बिहार के चुनावी राजनीति में राजा पकर विधानसभा सीट नयी है और यहां सिर्फ दो बार चुनाव हुए हैं. वर्तमान में आरजेडी नेता शिवचंद्र राम यहां से विधायक हैं. हालांकि इस बार यहां आरजेडी और लोजपा या आरजेडी और जेडीयू के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. बिहार में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो गई है, तीन चरणों में हुए चुनावों में इस बार कुल 59.94 फीसदी वोटिंग हुई है. अब 10 नवंबर को नतीजों का इंतजार है. बिहार की राजापाकड़ विधानसभा सीट पर इस बार 3 नवंबर को वोट डाले गए, यहां कुल 55.73% मतदान हुआ.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
परिसीमन के बाद अस्तित्व में आए राजापाकड़ विधानसभा सीट पर अभी तक सिर्फ दो बार चुनाव हुए हैं, जिसमें एक बार आरजेडी और एक बार जेडीयू को जीत हासिल हुई है.
साल 2010 में यहां से जेडीयू नेता संजय कुमार ने लोजपा के गौरीशंकर पासवान को 10 हजार वोटों से हराया था. हालांकि 2015 में जेडीयू और आरजेडी के एक साथ आने के कारण यह सीट आरजेडी के खाते में गई और शिवचंद्र राम आरजेडी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे. इस दौरान उन्होंने लोजपा के राम नाथ रमन को करीब 15 हजार वोटों के अंतर से हराया था.
समाजिक ताना-बाना
बिहार के वैशाली जिले के तहत आने वाला राजा पाकर विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यह हाजीपुर (एससी) लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. 2011 की जनगणना के अनुमान के अनुसार, यहां की आबादी करीब 373132 है. इसमें 100 फीसदी लोग ग्रामीण हैं. वहीं अनुसूचित जाति (एससी) की बात करें तो इस सीट पर एससी लोगों की आबादी 22.41 फीसदी है. यही कारण है कि इस सीट पर चुनाव में उतरने वालों की नजर एससी वोट बैंक पर भी रहती है.
2015 का जनादेश
2015 के विधानसभा चुनावों में यहां के 55.39 फीसदी वोटर्स ने वोट डाले थे. आरजेडी विधायक शिवचंद्र राम को 2015 के चुनाव में 61251 वोट मिले थे और राम नाथ रमन के खेमे में 46096 वोट गिरे थे. वोट परसेंटेज देखें तो पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी के पक्ष में 45 फीसदी वोटिंग हुई थी, वहीं लोजपा के पक्ष में 34 फीसदी वोटिंग हुई थी.
दूसरे चरण में 3 नवंबर 2020 को इस सीट पर वोट डाले जाएंगे. चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे.
इस बार के मुख्य उम्मीदवार
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
आरजेडी विधायक शिवचंद्र राम ने साल 1989 में राजनीति में कदम रखा. शिवचंद्र चार बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. इसके अलावा वो कई पदों पर भी रहे जैसे 2010 से 20116 तक राष्ट्रीय जनता दल युवा के प्रदेश अध्यक्ष रहे. इसके अलावा भी पार्टी और सरकार में कई पदों पर रह चुके हैं.