
बिहार की ओबरा विधानसभा सीट पर इस बार चुनावी जंग काफी रोचक रही. इस सीट पर महागठबंधन की ओर से आरजेडी और एनडीए खेमे से जेडीयू के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिला. हालांकि, चुनावी मैदान मे आरजेडी के ऋषि कुमार का जलवा बरकरार रहा. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी एलजेपी उम्मीदवार प्रकाश चंद्रा को 22668 वोटों से मात देते हुए जीत हासिल की. बता दें कि ओबरा विधानसभा सीट पर इस बार 28 अक्टूबर को वोट डाले गए और कुल 55.06% मतदान हुआ.
इस बार के मुख्य उम्मीदवार
2015 के चुनावी नतीजे
2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के बिरेंद्र कुमार सिन्हा ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के चंद्र भूषण वर्मा को करीब 12 हजार वोटों से शिकस्त दी थी. बिरेंद्र कुमार सिन्हा को 56 हजार 42 वोट मिले थे, जबकि चंद्र भूषण वर्मा को 44 हजार 646 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर सीपीआई (एमएल) के राजाराम सिंह (22 हजार 801 वोट) और चौथे नंबर पर स्वराज पार्टी के प्रत्याशी और निवर्तमान विधायक सोम प्रकाश (10 हजार 114 वोट) रहे थे.
ओबरा विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
इस सीट पर पहला चुनाव 1951 में हुआ था. इस चुनाव में पदारथ सिंह जीते थे. फिर 1962 के चुनाव में दिलकेश्वर राम जीतने में कामयाब हुए. 1867 में कांग्रेस के आरके सिंह जीते. 1969 में पदारथ सिंह फिर जीते. 1972 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर नरैन सिंह जीते. 1977 में जेएनपी के राम विलास सिंह जीते. 1980 में बीजेपी का खाता खुला और विरेंद्र प्रसाद सिंह जीते. इसके बाद 1985 और 1990 के चुनाव में राम विलास सिंह जीते. 1995 और 2000 के चुनाव में सीपीआई के टिकट पर राजा राम सिंह जीते.
2005-फरवरी और 2005-अक्टूबर के चुनाव में आरजेडी के टिकट पर सत्य नारायण सिंह जीतने में कामयाब हुए. 2010 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी सोम प्रकाश सिंह जीते. 2015 के चुनाव में आरजेडी ने वापसी की और उसके टिकट पर बिरेंद्र कुमार सिन्हा विधानसभा पहुंचे.
सामाजिक तानाबाना
औरंगाबाद जिले की ओबरा विधानसभा सीट, काराकाट लोकसभा सीट के अन्तर्गत आती है. इस सीट की कुल आबादी 4 लाख 32 हजार 861 है, जिसमें 84 फीसदी आबादी ग्रामीण और 16 फीसदी आबादी शहरी है. इस सीट पर अनुसूचित जाति की आबादी करीब 22 फीसदी है. ओबरा सीट पर 2015 के चुनाव में 55 फीसदी मतदान हुआ था.