालंदा: दुनिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालय से 'कुर्मिस्तान' तक का सफर

नालंदा में दुनिया के सबसे पुराने विश्विद्यालय के अवशेष आज भी मौजूद हैं. यहां कई देशों से पढ़ने के लिए छात्र आते थे. नालंदा को अब यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया हुआ है.

Advertisement
X
दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय था नालंदा में
दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय था नालंदा में
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नालंदा में दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय
  • भारत का सांस्कृतिक शहर रहा है नालंदा
  • बौद्ध और जैन धर्म का प्रमुख केंद्र रहा है नालंदा

नालंदा बिहार का जिला है जिसका मुख्यालय बिहार शरीफ है. नालंदा अपने प्राचीन इतिहास के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. यहां दुनिया के सबसे पुराने विश्विद्यालय नालंदा के अवशेष आज भी मौजूद हैं. यहां कई देशों से पढ़ने के लिए छात्र आते थे. नालंदा को अब यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया हुआ है. आज भी यहां लोग नालंदा विश्‍वविद्यालय के अवशेष, संग्रहालय, नव नालंदा महाविहार और ह्वेनसांग मेमोरियल हॉल देखने के लिए आते हैं. इनके अलावा भी इसके आसपास में घूमने के लिए बहुत से पर्यटक स्‍थल हैं. राजगीर, पावापुरी, गया और बोधगया यहां के नजदीकी पर्यटन स्‍थल हैं. 1978 में नालंदा में करीब 36 वर्ग किमी में पंत वाइल्डलाइफ सैंक्चरी भी विकसित की गई है. नालंदा 1972 में पटना से अलग होकर एक जिला बना. 

Advertisement

बौद्ध और जैन धर्म की पवित्र जगह
गौतम बुद्ध और महावीर जैन कई बार नालंदा में ठहरे थे. माना जाता है कि महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति पावापुरी में की थी, जो नालंदा जिले में स्थित है. बुद्ध के प्रमुख छात्रों मे से एक शारिपुत्र का जन्म नालंदा में ही हुआ था. माना जाता है कि बुद्ध कई बार यहां आए थे. यही वजह है कि पांचवीं से 12वीं शताब्दी में इसे बौद्ध शिक्षा के केंद्र के रूप में भी जाना जाता था. बुद्ध ने सम्राट अशोक को यहीं उपदेश दिया था. प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने 7वीं शताब्दी में यहां जीवन का महत्त्वपूर्ण एक वर्ष एक विद्यार्थी और एक शिक्षक के रूप में बिताया था. ह्वेनसांग ने यहां की अध्ययन प्रणाली, अभ्यास और अनूठे मठवासी जीवन का वर्णन किया है. दुनिया के इस पहले आवासीय अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में दुनिया भर से आए 10,000 छात्र शिक्षा लेते थे. यहां करीब 2,000 शिक्षक थे.

Advertisement

प्राचीन स्थापत्य कला के कई नमूने 
नालंदा के राजगीर में कई गर्म पानी के झरने हैं. इसका निर्माण बिम्बिसार ने अपने शासन काल में करवाया था. यहां ब्रह्मकुंड, सरस्वती कुंड और लंगटे कुंड भी हैं. कई विदेशी मंदिर जैसे चीन का मंदिर, जापान का मंदिर भी यहां हैं. नालंदा जिले में जामा मस्जिद भी है जो बिहार शरीफ में है. यह बहुत ही पुरानी और विशाल मस्जिद है. गुप्त राजवंश ने प्राचीन कुषाण वास्तुशैली में निर्मित इन मठों का संरक्षण किया. यह किसी आंगन के चारों ओर बने कमरों की पंक्तियों के समान दिखाई देते हैं. सम्राट अशोक और हर्षवर्धन ने यहां सबसे ज्यादा मठों, विहार और मंदिरों का निर्माण करवाया था. हाल ही में विस्तृत खुदाई में यहां की संरचनाओं का पता लगा है. यहां पर सन् 1951 में एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शिक्षा केंद्र की स्थापना की गई थी.

बिहारशरीफ
पटना के पास ही में बिहारशरीफ है, जहां मलिक इब्राहिम बाया की दरगाह पर हर साल उर्स का आयोजन होता है. छठ पूजा के लिए प्रसिद्ध सूर्य मंदिर भी यहां से बस दो किलोमीटर दूर बडागांव में ही है. यहां आने वाले नालंदा के महान खंडहरों के अलावा 'नव नालंदा महाविहार संग्रहालय भी देख सकते हैं.

नालंदा पुरातत्‍वीय संग्रहालय
विश्‍व‍विद्यालय परिसर के विपरीत दिशा में एक छोटा सा पुरातत्‍वीय संग्रहालय है. इसमें खुदाई से प्राप्‍त बुद्ध की विभिन्‍न प्रकार की मूर्तियों का अच्‍छा संग्रह है. साथ ही बुद्ध की टेराकोटा मूर्तियां और प्रथम शताब्‍दी के दो जार भी इसी संग्रहालय में रखे हुए हैं. इसके अलावा इस संग्रहालय में तांबे की प्‍लेट, पत्‍थर पर खुदा अभिलेख, सिक्‍के, बर्तन और 12वीं सदी के चावल के जले हुए दाने भी हैं.

Advertisement

नव नाललंदा महाविहार
यह एक शिक्षा संस्‍थान है. इसमें पाली साहित्‍य और बौद्ध धर्म की पढ़ाई और शोध कार्य होता है. यह एक नया संस्‍थान है. इसमें दूसरे देशों के छात्र भी पढ़ाई के लिए आते हैं.

ह्वेनसांग मेमोरियल हॉल
यह भी एक नई इमारत है. यह इमारत चीन के महान तीर्थयात्री ह्वेनसांग की याद में बनाई गई है. इसमें ह्वेनसांग से संबंधित वस्‍तुओं और उनकी मूर्ति को देखा जा सकता है.

सूरजपुर बड़गांव
यहां भगवान सूर्य का प्रसिद्ध मंदिर और एक झील है. यहां साल में दो बार मेले का आयोजन होता है. एक चैत (मार्च-अप्रैल) और दूसरा कार्तिक (अक्‍टूबर- नवंबर) महीने में. इन दोनों महीनों में यहां प्रसिद्ध छठ त्‍योहार मनाया जाता है. दूर-दूर से लोग छठ मनाने के लिए यहां आते हैं.

नालंदा में खेती है रोजगार का आधार
नालंदा में फल्गु, मोहने जिराइन और कुंभरी नदियां बहती हैं. गंगा के मैदानी इलाके में बसे इस जिले में खेती के लिए उपजाऊ जमीन है. इसके बिहार शरीफ और दक्षिण में राजगीर की पहाड़ियां हैं. यहां की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार खेती है. यहां पर धान, गेहूं, मक्का, दालें, आलू, फल और सब्जियां उगाई जाती हैं. रक्षा मंत्रालय की ओर से कुछ समय पहले ही यहां पर एक ऑर्डिनेंस फैक्ट्री लगाई गई है. इसके अलावा यहां भारतीय रेलवे के कोच का मेंटेनेंस प्लांट भी है. 

Advertisement

नालंदा का सामाजिक तानाबाना
2011 की जनगणना के अनुसार नालंदा जिले की आबादी करीब 28.79 लाख है. नालंदा में स्त्री-पुरुष का अनुपात 921:1000 का है. दुनिया के पहले विश्विद्यालय वाले इस जिले में फिलहाल साक्षरता की दर 66.41% है. जिले की करीब 93.59% आबादी हिंदी भाषी है और लगभग 5.69% फीसदी आबादी उर्दू बोलती है. जिले में सीट निकालने में कुर्मी वोट सबसे अहम कारक हैं. नीतीश कुमार की इस इलाके में अच्छी पैठ है. इसे राजनीतिक गलियारे में कुर्मिस्तान भी कहा जाता है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नालंदा से ही आते हैं. वह यहां से सांसद भी रहे हैं. 

नालंदा में जेडीयू सबसे ताकतवर
नालंदा जिले में नालंदा लोकसभा सीट आती है. इस सीट पर पहले कांग्रेस का कब्जा रहा था. लेकिन अब यहां पर छह बार से लगातार जेडीयू जीतते आ रही है. कांग्रेस को यहां पर लगातार पांच बार जीत मिली है. लेकिन 1971 के बास से कांगेस यहां पर एक बार भी नहीं जीत पाई है. सीपीआई भी यहां से 1980 से 1991 के बीच लगातार तीन बार जीती है. जेडीयू के कौशलेंद्र कुमार यहां से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए हैं. भाजपा या आरजेडी यहां से एक बार भी जीतने में सफल नहीं रही है. नालंदा जिले में सात विधानसभा सीटें- अस्थावां, बिहारशरीफ, राजगीर (अनुसूचित जाति), इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा और हरनौत आती हैं. इनमें भी लोकसभा सीट की तरह जेडीयू का ही दबदबा है. यहां की 5 सीटें जेडीयू के पास हैं तो एक-एक सीट भाजपा और आरजेडी के पास है. 

Advertisement

जिले के प्रमुख अधिकारी
नालंदा जिले के डीएम योगेंद्र सिंह हैं. उनसे dm-nalanda.bih@nic.in पर संपर्क किया जा सकता है. उनका टेलीफोन नंबर 06112-235203 है. जिले के एसपी नीलेश कुमार हैं. उनसे sp-nalanda-bih@nic.in पर संपर्क किया जा सकता है. उनका टेलीफोन नंबर 06112-235207 और फैक्स नंबर 06112-233976 है. 
 

 

Advertisement
Advertisement