बिहार में विधानसभा चुनाव प्रचार को लेकर सरगर्मियां तेज हैं. इस बीच जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि आजादी के बाद से जनता को इमोशनल ब्लैकमेल किया गया, नेता ब्लैकमेलर होता है. वो इमोशन के साथ खेलता है. आजादी मिली. कांग्रेस ने लंबे समय तक उस आजादी के नाम पर वोट लिया. इंदिरा जी जब शहीद हुईं तो राजीव गांधी टूअर (अनाथ) हो गए. राजीव जी शहीद हुए तो कांग्रेस टुअर हो गई. फिर मंडल कमंडल चला. फिर हिंदू-मुसलमान, फिर मंदिर-मस्जिद, फिर बैकवर्ड-फारवर्ड, दलित-महादलित, पसमांदा-गैर पसमांदा, अत्यंत पिछड़ा-पिछड़ा के नाम पर राजनीति चली.
इनमें से पूप्पू यादव का वोटर है तो उन्होंने कहा कि इनमें से कोई भी उनका वोटर नहीं है. एक इंसान जिसकी जाति न हो, जो धूर्तता न जानता हो, जो इंसान हो वो उनका समर्थक है. इस सवाल पर कि पप्पू यादव एक क्षेत्र के नेता हैं? उन्होंने कहा कि अगर मैं एक क्षेत्र का नेता हूं तो नरेंद्र मोदी बनारस क्यों आ गए. लालू यादव छपरा और गोपालगंज में चुनाव क्यों नहीं लड़े? नीतीश कुमार नालंदा में चुनाव लड़कर के क्यों नहीं औकात बताए.
पप्पू यादव ने कहा कि लालू यादव और नीतीश कुमार तब सरकार बना पाते हैं जब कोसी, मिथिलांचल मिलकर उन्हें वोट देता है. अपने घर में सब फिसड्डी हो जाते हैं. कभी एमजे अकबर चला जाता है सीमांचल, कभी शहाबुद्दीन. और मेरी लड़ाई, तीस साल बनाम तीन साल है. हमने एक प्रतिज्ञा पत्र दिया है, हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार हो रहा है जब मैंने शपथ पत्र कोर्ट में जाकर दिया है.
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पप्पू यादव ने कहा कि शपथ पत्र में मैंने मजिस्ट्रेट के सामने कहा कि तीन साल में एशिया में नबंर वन बिहार होगा. मेरी पहली शपथ है बेटियों की आजादी. अगर उन तीन महीनों के दौरान टच करना तो दूर, अगर रात के 12 बजे स्कूटी से चल रही बच्ची को किसी ने देख भी लिया तो मैं फिर बिहार में नॉमिनेशन फाइल नहीं करूंगा.