राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता और पूर्व सांसद रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी की वजह से पूर्व लोक जनशक्ति पार्टी सांसद रामा सिंह के राष्ट्रीय जनता दल में शामिल होने पर फिलहाल रोक लग गई है. इस घटना से बिहार की राजनीति में एक बार फिर ट्विस्ट आ गया है.
रामा सिंह ने ऐलान किया था कि वे 29 अगस्त को आरजेडी में शामिल हो जाएंगे, मगर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के निर्देश के बाद फिलहाल रामा सिंह के पार्टी में शामिल होने पर रोक लगा दी गई है. रघुवंश प्रसाद सिंह और रामा सिंह राजनीति में कट्टर प्रतिद्वंदी माने जाते हैं और ऐसे में जब खबरें आनी शुरू हुईं कि रामा सिंह राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो सकते हैं. इससे नाराज होकर जून में रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.
इसी बीच लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने भी रघुवंश प्रसाद सिंह के खिलाफ जमकर बयानबाजी करते हुए राष्ट्रीय जनता दल को समंदर और रघुवंश प्रसाद सिंह को एक लोटा पानी बता दिया. तेज प्रताप यादव के इस बयान से नाराज होकर लालू प्रसाद ने उन्हें 2 दिन पहले रांची तलब किया और जानकारी के मुताबिक उनकी जमकर क्लास भी लगाई.
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी जब रामा सिंह की एंट्री को लेकर सवाल पूछा गया तो तेजस्वी यादव ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. तेजस्वी यादव ने कहा, “मैं अभी किसी भी कयास पर कुछ नहीं बोलूंगा”.
अब ऐसे में, रामा सिंह की पार्टी में एंट्री पर रोक लग जाने से एक बात तय है कि लालू प्रसाद ने इस पूरे मामले में हस्तक्षेप किया है और वह नहीं चाहते हैं कि रघुवंश प्रसाद सिंह आरजेडी छोड़ें जो कि चुनाव से पहले पार्टी के लिए बहुत बड़ा झटका होगा. पिछले दिनों आरजेडी के 6 एमएलए और पांच एमएलसी पार्टी छोड़कर जेडीयू में शामिल हो चुके हैं.
क्या कहा तेजस्वी यादव ने
इससे पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई मुद्दों पर बिहार की नीतीश सरकार को घेरा. तेजस्वी यादव ने बिहार में बाढ़ और कोरोना की गंभीर स्थिति पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कई सवाल पूछे. उन्होंने यह भी पूछा कि बिहार सरकार बताए कि उसकी मदद में केंद्र सरकार ने क्या किया.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने कहा, बाढ़ और कोरोनो को लेकर बिहार में स्थिति खराब है. बाढ़ से 16 जिले, 130 प्रखंड और 84 लाख आबादी प्रभावित है. मेरे कहने के बाद मुख्यमंत्री ने सिर्फ 2 बार हेलिकॉप्टर से दौरा किया. उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए कुछ नहीं किया है. तेजस्वी ने पूछा कि सरकार बताए वायु सेना के कितने हेलिकाप्टर उड़े. 84 लाख आबादी सड़क पर आई उसके लिए क्या किया गया. बांध, तटबंध, पुल-पुलिया बड़े पैमाने पर टूटे हैं.
केंद्र सरकार को भी घेरा
केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, केंद्र सरकार ने बाढ़ की समीक्षा के लिए कोई टीम नहीं भेजी. बिहार की मदद के लिए केंद्र ने क्या किया, सरकार को बताना चाहिए. नीतीश कुमार को बाढ़ की चिंता नहीं, अपनी कुर्सी की सिर्फ चिंता है. मुख्यमंत्री ने सदन में कहा था कि राजनीतिक दलों की एक कमेटी बनेगी जो कोरोनो की निगरानी करेगी. आजतक इसपर कोई बात नहीं हुई.
कोरोना पर तेजस्वी ने कहा कि 28 जिलों में 80 हजार मरीज पाए गए. 376 लोगों की मृत्यु हुई. पहले 10 हजार टेस्टिंग हो रही थी, उस वक़्त भी ढाई हजार पॉजिटिव मामले आ रहे थे, अब लाख के करीब हो रही है, अब भी इतने ही केस आ रहे हैं. एंटीजन टेस्ट में गड़बड़ी है. आरटीपीसीआर टेस्ट सही है लेकिन उसकी मात्रा कम है.
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सरकार ने लोगों को गुमराह किया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री बताएं कि कोरोनो को लेकर कितना फंड आया और कहां कहां पैसे खर्च हुए. 40 लाख मजदूर वापस आए उनके लिए क्या किया गया. सीएम ने क्या कहा था कि जो मजदूर बिहार आएंगे उन्हें रोजगार दिया जाएगा. आज वो मजदूर वापस जा रहे हैं. बिहार का हर दूसरा परिवार रोजगार के लिए पलायन कर रहा है.