ये मुहावरा तो आपने सुना ही होगा 'दिया तले अंधेरा'. ये मुहावरा आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर सटीक बैठता है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के पैतृक गांव फुलवरिया के विधानसभा क्षेत्र हथुआ में अब तक लालटेन नहीं जल सकी है. आरजेडी के प्रत्याशी पिछले पांच चुनावों से लगातार हार का सामना कर रहे हैं. इस विधानसभा सीट पर सर्वाधिक कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है, तो वहीं पिदले दो विधानसभा चुनावों से इस सीट पर जेडीयू का दबदबा है.
कभी नहीं जीती आरजेडी
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की पार्टी हथुआ विधानसभा क्षेत्र से कभी जीत नहीं पाई है, जबकि उनका पैतृक गांव इसी विधानसभा क्षेत्र में है. ये हालात तब हैं, जब लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए फुलवरिया गांव को प्रखंड व अंचल का दर्जा दिलाया. इतना ही नहीं लालू प्रसाद यादव ने फुलवरिया में निबंधन कार्यालय, बैंक, रेफरल अस्पताल, हेलीपैड जैसे विकास कार्यो की झड़ी लगा दी. फिर भी इस क्षेत्र के मतदाता उनके प्रत्याशी को विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं देते.
लालू के गांव पर सबकी नजर
आरजेडी सुप्रीमो का पैतृक गांव इस विधानसभा क्षेत्र में होने को लेकर इस सीट पर सबकी दिलचस्पी बढ़ जाती है. यह विधानसभा क्षेत्र पहले मीरगंज विधानसभा के नाम से जाना जाता था. इसका अस्तित्व हथुआ के रूप में 2010 में आया. हालांकि परिसीमन के बाद भी केवल नाम में ही बदलाव हुआ.
कभी कांग्रेस के खाते में रहती थी ये सीट
आंकड़ों पर नजर डालें तो आजादी के बाद सन 1952 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के जर्नादन भगत को जीत मिली थी. इसके बाद 1957, 1969, 1972, 1985 में यानी पांच बार कांग्रेस का इस सीट पर कब्जा रहा. वहीं 2005 से लगातार इस विधानसभा से जेडीयू के रामसेवक सिंह चुनाव जीत रहे हैं.
सबसे अधिक बार जीती कांग्रेस, चार बार से जीत रही जेडीयू
वर्ष जीते हारे
1952 जनार्दन भगत (कांग्रेस) प्रभुनाथ तिवारी (प्रजा सोशलिस्ट पार्टी)
1957 जनार्दन भगत (कांग्रेस) प्रभुनाथ तिवारी (प्रजा सोशलिस्ट पार्टी)
1962 प्रभुनाथ तिवारी (प्रजा सोशलिस्ट पार्टी) जनार्दन भगत (कांग्रेस)
1967 शिया बिहारी शरण (कांसोपा) प्रभुनाथ तिवारी (प्रजा सोशलिस्ट पार्टी)
1969 अनंत प्रसाद सिंह (कांग्रेस) विश्वनाथ सिंह (सीपीएम)
1972 अनंत प्रसाद सिंह (कांग्रेस) एमएस अब्दुल्ला (सोशलिस्ट पार्टी)
1977 भवेश चंद्र प्रसाद (जनता पार्टी) अनंत प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
1972 अनंत प्रसाद सिंह (कांग्रेस) एमएस अब्दुल्ला (सोशलिस्ट पार्टी)
1977 भवेश चंद्र प्रसाद (जनता पार्टी) अनंत प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
1980 राजमंगल मिश्र (जनता दल) अनंत प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
1985 प्रभुदयाल सिंह (कांग्रेस) राजमंगल मिश्र (जनता दल)
1990 प्रभुदयाल सिंह (निर्दलीय) विश्वनाथ सिंह (सीपीएम)
1995 विश्वनाथ सिंह (सीपीएम) प्रभुदयाल सिंह (कांग्रेस)
2000 प्रभुदयाल सिंह (समता पार्टी) अब्दुल समद (निर्दलीय)
2005 फरवरी रामसेवक सिंह (जदयू) बाबूद्दीन खां (कांग्रेस)
2005 अक्टूबर रामसेवक सिंह (जदयू) बाबूद्दीन खां (कांग्रेस)
2010 रामसेवक सिंह (जदयू) राजेश कुमार सिंह (राजद)
2015 रामसेवक सिंह (जदयू) महाचंद्र प्रसाद सिंह (हम)
(इनपुट : सुनील कुमार तिवारी )
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