बिहार में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो गई है, तीन चरणों में हुए चुनावों में इस बार कुल 59.94 फीसदी वोटिंग हुई है. अब 10 नवंबर को नतीजों का इंतजार है. बिहार की रघुनाथपुर विधानसभा सीट पर इस बार 3 नवंबर को वोट डाले गए, यहां कुल 53.26% मतदान हुआ. सीवान जिले के तहत आने वाले रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र को राजपूतों का गढ़ माना जाता है. वर्तमान में यहां राष्ट्रीय जनता दल ( RJD) नेता हरिशंकर यादव विधायक हैं. पिछले चुनाव में हरिशंकर यादव ने बीजेपी उम्मीदवार मनोज कुमार सिंह को करीब 11 हजार वोटों के अंतर से हराया था. एक समय में इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था, और यही कारण है कि यहां से कांग्रेस ने 7 बार विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की है. लेकिन वर्तमान में यहां आरजेडी और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
यह सीट सिवान लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. जेडीयू नेता कविता सिंह यहां की वर्तमान सांसद हैं और RJD नेता हरिशंकर यादव रघुनाथपुर विधान सभा के वर्तमान विधायक हैं. इस सीट के राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखने पर पता चलता है कि 1951 और उसके बाद के 5 चुनावों में इस सीट पर कांग्रेस और सोशलिस्ट पार्टियों का कब्जा था.
लेकिन जनता पार्टी के आने के बाद कांग्रेस के वोट बैंक में बड़ा सेंध लगा और नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस की चीर प्रतिद्वंद्वी के रूप में जनता पार्टी ने सोशलिस्ट पार्टी की जगह ले ली. 1977 में जनता पार्टी के उम्मीदवार बिक्रम कौर ने इस सीट से जीत हासिल की. हालांकि, इसके बाद लगातार तीन बार यह सीट कांग्रेस के पाले में गई. लेकिन मजबूत जनधार वाली कांग्रेस को आखिरी बार इस सीट पर साल 2000 में जीत मिली थी.
इसके बाद यहां पर जेडीयू, बीजेपी, आरजेडी और निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. दिलचस्प बात यह है कि इस सीट पर जेडीयू और बीजेपी को 1-1 बार जीत मिली है. वहीं साल 2015 में आरजेडी का खाता खुला यानी पहली बार जीत मिली.
सामाजिक ताना-बाना
रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में राजपूत समुदाय के लोगों की संख्या ज्यादा है. यही कारण है कि इस सीट पर किसका कब्जा होगा इसका सीधा असर इस बात से होता है कि राजपूत वोट किसके पाले में गिरते हैं या गिरेंगे. आंकड़ों की बात करें तो 2011 की जनगणना के मुताबकि यहां की कुल आबादी 3,95,063 है और इसमें 100 फीसदी लोग ग्रामीण हैं.
इस सीट पर अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का भी अच्छा-खासा प्रभाव है. आंकड़ों के मुताबिक यहां 11.49 फीसदी आबादी एससी है और 2.52 फीसदी एसटी.
2015 का जनादेश
2015 के चुनाव में इस सीट से आरजेडी नेता हरिशंकर यादव ने बीजेपी कैंडिडेट रहे मनोज कुमार सिंह को करीब 11 हजार वोटों के अंतर से हराया था. हरिशंकर यादव को 61042 वोट मिले थे वहीं, मनोज कुमार सिंह को 50420 वोट प्राप्त हुए थे. इसके अलावा तीसरे नंबर पर रहे सीपीआईएमएल के उम्मीदवार अमरनाथ यादव को 16714 वोट मिले थे.
वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो 2015 में भाजपा को 34.67 फीसदी और राजद को 41.98 फीसदी वोट मिले थे. वहीं तीसरे नंबर पर रही सीपीआईएमएल के उम्मीदवार को भी 11.49 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे.
2019 की मतदाता सूची के अनुसार, इस निर्वाचन क्षेत्र में 2,94,744 मतदाता और 287 मतदान केंद्र हैं. 2015 के विधानसभा चुनावों में इस सीट पर 54.78 फीसदी वोटिंग हुई थी और 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदाता प्रतिशत 54.84 फीसदी रहा था.
दूसरे चरण में 3 नवंबर 2020 को इस सीट पर वोट डाले जाएंगे. चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे.
इस बार के मुख्य उम्मीदवार
मौजूदा विधायक का रिपोर्ट कार्ड
1978 में राजनीति में कदम रखने वाले विधायक हरिशंकर यादव का जन्म सिवान जिले के मीरपुर में साल 1955 में हुआ था. चार बेटे और चार बेटियों के पिता हरिशंकर यादव का शुरू से ही स्थानीय राजनीति में दखल रही है. वो अपने क्षेत्र में जिला बाजार समिति अध्यक्ष, कुसहरा अध्यक्ष, ग्राम पंचायत और मुखिया के पदों पर रह चुके हैं.
बताया जाता है कि हरिशंकर यादव का ईंट भट्ठे का भी बिजनेस है. अगस्त और सितंबर 2020 में हरिशंकर ने चुनाव से ठीक पहले कई सड़कों के काम का शिलान्यास किया है. इसके अलावा क्षेत्र में सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपनी पहुंच बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी है. हरिशंकर यादव तिहाड़ जेल में बंद बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के बड़े समर्थक माने जाते हैं. वो सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं.