केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कृषि बिल के मसले पर पूरे देश में हल्ला बोल जारी है. बिहार चुनाव में भी इसकी गूंज सुनाई दे रही है. बुधवार को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने इस मसले पर मोदी सरकार को घेरा. तेजस्वी ने सरकार से सवाल किया कि एमएसपी के मसले को बिल में शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि इस तरह के विधेयक लाकर मोदी सरकार खेती का निजीकरण करने की ओर बढ़ रही है. तेजस्वी बोले कि अब अन्नदाता को भी सरकार अपने फंडदाताओं के हवाले कर रही है. इस कानून के खिलाफ पंजाब और हरियाणा में आंदोलन जारी है, जिसका असर बिहार में भी दिखने वाला है.
तेजस्वी यादव बोले कि सरकार ने लोगों को सपने दिखाए कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होगी, लेकिन इससे किसानों की आय और घट जाएगी. RJD नेता ने आरोप लगाया कि इस तरह के बिल से देश में कालाबाजारी और बढ़ेगी और सबसे अधिक मुश्किल छोटे किसानों को होगी.
राजद नेता ने कहा कि नीतीश सरकार ने भी 2006 में APMC को रद्द किया था, वो बताएं कि इससे क्या घाटा हुआ. मोदी सरकार को बताना चाहिए कि आप एक देश एक मंडी की बात करते हो तो फिर एक देश एक एमएसपी की बात क्यों नहीं करते हो.
तेजस्वी ने सवाल किया कि अब अमीर कारोबारी सीधे किसान से फसल खरीदेंगे, क्या सरकार ने ये बताया है कि जो किसान मोल-भाव नहीं करना जानते उनका क्या होगा. तेजस्वी बोले कि विधेयक को तुरंत वापस लिया जाए, वरना 25 सितंबर को बिहार की सड़कों पर इसके खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा. पूर्व डिप्टी सीएम ने आरोप लगाया कि जब सरकार अपने सबसे पुराने साथी को नहीं समझा पाई तो फिर किसान को कैसे समझाएगी.