इन दिनों मुंबई इंडियन टीम के लिए आईपीएल खेल रहे ईशान किशन क्रिकेट जगत के राइजिंग स्टार हैं. 2016 में अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके ईशान भले ही झारखंड कोटे से खेलते हों, लेकिन उन्होंने क्रिकेट की बेसिक ट्रेनिंग बिहार के नवादा जिले के हरिश्चंद्र स्टेडियम से ली है.
इस स्टेडियम से निकले रणजी ट्राफी में बिहार को रिप्रेजेंट कर रहे प्रमोद यादव और अंडर-20 स्टेट टीम का हिस्सा रहे आशुतोष का भी जुड़ाव है. लेकिन इस स्टेडियम की बदहाली देखकर आप चौंक जाएंगे.
शासन-प्रशासन किसी का नहीं ध्यान
इन दिनों स्टेडियम में एंट्री करते ही ग्राउंड का बड़ा हिस्सा कीचड़ और पानी में डूबा नजर आता है. इसकी हालत का जायजा लेने के लिए बिहार तक की टीम यहां पहुंची. नजारा चौंकाने वाला था. फील्ड को देखकर लगता ही नहीं था कि यहां क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी जैसा कोई खेल हो सकता है. ना पिच का पता था ना ही गोल पोस्ट का. रनिंग ट्रैक भी नजर नहीं आया.
स्टेडियम में मौजूद जिला क्रिकेट संघ नवादा के सचिव मनीष आनंद ने कहा कि इसकी बदहाली के बारे में कई बार शासन और प्रशासन को पत्र लिखा जा चुका है. कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई.
पौने चार करोड़ खर्च होने के बाद भी बदहाली
जिला क्रिकेट संघ के मीडिया प्रभारी मनीष गोविंद ने बिहार तक टीम को बताया कि पटना के बाद ये बिहार का सबसे बड़ा स्टेडियम है. लेकिन अनियोजित विकास की भेंट चढ़ चुका है.
दो किश्त में पहले 2 करोड़ और बाद में 1.72 करोड़ रुपये खर्च के बाद भी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. खिलाड़ी अमन प्रभाकर की सुने तो हर साल हम खिलाड़ी मेहनत करके पिच और आउट फील्ड बनाते हैं और एक बरसात में ही स्टेडियम तालाब बन जाता है. फिर महीनों तक कीचड़-पानी जमा रहता है.
लो ग्राउंड लेवल है मुसीबत
यहां प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ी अभिषेक ने बताया कि स्टेडियम का ग्राउंड लेवल आस-पास के एरिया से नीचा है. इसलिए सारा पानी यहीं जमा हो जाता है. यदि इसमें मिट्टी डाल कर लेवल ऊंचा किया जाए तभी खिलाड़ियों को फायदा मिलेगा.
इन दिनों सुर्खी डाल कर लेवलिंग की जा रही है लेकिन ये सब चुनाव के लिए किया जा रहा है. इससे खिलाड़ियों को कोई फायदा नहीं मिलने वाला.
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