कभी बिहार में बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शुमार रहने वाले रामेश्वर चौरसिया अब बागी हैं. टिकट बंटवारे से नाखुश रामेश्वर चौरसिया अब एलजेपी के टिकट पर रोहतास के सासाराम सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उन्हें बीजेपी ने पार्टी से निष्कासित भी कर दिया है. इधर, रामेश्वर को भी बीजेपी से ढेरों शिकायतें हैं. वह बिहार में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व पर गंभीर आरोप भी लगाते हैं. बावजूद इसके उनकी नजर में इस चुनाव में असली गठबंधन बीजेपी-जेडीयू नहीं है बल्कि बीजेपी-एलजेपी है.
इंटरव्यू में लगाए गंभीर आरोप
दरसअल, चुनाव यात्रा पर निकली 'दी लल्लनटॉप' की टीम की सासाराम में रामेश्वर चौरसिया से मुलाकात हुई. यहां एक खास इंटरव्यू में उन्होंने प्रदेश के डिप्टी सीएम सुशील मोदी पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि बिहार के इस शीर्ष नेता को काम करने वाले लोग पसंद नहीं हैं. उन्हें परिक्रमा करने वाले लोग चाहिए. पढ़े-लिखे की जगह उन्हें डफर लोग चाहिए. वह बीजेपी के लिए कम और नीतीश कुमार के लिए ज्यादा काम करते हैं. इसलिए उन्होंने साजिश के तहत सीटों का सौदा किया है जिससे कार्यकर्ता वर्ग आहत है.
बताई पार्टी छोड़ने की वजह
जब उनसे पूछा गया कि आपने पार्टी क्यों छोड़ दी तो उन्होंने कहा कि मैंने बीजेपी को नहीं छोड़ा. रामेश्वर चौरसिया ने बताया कि मैं बीजेपी का 30 साल पुराना कार्यकर्ता हूं. स्वयं सेवक भी रहा हूं और संगठन के लिए काम कर चुका हूं. नोखा सीट से चार बार एलएलए भी रहा हूं. बीजेपी मेरे लिए मां के समान है. कोई अपनी मां को छोड़ सकता है क्या. इतना जरूर है कि इस बार चुनाव में जिस तरह से सीटों का सौदा किया गया है, उससे सभी हिल गए हैं. मैं भी उनमें से एक हूं.
पहले जैसी नहीं रही बीजेपी
इंटरव्यू में रामेश्वर चौरसिया ने ये भी कहा कि समय के साथ बीजेपी में गिरावट आई है. वजह ये है कि एक व्यक्ति की मनमानी जो पार्टी को गर्त में ले जा रही है. मेरी तरह राजेन्द्र जी, इंदु कश्यप, ऊषा विद्यार्थी जैसे लोग भी हैं जो एक व्यक्ति की मनमानी की वजह से पार्टी छोड़ने को मजबूर हुए हैं. ये भी पार्टी के समर्पित लोग हैं. रही टिकट की बात तो कार्यकर्ताओं का रोना मुझसे देखा नहीं गया. सुशील जी ने साजिश के तहत सासाराम सीट नीतीश को दी और उन्होंने बहुत की खराब प्रत्याशी उतारा है. इससे कार्यकर्ता दु:खी हैं. उनकी जिद पर ही मैंने चिराग जी को फोन किया और उन्होंने खुशी के साथ मुझे सिंबल दिया.
युवा चिराग पासवान के साथ
रामेश्वर चौरसिया ने कहा कि चिराग पासवान का चेहरा युवाओं को अपील कर रहा है. हर वर्ग के लोग उनके साथ जुड़ रहे हैं. उनकी बातों में तर्क होता है. इस बार भले ही कागज पर बीजेपी के साथ जेडीयू का गठबंधन हो लेकिन असल में गठबंधन बीजेपी और एलजेपी का ही है. यदि यही चीज कागज पर आ जाती तो हम भारी बहुमत से सरकार बना सकते हैं.
मुझ पर चली थी रविशंकर जी को लगी गोली
इंटरव्यू के दौरान 2005 की चुनावी सभा में रविशंकर जी को गोली लगने की घटना का जिक्र आया. इस घटना के बारे में रामेश्वर चौरसिया ने बताया कि नोखा सीट पर एक ही परिवार का कब्जा रहा है. मैं वहां से दो बार जीता तो मेरी जीत लोगों को हजम नहीं हुई. 2005 की सभा में मंच पर मैं, प्रमोद महाजन जी और रविशंकर जी थे. हमलावर युवक मंच के पीछे से आया. उसका निशाना मैं था. मेरे पीछे रविशंकर जी भाषण दे रहे थे. मैं माला लेने के लिए झुका उसी वक्त युवक ने गोली चलाई जो रविशंकर जी को जा लगी थी. ये सब एक साजिश का हिस्सा था. वो युवक कुछ कबूलता उसके पहले उसे मार दिया गया.
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