
समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली वारिसनगर विधानसभा सीट पर जेडीयू और भाकपा माले के बीच मुख्य मुकाबला देखने को मिला. जेडीयू के अशोक कुमार ने जीत हासिल की. उन्होंने 13801 मतों से साथ भाकपा-माले के उम्मीदवार फूलबाबू सिंह को मात दी है. अशोक कुमार को 68356 (35.97%) मत मिले, जबकि फूलबाबू सिंह को 54555 (28.71%) वोट मिले.
जन अधिकार पार्टी के मोहम्मद नौशाद को 3527(1.86%), एलजेपी की उर्मिला सिन्हा को 23928 (12.59%), आरएलएसपी के बीके सिंह को 7932 (4.17%) वोट मिले. इस सीट पर सात नवंबर को हुए चुनाव में 58.85% मतदान दर्ज किया गया.
मुख्य उम्मीदवार
जेडीयू-अशोक कुमार
जन अधिकार पार्टी-मोहम्मद नौशाद
एलजेपी- उर्मिला सिन्हा
सीपीआईएमएल-फूलबाबू सिंह
आरएलएसपी-बीके सिंह
क्या थे 2015 के नतीजे
वारिसनगर विधानसभा सीट पर 2015 के चुनाव में JDU अपनी जीत दोहराने में कामयाब रही थी. 2015 के चुनाव में जेडीयू के उम्मीदवार अशोक कुमार ने जीत हासिल की थी. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के चंद्रशेखर राय को शिकस्त दी थी.
जेडीयू के उम्मीदवार अशोक कुमार 2010 के विधानसभा चुनावों में भी जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे. 2010 के चुनावों में उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राष्ट्रीय जनता दल (आरेडी) के गजेंद्र प्रसाद सिंह को मात दी थी. हालांकि 2009 के विधानसभा उप चुनाव में एलजेपी के विश्वनाथ पासवान ने जीत हासिल की थी, लेकिन 2010 के चुनाव ने यह सीट जेडीयू के खाते में चली गई.
लोक जनशक्ति पार्टी के महेश्वर हजारी ने 2005 के चुनाव में RJD के भिखार बैठा को शिकस्त दी थी. महेश्वर हजारी अक्टूबर 2005 के चुनावों में आरजेडी के संजय पासवान को मात दी थी. वहीं वर्ष 2000 के चुनाव में जेडीयू के राम सेवक हजारी ने आरजेडी के भिखार बैठा को मात दी थी और जीत अपनी झोली में डाल ली थी.
देखें: आजतक LIVE TV
इसी तरह, जनता दल के पितांबर पासवान ने कांग्रेस के परमेश्वर राम को 1995 और 1990 में शिकस्त दी थी. सेवक हजारी ने स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस के श्यामा कुमारी को 1985 में हराया था. जबकि 1980 में जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे पितांबर पासवान ने कांग्रेस (आई) के परमेश्वर राम को मात दी थी. वारिसनगर निर्वाचन क्षेत्र में 282076 मतदाता हैं जिनमें महिलाओं का प्रतिशत 46.62 फीसदी है.
वारिसनगर विधानसभा क्षेत्र
वारिसनगर निर्वाचन क्षेत्र ग्रामीण इलाके से मिलकर बना है. पिछले दो चुनाव से पूर्व यह क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था. परिसीमन में बदलाव के बाद इस निर्वाचन क्षेत्र का आरक्षण का दर्जा खत्म कर दिया गया है. वारिसनगर के लोगों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. इस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मुक्तापुर स्थित बाजार समिति उत्तर बिहार के लिए मशाला का सबसे बड़ा बाजार है. यहां से करोड़ों का कारोबार महीनों में होता है.
जातीय समीकरण
वारिसनगर विधानसभा क्षेत्र की 2011 की जनगणना के मुताबिक कुल आबादी 472523 है. इसमें 98.39% आबादी गांवों में रहती है जबकि 1.61% लोग शहरों में रहते हैं. इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का अनुपात क्रमशः 19.11 और 0.05 फीसदी है. 2019 की मतदाता सूची के मुताबिक इस निर्वाचन क्षेत्र में 304268 मतदाता है जो 301 पोलिंग बूथों पर वोटिंग करते हैं. 2015 के विधानसभआ चुनाव में इस सीट पर 60.12% मतदान हुआ था.