scorecardresearch
 

सकरा विधानसभा: JDU के अशोक कुमार की जीत, कांग्रेस हारी

मुजफ्फरपुर जिले का सकरा विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट से लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी के लाल बाबू राम विधायक हैं.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एनडीए ने हासिल की बड़ी जीत
  • वोटरों पर नहीं चला महागठबंधन का जादू
  • अंतिम चरण में 7 नवंबर को मतदान

मुजफ्फरपुर जिले का सकरा विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. सकरा विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) की ओर से जनता दल(यूनाइटेड) उम्मीदवार अशोक कुमार चौधरी विजयी रहे. उन्होंने महागठबंधन की ओर से कांग्रेस प्रत्याशी उमेश कुमार राम को कड़े मुकाबले में शिकस्त दी. दोनों प्रत्याशियों के बीच जीत का अंतर महज 1,537 वोट रहा.

Advertisement


अशोक कुमार चौधरी को जहां 67,265 वोट मिले, वहीं उमेश कुमार राम 65,728 वोट हासिल किए. जेडीयू को कुल वोट का 40.25 फीसदी वोट हासिल हुए, वहीं कांग्रेस को 39.33 फीसदी मत हासिल हुआ. तीसरे नंबर पर लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार संजय पासवान रहे, जिन्हें 13,487 वोट हासिल हुए. 4,392 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना.

 

Sakra assembly election 2020
सकरा विधानसभा का चुनावी नतीजा




62.93 फीसदी हुई थी वोटिंग

मुजफ्फरपुर जिले की सकरा सीट के लिए मतदान तीसरे और अंतिम चरण में 7 नवंबर को हुआ. सकरा के 62.93 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. एनडीए बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब रही.

इस सीट से लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के लाल बाबू राम विधायक 2015 में चुने गए थे. इस बार इस सीट से कांग्रेस ने उमेश कुमार राम और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने अशोक कुमार चौधरी को टिकट दिया था.

Advertisement

सकरा सीट से लोक जनशक्ति पार्टी ने संजय पासवान, बहुजन समाज पार्टी ने गीता कुमारी, जन अधिकार पार्टी ने सुरेश कुमार को टिकट दिया. सबका प्रदर्शन बेहद खराब रहा.


2015 का चुनाव

पिछले चुनाव में आरजेडी के लाल बाबू राम ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अर्जुन राम को हराया था. लाल बाबू ने बीजेपी के अर्जुन को 13 हजार से अधिक वोट से पराजित किया था. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरे आरजेडी के लाल बाबू को 75 हजार 10 वोट मिले थे. वहीं, लाल बाबू के निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के अर्जुन को 61 हजार 998 वोट मिले थे. तब सकरा विधानसभा सीट से 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे.

सकरा विधानसभा सीट के चुनावी अतीत की बात करें तो साल 2010 के चुनाव में जेडीयू ने सुरेश चंचल को चुनाव मैदान में उतारा था. सुरेश चंचल ने आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे लाल बाबू राम को मात दी थी. तब लाल बाबू को करीब 13 हजार वोट से शिकस्त मिली थी. सुरेश चंचल को 55 हजार से अधिक वोट मिले थे, जबकि लाल बाबू राम को 42 हजार से अधिक वोट मिले थे.

क्या कहता है चुनावी अतीत

Advertisement

सकरा विधानसभा सीट पर 1977 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी के शिवनंदन पासवान ने कांग्रेस के फकीर चंद राम को पराजित किया था. 1980 के चुनाव में कांग्रेस के फकीरचंद राम ने जनता पार्टी सेक्यूलर के पलटन राम को हराया था. 1985 में लोक दल के शिवनंदन पासवान, 1990 और 1995 में जनता पार्टी के कमल पासवान इस सीट से विजयी रहे थे.

साल 2000 के चुनाव में आरजेडी के डॉक्टर शीतल राम ने जेडीयू के बिलाल पासवान को शिकस्त दी थी. फरवरी 2005 के चुनाव में जेडीयू के बिलाल पासवान ने डॉक्टर शीतल राम और अक्टूबर 2005 के चुनाव में आरजेडी के लाल बाबू राम को पटखनी दी थी. 2010 के चुनाव में जेडीयू उम्मीदवार सुरेश चंचल विजयी रहे थे. 2015 में यह सीट महागठबंधन से आरजेडी के खाते में गई थी. आरजेडी ने इस सीट से लाल बाबू राम को टिकट दिया था.

 

Advertisement
Advertisement