बिहार की नरकटियागंज सीट पर 59.40 फीसदी मतदान हुआ. पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा वोट डाले. नरकटियागंज विधानसभा सीट पर कुल 22 उम्मीदवार मैदान में है जिसमें मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी की रश्मी वर्मा और कांग्रेस के विनय वर्मा के बीच है. जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) की ओर से नौशाद अहमद भी मैदान में हैं.
नरकटियागंज नगर विधानसभा सीट पर इस बार कुल 22 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था और सभी 22 आवेदन सही पाए गए. यहां से किसी भी उम्मीदवार ने नाम वापस नहीं लिया और न ही उम्मीदवारी खारिज हुई. इस तरह से इस सीट पर 20 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है. नरकटियागंज सीट पर तीसरे चरण में वोटिंग होनी है और 7 नवंबर को मतदान कराए गए
तीसरे चरण में 7 को मतदान
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 28 अक्टूबर को 16 जिलों की 71 सीटों पर मतदान हुआ तो दूसरे चरण में 3 नवंबर को 17 जिलों की 94 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई जबकि तीसरे चरण में 7 नवंबर को 78 सीटों पर मतदान हुआ. वोटों की गिनती 10 नवंबर को की जाएगी.
नरकटियागंज विधानसभा सीट बिहार विधानसभा में क्रम संख्या में तीसरे नंबर की सीट है. नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र पश्चिम चंपारण जिले में पड़ता है लेकिन यह वाल्मीकि नगर संसदीय (लोकसभा) निर्वाचन क्षेत्र का एक हिस्सा है. इस सीट का भी अस्तित्व ज्यादा पुराना नहीं है और यह 2008 में अस्तित्व में आई थी. कोरोना संकट के दौर में बिहार में इस बार चुनाव होने जा रहे हैं जहां परपंरागत तरीके से इतर कुछ अलग तरह से चुनाव प्रचार के जरिए लोगों को लुभाने की कोशिश की जाएगी.
2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद नरकटियागंज विधानसभा सीट वजूद में आई. इस सीट के तहत धूमनगर, शिकारपुर, हरदी टेडा, मालदा मालदी, सिमरी, मनवा पारसी, चामुआ, नौतनवां, डुमरिया, बिनवलिया, मालदहिया पोखरिया, केहुनिया रोरी, पुरैनिया हरसारी, राजपुर तुमकरिया, सुगौली और कुंडिलपुर समेत कई क्षेत्र आते हैं.
अब तक 3 बार हुए चुनाव
2008 में अस्तित्व में आई सीट इस विधानसभा सीट का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है. 2008 से सीट के अस्तित्व में आने के बाद नरकटियागंज विधानसभा सीट पर 3 बार चुनाव हो चुके हैं. 2010 और 2015 के अलावा 2014 में उपचुनाव भी शामिल हैं.
पिछले 3 विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को 2 बार जीत मिली और तीसरी बार कांग्रेस ने बीजेपी को हैट्रिक लगाने से रोक दिया. 2010 और 2014 के चुनाव में बीजेपी को जीत मिली लेकिन 2015 के चुनाव में हार मिली.
2015 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो नरकटियागंज विधानसभा सीट पर हुए चुनाव के दौरान 2,42,545 मतदाता थे जिसमें 1,30,336 पुरुष और 1,12,190 महिला मतदाता शामिल थे. 2,42,545 में से 1,53,571 लोगों ने मतदान किया जिसमें 1,52,831 वोट वैध पाए गए. इस तरह से 63.3 फीसदी मतदान हुआ. जबकि नोटा के पक्ष में 740 वोट पड़े थे.
2015 में कांग्रेस को मिली थी जीत
2015 के चुनाव में नरकटियागंज विधानसभा सीट पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस के उम्मीदवार विनय वर्मा ने 16,061 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. विनय को 57,212 मत (37.3 फीसदी) हासिल हुए जबकि दूसरे नंबर पर रहीं भारतीय जनता पार्टी की रेनू देवी को 41,151 वोट मिले.
जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस महागठबंधन के रूप में चुनाव लड़ रहे थे और यह सीट कांग्रेस को दी गई थी जिसमें उसे जीत मिली. इस सीट पर 16 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई थी और इनमें 6 को 1000 से कम ही वोट मिले थे.
विधायक विनय वर्मा ग्रेजुएट हैं और 2015 के चुनाव में दाखिल हलफनामे के अनुसार उनके खिलाफ एक भी आपराधिक केस दर्ज नहीं है जबकि उनके पास 3,56,88,952 रुपये की कुल संपत्ति है. 11,91,000 रुपये की लायबलटीज है.