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वाल्मीकि नगर विधानसभा सीटः पिछली बार निर्दलीय प्रत्याशी ने मारी बाजी, महागठबंधन को दी थी मात

वाल्मीकि नगर विधानसभा सीट बिहार विधानसभा में विधानसभा क्षेत्र के रूप में क्रम संख्या 1 के रूप में दर्ज है. यह विधानसभा सीट पश्चिम चंपारण जिले में आती है. साथ ही यह विधानसभा क्षेत्र वाल्मीकि नगर संसदीय क्षेत्र का एक हिस्सा है.

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निर्दलीय प्रत्याशी के हाथों कांग्रेस को मिली थी हार (फाइल-पीटीआई)
निर्दलीय प्रत्याशी के हाथों कांग्रेस को मिली थी हार (फाइल-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2008 में अस्तित्व में आई यह विधानसभा सीट
  • 2015 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार को मिली थी जीत
  • 2015 के चुनाव में मैदान में थे 13 उम्मीदवार

वाल्मीकि नगर विधानसभा सीट बिहार विधानसभा में विधानसभा क्षेत्र के रूप में क्रम संख्या 1 के रूप में दर्ज है. यह विधानसभा सीट पश्चिम चंपारण जिले में आती है. साथ ही यह विधानसभा क्षेत्र वाल्मीकि नगर संसदीय क्षेत्र का एक हिस्सा है. यहां पर चुनाव ऐसे समय होने जा रहा है जब कोरोना संक्रमण से पूरा राज्य प्रभावित है.

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इस सीट का इतिहास बहुत पुराना नहीं है. 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद वाल्मीकि नगर विधानसभा क्षेत्र का निर्माण किया गया था. इस तरह से इस सीट पर महज 2 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं.

2015 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो 5 साल पहले हुए चुनाव में इस विधानसभा सीट पर 2,93,856 मतदाता थे जिसमें 1,84,834 मतदाताओं ने वोट डाले जिसमें 1,78,067 वोट वैलिड पाया गया. इस सीट पर 62 फीसदी वोट पड़े थे. चुनाव में 13 उम्मीदवार मैदान में थे जिसमें 5 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में थे.  

धीरेंद्र प्रताप सिंह जीते चुनाव
चुनाव में यहां से निर्दलीय प्रत्याशी धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह ने 33,580 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस के इरशाद को चुनाव में हराया था. धीरेंद्र को कुल वोट का 36.17 फीसदी वोट यानी 66,860 वोट मिले थे. इरशाद को 33,280 वोट मिले थे. जबकि नोटा के पक्ष में 6,767 वोट पड़े. 2015 के चुनाव में जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस महागठबंधन के रूप में चुनाव लड़ रहे थे और यह सीट कांग्रेस को दी गई थी लेकिन उसे हार मिली. 

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चुनाव जीतने वाले धीरेंद्र सिंह उच्च शिक्षा प्राप्त नेता हैं. उन्होंने एलएलबी की डिग्री हासिल की है. वह खेती और बिजनेस करते हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव मे दाखिल हलफनामे के अनुसार उन पर एक आपराधिक केस चल रहा है. उनके पास 3,09,01,937 रुपये की कुल संपत्ति है.

2010 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट से जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राजेश सिंह ने जीत हासिल की थी. उन्होंने आरजेडी के मुकेश कुमार कुशवाहा को हराया था.

2015 में 57 फीसदी मतदान
2015 में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो राज्य में 6,68,26,658 मतदाता थे जिसमें 3,81,19,212 लोगों ने वोट डाले. 243 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में 57.0 फीसदी वोट पड़े थे. 57 फीसदी वोट में 9,47,276 वोट यानी 2.4 फीसदी वोट नोटा में पड़े.

पार्टी आधार पर देखें तो सबसे ज्यादा सीट राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को मिली. आरजेडी ने 80 सीट तो जनता दल यूनाइटेड ने 71 सीटों पर जीत हासिल की. बीजेपी को 53, कांग्रेस को 27 और 4 निर्दलीय प्रत्याशियों को जीत मिली थी. जबकि 8 सीटों पर छोटे दलों के नेताओं ने जीत हासिल की थी.

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