scorecardresearch
 

पिपरा विधानसभा सीटः कभी कांग्रेस ने लगाई थी हैट्रिक, 2015 में बीजेपी की जीत

2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद पिपरा विधानसभा सीट को अनूसूचित जाति के लिए रिजर्व सीट से बाहर कर दिया गया और इसे सामान्य सीट घोषित कर दिया गया. साथ ही यह पहले मोतिहारी लोकसभा सीट के अंतर्गत आती थी लेकिन अब पूर्वी चंपारण संसदीय सीट के तहत आ गई.

Advertisement
X
पिपरा से क्या इस बार बीजेपी को मिलेगी जीत (सांकेतिक तस्वीर-पीटीआई)
पिपरा से क्या इस बार बीजेपी को मिलेगी जीत (सांकेतिक तस्वीर-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2008 से पहले रिजर्व सीट हुआ करती थी
  • कांग्रेस के नाम लगातार जीत की हैट्रिक
  • 2015 के चुनाव में मैदान में थे 17 उम्मीदवार

पिपरा विधानसभा सीट की बिहार विधानसभा में सीट क्रम संख्या 17 है. यह विधानसभा क्षेत्र पूर्वी चंपारण जिले में पड़ता है और यह पूर्वी चंपारण (लोकसभा) निर्वाचन क्षेत्र का ही एक हिस्सा भी है. 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद पिपरा विधानसभा सीट में चकिया (पिपरा) तेतरिया और मेहसी सामुदायिक विकास केंद्र को शामिल किया गया.

Advertisement

2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद पिपरा विधानसभा सीट को अनूसूचित जाति के लिए रिजर्व सीट से बाहर कर दिया गया और इसे सामान्य सीट घोषित कर दिया गया. साथ ही यह पहले मोतिहारी लोकसभा सीट के अंतर्गत आती थी लेकिन अब पूर्वी चंपारण संसदीय सीट के तहत आ गई.

कांग्रेस के नाम हैट्रिक जीत
2000 के चुनाव से पहले तक यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी और यहां पर पहली जीत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (1957) को मिली. बाद में कांग्रेस ने जीत की हैट्रिक (1962, 1967, 1969) लगाई. हैट्रकि जीत के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी 1972 और 1977 में लगातार 2 बार चुनाव जीत हासिल की. 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने वापसी और 1985 में इसे बरकरार रखा.  

1990 के चुनाव में जनता दल ने जीत का सिलसिला शुरू किया और 1995 में भी जीत गई. हालांकि 2000 के चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल ने पहली बार जीत हासिल की. फिर फरवरी 2005 में भारतीय जनता पार्टी ने भी पहली जीत का स्वाद चखा. अक्टूबर 2005 के चुनाव में भी यह सीट बीजेपी के पास ही रही थी. 2010 में जनता दल यूनाइटेड ने जीत अपने नाम किया.

Advertisement


1990 के चुनाव के बाद से बीजेपी अब तक 3 बार यहां से जीत चुकी है जबकि एक बार उसकी सहयोगी जनता दल यूनाइटेड ने जीत हासिल की थी. हालांकि 2015 के चुनाव में जनता दल यूनाइटेड एनडीए-बीजेपी से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के साथ महागठबंधन करके चुनाव लड़ा था. 

मैदान में थे 17 उम्मीदवार 
2015 में हुए विधानसभा चुनाव में पिपरा विधानसभा सीट की बात की जाए तो इस सीट पर कुल 2,98,807 मतदाता थे जिसमें 1,59,508 पुरुष और 1,39,288 महिला मतदाता शामिल थे. 2,98,807 में से 1,72,496 मतदाताओं ने वोट डाले जिसमें 1,71,042 वोट वैध माने गए. इस सीट पर 57.7% मतदान हुआ था. जबकि नोटा के पक्ष में 1,454 लोगों ने वोट किया था.

पिपरा विधानसभा सीट पर 2015 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के श्यामबाबू प्रसाद यादव ने जीत हासिल की थी. उन्होंने रोमांचक मुकाबले में जनता दल यूनाइटेड के कृष्ण चंद्र को 3,930 मतों के अंतर से हराया था. श्यामबाबू प्रसाद यादव को 38% वोट मिले जबकि कृष्ण चंद्र को 35.7% वोट हासिल हुए. इस सीट पर 17 उम्मीदवार मैदान में थे जिसमें 5 निर्दलीय उम्मीदवार थे.

विधायक श्यामबाबू प्रसाद यादव की शिक्षा के बारे में बात करें तो वह 12वीं पास हैं और 2015 में दाखिल हलफनामे के अनुसार उन पर 2 आपराधिक केस दर्ज है. उनके पास 1,47,83,908 रुपये की संपत्ति है, जबकि उन पर 1,42,921 रुपये की लायबिलिटीज है.

Advertisement

Advertisement
Advertisement