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बड़हरिया: RJD उम्‍मीदवार के लिए गले की फांस बना अतीत, किसे मिलेगा फायदा?

ऐसा माना जा रहा था कि राजद अपने पुराने नेता डॉक्‍टर अशरफ अली को टिकट देगी लेकिन इसके उलट पार्टी ने अपने माई (मुस्लिम और यादव) समीकरण को नजरअंदाज करते हुए ब्राह्मण उम्‍मीदवार को मैदान में उतारा है.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2015 में जेडीयू उम्‍मीदवार को मिली थी जीत
  • बच्‍चा पांडे 2015 में लोजपा से लड़े थे चुनाव
  • इससे राजद के भीतर चल रहा है घमासान

बिहार के सिवान जिले में बड़हरिया विधानसभा सुर्खियों में है. सुर्खियों में रहने की वजह बड़हरिया के जेडीयू विधायक श्‍याम बहादुर सिंह हैं. दरअसल, श्‍याम बहादुर सिंह अपने डांस के लिए काफी फेमस हैं और इन दिनों वोटर्स के सामने भी कमर हिलाते नजर आ रहे हैं. महागठबंधन ने श्‍याम बहादुर सिंह के खिलाफ राजद के बच्‍चा पांडे को मैदान में उतारा है. ऐसा माना जा रहा था कि राजद अपने पुराने नेता डॉक्‍टर अशरफ अली को टिकट देगी लेकिन इसके उलट पार्टी ने अपने माई (मुस्लिम और यादव) समीकरण को नजरअंदाज करते हुए ब्राह्मण उम्‍मीदवार को मैदान में उतारा है. 
  
राजद की मुश्किल
बच्‍चा पांडे को टिकट मिलने से राजद में स्‍थानीय स्‍तर पर नाराजगी है. खासतौर पर मुस्लिम वोटर्स ज्‍यादा खफा हैं. बच्‍चा पांडे 2015 में लोजपा से किस्‍मत आजमा चुके हैं. वह चुनाव तारीखों के ऐलान से कुछ दिन पहले ही राजद में शामिल हुए हैं. साल 2015 के चुनाव में लोजपा उम्‍मीदवार बच्‍चा पांडे और उनके भाई टुन्‍ना पांडे ( बीजेपी समर्थित एमएलसी) पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप लगे थे.

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अब यही मामला एक बार फिर तूल पकड़ता दिख रहा है. इसी आधार पर विरोधी बच्‍चा पांडे और उनके भाई को घेर रहे हैं. हाल ही में चुनाव प्रचार के दौरान स्‍थानीय मीडिया ने टुन्‍ना पांडे से इस पर सवाल पूछा तो वो भड़क गए. आपको बता दें कि टुन्‍ना पांडे चर्चित शराब कारोबारी हैं. वह पॉक्सो एक्ट के तहत जेल की हवा भी खा चुके हैं. टुन्ना पांडे पर ट्रेन में लड़की से छेड़छाड़ के आरोप लगे थे. ऐसे में इस मामले को भी विरोधी उम्‍मीदवार भुना रहे हैं.

मुस्लिम वोटर्स किधर जाएंगे? 
बड़हरिया विधानसभा में मुस्लिम वोटर्स निर्दलीय उम्‍मीदवार डॉक्‍टर अशरफ अली की तरफ जा सकते हैं. अशरफ अली पेशे से डॉक्टर हैं और काफी समय से बड़हरिया में प्रैक्टिस कर रहे हैं. विधानसभा क्षेत्र में मुफ्त इलाज और गरीब अस्पताल चलाने की वजह से चर्चित रहते हैं. इसके अलावा रिजवान अहमद भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.

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रिजवान अहमद भी राजद के वोटबैंक में सेंध लगा सकते हैं. बड़हरिया विधानसभा से रालोसपा की उम्मीदवार वंदना सिंह कुशवाहा के चुनाव लड़ने से भी एनडीए और महागठबंधन, दोनों ही उम्‍मीदवारों की टेंशन बढ़ गई है. बहरहाल, देखना अहम होगा कि इस सीट पर कौन बाजी मारता है.   

श्‍याम बहादुर सिंह का क्‍या हाल?
तमाम आलोचनाओं के बावजूद जेडीयू उम्‍मीदवार श्‍याम बहादुर सिंह मजबूत दावा ठोक रहे हैं. जेडीयू के श्याम बहादुर सिंह लगातार बड़हरिया से जीत रहे हैं. इससे पूर्व एक बार वे जीरादेई के विधायक भी रह चुके हैं. श्‍याम बहादुर सिंह अपने डांस की वजह से काफी चर्चित हैं.

 

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