समस्तीपुर जिले में आने वाली रोसड़ा विधासनभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. बीजेपी ने विरेंद्र कुमार जबकि कांग्रेस ने नागेंद्र कुमार विकल को टिकट देकर मैदान में उतारा है. एलजेपी की तरफ से कृष्ण राज चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर तीन नवंबर को हुए मतदान में 54.92% पोलिंग दर्ज की गई.10 नवंबर को चुनाव के नतीजे आएंगे.
रोसड़ा विधासनभा सीट की गिनती बिहार की अहम सीटों में होती है. अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित इस विधानसभा क्षेत्र के तहत रोसड़ा सामुदायिक विकास प्रखंड, रोसड़ा सामुदायिक विकास खंड, सिंघिया सामुदायिक प्रखंड की ग्राम पंचायतों के फुलेहरा, लिलहुल, सिंघिया-1, सिंघिया- 2, सिंघिया-3, महेन, वारी, निरपुर भररिआ, बंगरहटा, हरदिया, माहरा और कोठार के साथ साथ शिवपुर नगर सामुदायिक विकास प्रखंड की शंकरपुर, जाखड़ धरमपुर, गवाही, डसौत, रहियार उत्तर, रहियार दक्षिण, बल्लीपुर, बांदर, करैन, रानीपर्ती और राजौर रामभद्रपुर ग्राम पंचायतें आती हैं.
क्या रहे 2015 के नतीजे
रोसड़ा विधानसभा सीट पर 2015 के विधानसभा चुनाव में महागबंधन की तरफ से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अशोक कुमार ने जीत हासिल की थी. डॉ. अशोक कुमार ने 85,506 (52.6%) मतों के साथ जीत हासिल की थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उम्मीदवार मंजू हजारी को 51,145 (31.5%) मतों के साथ दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के प्रत्याशी इंदल पासवान 9,543 (5.9%) वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.
2010 के चुनावों में बीजेपी की उम्मीदवार मंजू हजारी ने 57,930 (45.3%) मतों के साथ जीत हासिल की थी. वहीं राष्ट्रीय
जनता दल (राजद) के प्रत्याशी पितांबर पासवान 45,811(35.8%) मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि कांग्रेस नेता सरिता देवी 13,914 (10.9%) वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थीं.
इससे पहले, अक्टूबर 2005 और फरवरी 2005 के दोनों विधानसभा चुनावों में राजद उम्मीदवार गजेंद्र प्रसाद सिंह ने लगातार जदयू के प्रत्याशी अशोक कुमार को शिकस्त दी थी. वर्ष 2000 में जदयू के अशोक कुमार ने राजद के गजेंद्र प्रसाद सिंह को मात दी थी. इससे पहले 1995 और 1990 के दोनों चुनावों में गजेंद्र प्रसाद सिंह जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े थे और कांग्रेस के रामाश्रय रॉय और रामाकांत झा को मात दी थी.
लोक दल के टिकट पर भोला मंदर ने कांग्रेस के नरायण चौधरी को 1985 में मात देकर विधानसभा पहुंचे थे. कांग्रेस (आई) के रामाश्रय राय ने जनता पार्टी के राम लखन सिंह को हराया था. निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे प्रयाग मंडल ने कांग्रेस के रामाश्रय राय को 1977 के विधानसभा चुनावों में शिकस्त दी थी.
मौजूदा विधायक
डॉ. अशोक कुमार ने हमेशा कांग्रेस का दामन थामे रखा. उन्होंने 1990 में पहली बार सिंघिया विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की. चार बार इस सीट से जीते. 2002 के परिसीमन के बाद सिंघिया विधानसभा सीट समाप्त हो गई. इसके बाद वह रोसड़ा से लड़े. 2010 में इस सीट पर उनका मुकाबला बीजेपी की मंजू हजारी से हुआ जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा. लेकिन 2015 में बिहार का चुनावी समीकरण बदल गया. राजद, कांग्रेस और जदयू एक साथ थे. महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस के हिस्से में गई और डॉ. अशोक को जीत मिली.
रोसड़ा सीट का जातिगत समीकरण
रोसड़ा विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी जनगणना 2011 के मुताबिक 486959 है. इसमें 93.6% जनसंख्या गांवों में रहती है जबकि 6.4% लोग शहरों में रहते हैं. इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति का अनुपात क्रमशः 19.53 और 0.02 है. 2019 की मतगणना सूची के मुताबिक 309289 वोटर्स हैं. 2015 के विधानसभा चुनावों में यहां 54.95% मतदान हुआ था.